Big statement of Digvijay Singh : खाद भी नहीं मिल रही और किसानों की पिटाई भी हो रही

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Big statement of Digvijay Singh

Big statement of Digvijay Singh : खाद भी नहीं मिल रही और किसानों की पिटाई भी हो रही

छतरपुर से राजेश चौरसिया की रिपोर्ट

छतरपुर: मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत पीरा गांव में एक शादी समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। जहां देर रात उन्होंने शादी समारोह के दौरान बयान जारी किया है। किसानों को खाद को लेकर हो रही परेशानी को लेकर सरकार पर निशाना साधा गया है।

●खाद की कलाबाजरी का कमीशन मुख्यमंत्री तक जाता है..
दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा यह जन जागरण यात्रा पूरे देश में है और जनता में बेहद नाराजगी है खासकर गरीब लोगों में, पूरे किसान गरीब मजदूर मध्यम व्यापारी सब परेशान और लूट मची हुई है खाद की कमी इतनी है कि ब्लेक में लेने को मजबूर हैं।

Big statement of Digvijay Singh : खाद भी नहीं मिल रही और किसानों की पिटाई भी हो रही

निवाड़ी में TI ने किसान को चांटा मार दिया है यहां खाद भी नहीं मिल रही है और पिटाई भी हो रही है किसानों की खुलेआम कालाबाजारी हो रही है यूरिया की बोरी 50 किलो की थी 45 किलो की कर दी है भाव 268 और व्यापारी खुलेआम चार सौ-साढ़े चार सौ बेच रहे हैं। बिल नहीं डें रहे हैं खुलेआम चोरीं जो रही है पूरा हिस्सा सरकारी कर्मचारी अधिकारी मंत्री मुख्यमंत्री तक पहुंच रहा है उनका हिस्सा कमीशन, शिक्षा के मामले में सरकार गंभीर नहीं है पूरी तरीके से शिक्षा अस्त-व्यस्त है।

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सरकारी स्कूलों से निकालकर लोग प्राईवेट स्कूलों में डाल रहे हैं। बच्चों को मिलने वाली साईकिल भी सबस्टैंडर्ड दी जाती है उसमें भी काफी कमीशनबाजी ली जाती है। साईकिलों की बाजार में बिक्री को लेकर कहा कि यह पूरा स्केंडल है। शासन से मिलने वाली स्कूली बच्चों की साईकिलों की कालाबाजारी को बेहद शर्मनाक है।

बाईट- दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) (पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद सदस्य)

●छतरपुर में बिक रहीं बच्चों की साईकिलें बाजार में..
आपको बता दें कि बीते दिनों स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़े एक मामले का खुलासा किया गया था जिसमें शासन द्वारा बच्चों को मुफ्त मिलने वाली साईकिलें बाजार में बिक रहीं थीं इन साईकिलों में मध्य प्रदेश शासन का “स्कूल चलें हम” का स्टीकर भी लगा पाया गया था। समस्त और सटीक जानकारी होने के बाजूद जिम्मेदार शासन प्रशासन अंडा हप्प और मौन है और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

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