BJP’s Mega Micro Planning: विधानसभा चुनाव के लिए BJP की मेगा माइक्रो प्लानिंग,हर 30 वोटर का मूड भांपने तैयार कर रही टीम

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BJP’s Mega Micro Planning: विधानसभा चुनाव के लिए BJP की मेगा माइक्रो प्लानिंग,हर 30 वोटर का मूड भांपने तैयार कर रही टीम

भोपाल: नवम्बर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा माइक्रो मैनेजमेंट पर मेगा प्लान पर एक्शन में जुट गई है और इस पर जून तक वर्किंग पूरी कर पार्टी इसके बाद इसके परिणामों पर मंथन करेगी। वोटर का मूड भांपने के लिए पार्टी ने हर तीस वोटर के बीच पांच से छह सदस्य ऐसे तैयार करने का फैसला किया है जो पार्टी को पहले बूथ और फिर मंडल व जिला स्तर पर अपनी रिपोर्ट देंगे। जिले से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश संगठन आगामी रणनीति पर अमल करेगा।

भाजपा ने तय किया है कि हर तीस वोटर के बीच बनाए जाने वाले पन्ना प्रभारी और पन्ना समिति के सदस्यों की भूमिका यह होगी कि वे अपने पन्ने में दर्ज वोटर के टच में रहें। उनसे सरकार के कामकाज को लेकर संवाद तो करें ही, साथ ही यह भी जानने की कोशिश करें कि इन वोटर्स का मूड कांग्रेस, भाजपा या अन्य दल में से किस ओर है। इन वोटर्स की रिपोर्ट पन्ना समिति अपने बूथ को देगी जो पूरे बूथ के मूड को आकलित कर इसकी रिपोर्ट पांच बूथों को मिलाकर बनाए गए शक्ति केंद्रों तथा विधानसभा प्रभारी और मंडल प्रभारी के साथ जिला पदाधिकारियों को देंगे। इतना ही नहीं बीजेपी ने इन पन्ना समिति सदस्यों को डिजिटल वर्किंग से जोड़ने के लिए यह भी तय किया है कि वे संगठन एप पर भी अपनी रिपोर्ट दर्ज करेंगे ताकि प्रदेश संगठन को भी इसकी जानकारी सीधे बगैर किसी हस्तक्षेप के मिलती रहे।

बताया जाता है कि इन रिपोर्ट्स के आधार पर जिले के वरिष्ठ नेताओं और संगठन पदाधिकारियों से मशविरे के बाद निगेटिव मूड वाले वोटर्स के बीच पार्टी पाजिटिव मूड बनाने कैम्पेनिंग करेगी और इसके लिए सामाजिक नेताओं के साथ बौद्धिक सम्मेलनों को जरिये वोटर्स को यह अहसास कराया जाएगा कि भाजपा ही सभी को साधने वाली पार्टी है। भाजपा सर्वस्पर्शी और सर्व समाज को मानने वाली और उसके लिए काम करने वाला दल है।

*सोशल मीडिया ग्रुप की मदद लेंगे समिति सदस्य* 

पार्टी सूत्रों का कहना है कि माइक्रो प्लानिंग में यह भी आधार तय किया जा रहा है कि वोटर्स को सरकार की हितग्राही मूलक योजनाओं की जानकारी देने के साथ उन्हें चुनावी व्यवस्थाओं से रूबरू कराने के लिए सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम समेत अन्य माध्यमों से उन्हें अपनी टीम से जोड़ेंगे और सरकार और संगठन की नीतियों, कार्यों से अवगत कराते रहेंगे।