Central Budget : बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव से किसे कितना फ़ायदा!

इनकम टैक्स स्लैब बदला, स्टैंडर्ड डिडक्शन लिमिट 75 हजार हुई

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Central Budget : बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव से किसे कितना फ़ायदा!

New Delhi : वर्तमान में 10 लाख या उससे अधिक आय वाले लोगों पर 30 फीसदी का टैक्स लगाया जाता है, जो सरकार के खाते में जमा होता है। टैक्स स्लैब में नए प्रस्ताव के मुताबिक 18 लाख रुपए तक की आय वाले लोगों को इसमें शामिल करने की बात कही गई है, जिससे लोगों को 30% टैक्स का भुगतान न करना पड़े।
सवाल है कि आखिर टैक्स में बदलाव का प्रस्ताव क्यों दिया गया! दरअसल, लागत मुद्रास्फीति सूचकांक साल 2012-13 में 200 था, जो कि 2024-25 के लिए बढ़कर 363 तक पहुंच गया है। इन आंकड़ों में अंतर के लिए प्रमुख रूप से बढ़ती महंगाई भी जिम्मेदार है। इस वजह से पुराने टैक्स स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव दिया गया है, जिससे बाजार संतुलन बना रहे।

वर्तमान में क्या है टैक्स स्लैब
2.5 लाख से 5 लाख रुपए की आय पर 5% टैक्स लगता है। वहीं, 5 से 10 लाख रुपये की इनकम पर 20% टैक्स लगता है। यदि किसी व्यक्ति की आय 10 लाख रुपये से अधिक होती है, तो उसे 30% टैक्स का भुगतान करना होता है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण केंद्रीय बजट मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया गया। इस बार के केंद्रीय बजट में सरकार के पास वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए कराधान (टैक्सेशन) के प्रावधानों में सुधार करने का मौका था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण के दौरान टैक्सेशन से जुड़ा कोई बड़ा बदलाव नहीं किया।

हालांकि, उन्होंने करीब एक करोड़ लोगों को टैक्स से जुड़े लाभ होने की बात कही। इस बार वित्त मंत्री ने नई कर प्रणाली में तीन से सात लाख रुपये तक 5% कर का प्रावधान किया है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि 3 रुपए तक की आमदनी पर करदाताओं को कोई टैक्स नहीं देना होगा। 7 से 10 लाख रुपये तक की आमदनी वालों के लिए 10% टैक्स का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री के अनुसार नए एलान से 4 करोड़ लोगों को नई कर प्रणाली में 17,500 रुपये तक का लाभ होगा।

कितनी आमदनी वालों को कितना टैक्स देना होगा
3,00,000 तक : शून्य
3,00,001 से 7,00,000: 5%
7,00,001 से 10,00,000: 10%
10,00,001 से 12,00,000: 15%
12,00,001 से 15,00,000: 20%
15,00,000 से ऊपर: 30%
– एंजेल टैक्स हटाया गया।

वित्त मंत्री ने एंजल टैक्स हटाने का ऐलान किया।
– चैरिटी के मामलों में दो अलग-अलग व्यवस्थाओं की जगह एक कर छूट व्यवस्था होगी।
– न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50 हजार से बढ़ाकर 75 कर दिया गया है।
– विभिन्न भुगतान के लिए पांच फीसदी टीडीएस की जगह दो फीसदी टीडीएस की व्यवस्था होगा।
– म्यूच्यूअल फंड्स या यूटीआई के री-परचेज पर 20% टीडीएस को वापस ले लिया गया है।
– ई कॉमर्स ऑपरेटर के लिए टीडीएस को एक फीसदी से घटाकर 0.1% कर दिया गया।
– टैक्स समाधान के लिए जन विश्वास-2.O पर काम जारी है।
– म्यूचुअल फंड के रिपरचेज पर टीडीएस खत्म।
– शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स की दर 20% होगा।
– इनकम टैक्स कानून की छह महीने में समीक्षा करेंगे।

पिछले बजट में वित्त मंत्री ने क्या ऐलान किए थे
– पिछली बार वित्त मंत्री ने पुरानी टैक्स डिमांड नोटिस वापस लेने की बात कही थी।
अंतरिम बजट के दौरान वित्त मंत्री ने ऐलान किया था कि वर्ष 1962 से जितने पुराने करों से जुड़े विवादित मामले चले आ रहे हैं। उनमें वर्ष 2009-10 तक लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों (डिमांड नोटिस) से जुड़े 25000 रुपए तक के विवादों को सरकार वापस ले लेगी। इसी तरह 2010-11 से 2014-15 के बीच लंबित रहे प्रत्यक्ष कर मांगों से जुड़े 10 हजार रुपये तक के मामलों को वापस लेने का फैसला किया गया था।

वित्त मंत्री ने स्टार्टअप्स और पेंशन फंड्स में निवेश करने वालों को मिलने वाले कर लाभ की समय सीमा 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2025 करने का ऐलान किया था। ऐसे में स्टार्टअप में निवेश करने वालों को इस बजट से एक साल का अतिरिक्त कर लाभ मिलने की राह खुल गई थी। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने अंतरिम बजट भाषण में बताया था कि पिछले 10 वर्षों में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। इस दौरान टैक्स रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या में 2.4 गुना का इजाफा हुआ है। वित्त मंत्री ने यह भी बताया था कि आयकर रिटर्न दाखिल करने के बाद करदाताओं को टैक्स रिफंड मिलने में लगने वाले समय में कमी आई है। पहले इसमें औसतन 93 दिन का समय लगता था अब यह कम होकर 10 दिन रह गया है।