
बरमान का मेला -स्नान और पुलिस
राजीव शर्मा
महाकुंभ तो प्रयागराज में है किंतु भारतीय परंपरा में पवित्र स्नान की अवधारणा तो राष्ट्र व्यापी है .गंगा, यमुना, नर्मदा, ताप्ती,गोदावरी, कृष्णा, कावेरी,क्षिप्रा, चंबल के साथ असंख्य स्थानीय नदियों के तट तीज त्योहारों पर भक्तों श्रद्धालुओं को स्नान करते देखते हैं.जहाँ नदियाँ नहीं हैं वहाँ पवित्र सरोवर हैं .पुष्कर राजस्थान ,स्वर्ण मंदिर ,तिरूपति मंदिर सरोवर स्नानार्थियों से गूंजते रहते हैं.
नरसिंहपुर में नर्मदा जी के तट पर बरमान एक प्राचीन तीर्थ है और ब्रह्मा जी की तपोस्थली माना जाता है .इसी बरमान में प्रतिवर्ष एक विशाल और प्राचीन मेला मकर संक्रांति से प्रारंभ होता है .बरमान के अलौकिक भटे यहीं पाये जाते हैं.इसी मेले की यादें और मज़ेदार क़िस्से आज बताता हूँ.
धार्मिक मेलों में बाबा और श्रद्धालु ही नहीं आते, जेबकतरे और उठाई गीरे भी आते हैं .जब भी किसी मेले ठेले में जायें तो वे आपके स्वागत में तत्पर हाज़िर हैं.बरमान मेले में पुलिस थाना ,एसडीएम ,डीएम सबके टेंट लगते हैं .श्रद्धालु जब तट पर वस्त्र उतारकर नदी में स्नान कर परलोक सुधारते हैं तभी चोर उनके कपड़े लेकर रफ़ू चक्कर हो जाते हैं.पीड़ित भक्त अर्ध दिगंबर अवस्था में थाना टेण्ट में आते हैं और फ़रियाद लिखाते हैं .परंपरा से थाने के ठीक सामने शर्ट पेण्ट की दुकान नियत है .जहाँ फरियादी पुनः अपनी शील रक्षा कर सकता है .
इस मेले में एक मज़ेदार चीज़ राजनीतिक दलों के पंडाल भी है जहां प्रमुख दल आमने सामने माइक लगा एक दूसरे के सत्कर्मों के क़सीदे काढ़ते हैं .आप कुंभ जा रहे हैं तो लौटकर बताइये हमारे बरमान मेले सा मज़ा आया या नहीं .