Bank Locker Rules : बैंक लॉकर्स के नए नियम 1 जनवरी से लागू!

जानिए क्या बदलाव किए हैं आरबीआई ने!

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Bank Locker Rules : बैंक लॉकर्स के नए नियम 1 जनवरी से लागू!

New Delhi : सभी लेंडर्स को आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के नियमों और दिशा-निर्देशों के अनुरूप भारतीय बैंक संघ IBA द्वारा तैयार किए गए ‘मॉडल लॉकर एग्रीमेंट’ का उपयोग करने का निर्देश दिया है। बैंक सेफ्टी बढ़ाने के लिए एक कदम आगे बढ़ते हुए, RBI ने देशभर के बैंकों को 1 जनवरी, 2023 तक मौजूदा लॉकर कस्टमर्स के साथ अपने लॉकर एग्रीमेंट रिनुअल करने का निर्देश दिया था।

केंद्रीय बैंक के इस कदम से बैंक के लॉकर के उपयोग को लेकर अनिवार्य नियमों में कई बदलाव होंगे। इसके बाद से जिन ग्राहकों के अलग-अलग बैंकों में लॉकर हैं, उन्हें भी लॉकर एग्रीमेंट को लेकर अलर्ट और मैसेज मिलने शुरू हो गए। ग्राहकों को 31 दिसंबर से पहले गाइडलाइंस का पालन करने की भी हिदायत दी गई है।

आरबीआई के निर्देशों के मुताबिक, गाइडलाइंस जारी कर बैंकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि उनके लॉकर एग्रीमेंट में कोई अनुचित नियम या शर्तें शामिल नहीं हैं। गाइड लाइन के अनुसार बैंक के हितों को सुरक्षित करने के लिए एग्रीमेंट की शर्तें काफी आसान एवं सरल हैं।

आरबीआई ने सभी लेंडर्स को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और दिशा-निर्देशों के अनुरूप भारतीय बैंक संघ IBA द्वारा तैयार किए गए मॉडल लॉकर एग्रीमेंट का उपयोग करने का निर्देश दिया।

सभी लॉकर होल्डर्स को स्पेसिफाइड डेट से पहले रिनुअल एग्रीमेंट पर साइन करना होगा। बैंकों को स्ट्रांग रूम की एंट्री और एग्जिट प्वाइंट्स और ऑपरेशन के जनरल एरिया में सीसीटीवी कैमरे लगाने का भी निर्देश दिया गया। उन्हें यह आश्वासन देना होगा कि रिकॉर्डिंग को कम से कम 180 दिनों की अवधि के लिए प्रिजर्व करके रखा जाएगा। यदि किसी ग्राहक ने शिकायत की है कि उनके लॉकर में उनकी जानकारी या अनुमति के बिना प्रवेश किया गया था या यदि कोई चोरी या सुरक्षा उल्लंघन पाया जाता है, तो पुलिस जांच पूरी होने तक और विवाद का समाधान होने तक बैंक को सीसीटीवी रिकॉर्डिंग रखनी होगी।

प्रोडक्ट वैल्यू से ज्यादा रिकवरी
आग या इमारत गिरने के कारण तिजोरी में रखा कीमती सामान लूट लिया जाता है या खो जाता है, तो जमाकर्ता अब बैंक शुल्क का 100 गुना तक प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, बैंक प्राकृतिक आपदाओं या ‘ईश्वरीय कृत्यों’ से होने वाली लॉकर की सामग्री के किसी भी नुकसान या नुकसान के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।

सभी लेंडर्स को लॉकर के आवंटन के दौरान फिक्स्ड डिपॉजिट की मांग करने की अनुमति दी गई है। जिसे तीन साल के किराए के रूप में एकत्र किया जाएगा। हालांकि, लेंडर मौजूदा लॉकर होल्डर्स या सैटिसफैक्टरी ऑपरेशनल अकाउंट्स वाले लोगों से इस तरह के टर्म डिपॉजिट पर जोर नहीं दे सकते।

जब्ती से पहले ग्राहकों को सूचना
नई गाइडलाइन के अनुसार यदि किसी सरकारी प्राधिकरण ने लॉकर या सुरक्षित अभिरक्षा के लिए जमा किए गए सामानों की कुर्की, वसूली या जब्ती के लिए उनसे संपर्क किया है, तो बैंक ग्राहक को लेटर के साथ-साथ ईमेल/एसएमएस द्वारा सूचित करेगा।