A Unique Collector : वायरल फोटो देखकर कलेक्टर द्रवित, परिवार को मदद दी!
Shyopur : भट्टी जैसी तपती सड़क पर तीन मासूम बच्चों के साथ जाती एक लाचार मां की ये तस्वीर यह बताने के लिए काफी है, कि प्रदेश में गरीबी की हालत क्या है! इस महिला के लिए 45 से 50 डिग्री तपन क्या होगी, इस बात की सिर्फ कल्पना की जा सकती है। उसके पास बच्चों के लिए चप्पल खरीदने पैसे नहीं थे, तो सड़क की तपन से मासूम बेटियों को बचाने के लिए पैरों में पॉलीथिन पहना दी! ताकि, बच्चों के पैरों को झुलसने से बचाया जा सकें।
जब यह तस्वीर वायरल हुई और कलेक्टर शिवम् वर्मा को इसके बारे में पता चला तो उन्होंने महिला बाल विकास विभाग को निर्देश दिए इस महिला और बच्चियों को ढूंढकर जनसुनवाई में लाया जाए। जब इन्हें जनसुनवाई गया तो देखकर कलेक्टर द्रवित हो गए। कलेक्टर ने बच्चों के लिए चप्पलें मंगवाई और अपने हाथों से चप्पल पहनाई। उन्हें नए कपड़े भी दिए गए। कलेक्टर ने महिला रुक्मणी के परिवार को राशन कार्ड सहित अन्य आर्थिक सहायता भी सरकारी योजनाओं से उपलब्ध कराई।
कलेक्टर का अलग ही रूप देखकर जनसुनवाई में मौजूद हर कोई हैरान था। जानकारी के अनुसार, महिला के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। परिवार शहर के वार्ड क्रमांक 8 की एक झोंपड़ी में रहता है। पिता सूरज को टीबी है। घर चलाने के लिए रुकमणी मजदूरी करती हैं। तीनों लड़कियों की पहचान काजल, खुशी और महक के नाम से हुई। कलेक्टर ने बच्चियों के सिर पर हाथ फेर कर कहा ”तुम चिंता मत करना, मैं हूं ना!’
कलेक्टर काजल, खुशी और उनके पिता को देखकर भावुक हो गए। उन्होंने पहले सूरज से परिवार की स्थिति और रोजगार सहित सरकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है या नहीं, इसकी जानकारी ली। परिवार को तत्काल 10 हजार रुपए की नकद आर्थिक सहायता दिलाई गई। डीईओ को निर्देश दिए कि दोनों बच्चियों के नाम फॉस्टर केयर योजना में जोड़ते हुए प्रतिमाह आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। इसके अलावा स्कूल में प्रवेश देकर किताबें, ड्रेस आदि उपलब्ध करवाएं। राशन के लिए पात्रता पर्ची जनरेट कराने के निर्देश भी खाद्य विभाग को दिए। महिला के पति के इलाज के बारे में डॉक्टरों से जानकारी ली गई। उसके इलाज संबंधी समुचित प्रबंध कराया जाएगा। शासकीय योजना के तहत घर में राशन की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
श्योपुर कलेक्टर शिवम वर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री के कहने पर हर मंगलवार को जनसुनवाई आयोजित की जाती है। आने वाले सभी पात्र हितग्राहियों की समस्याओं का समाधान कर सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जाता है, उसी के तहत इस आदिवासी परिवार की मदद की गई। एक खास यह कि हर कोने से गरीबी की झांकती यह तस्वीर श्योपुर के मीडियाकर्मी इंसाफ कुरैशी ने अपने कैमरे में कैद की। उन्होंने महिला को कुछ पैसे भी दिए थे। जब सोशल मीडिया पर भी यह फोटो वायरल हुई उसके बाद प्रशासन को जानकारी मिली और एक पात्र आदिवासी परिवार को सरकार की योजनाओं का लाभ मिला।