Chhattisgarh Boda Sabzi: छत्तीसगढ़ के बाजार में आया बस्तर का काला सोना एक सब्जी,प्रोटीन ,विटामिन बी,अमीनो एसिड और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर !

सब्जी खाने में बेहद स्वादिष्ट,विटामीन और भरपूर मात्रा में प्रोटीन, मिनरल्स युक्त

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Chhattisgarh Boda Sabzi: छत्तीसगढ़ के बाजार में आया बस्तर का काला सोना एक सब्जी,प्रोटीन ,विटामिन बी,अमीनो एसिड और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर!

 रायपुर से विनोद काशिव की रिपोर्ट 

रायपुर. छत्तीसगढ़ के बस्तर में मानसून के दस्तक के साथ ही सबसे महंगी सब्जियों में शुमार एक सब्जी अब बस्तर के बाजारों में दिखने लगी है। छत्तीसगढ़ की सबसे महंगी सब्जी के बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे।आपने सब्जियां तो कई किस्म की खाईं होंगी, लेकिन एक सब्जी ऐसी भी है जो सोने के भाव में बिकती है। अब आप सोच रहे होंगे, कि ऐसी भी कोई सब्जी होती है क्या तो जवाब है- हां, कौनसी है वो सब्जी जिसे काला सोना भी कहा जाता है.

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बता दें, अब बोड़ा सब्जी बस्तर के बाजार में पहुंच गई है. यह  सब्जी सोने के भाव की तरह वाली  कीमत 5000 रुपये प्रति किलो  से अधिक पर भी  बेचीं गई  है. यह सब्जी बस्तर संभाग में मानसून के समय ही उपलब्ध होती है।

आज हम बात कर रहे एक ऐसी सब्जी की जो न तो खेत में उगती है और न ही दुकानों में मिलती है, लेकिन इसकी तलाश जंगल में ऐसे होती है जैसे कोई खजाना हो। इस सब्जी का नाम है बोड़ा और यह इन दिनों 2500, 3000 रुपये किलो बिक रहा है। आदिवासी महिलाएं ग्रामीण अंचलों से बोड़ा बेचने शहर पहुंच रही हैं।बोड़ा साल के पेड़ों की छांव में पत्तों की सड़न और मिट्टी की नमी में जन्म लेता है। ये कोई आम सब्ज़ी नहीं ये एक जैविक रहस्य है। एक फफूंद, जो न तो इंसानी हाथों से उगाया जा सकता है और न ही इसका कोई बीज होता है। बोड़ा उगता है सिर्फ कुछ ही हफ्तों के लिए और इस बेहद कम समय में इसका स्वाद और कीमत दोनों आसमान छू जाते हैं। लोग कहते हैं ये स्वाद में मटन और चिकन से भी आगे है।जंगल से निकलने वाली ये सब्जी अब बस्तर की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनती जा रही है।

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महुआ और तेंदूपत्ता के बाद यही एक सीज़नल इनकम है, जिससे गांव वालों की कमाई होती है। हर साल सैकड़ों क्विंटल बोड़ा जंगलों से निकाला जाता है और जगदलपुर से लेकर रायपुर, भिलाई, नागपुर और विशाखापट्टनम तक भेजा जाता है। वैज्ञानिक अब भी हैरान हैं। लाख रिसर्च करने के बाद भी बोड़ा को कृत्रिम रूप से उगाने का फॉर्मूला नहीं मिल पाया, क्योंकि ये सिर्फ साल के पत्तों की सड़न, मिट्टी और उमस के एकदम सटीक मेल से उगता है।बताया जाता है कि बोड़ा में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा, विटामिन बी,अमीनो एसिड और एंटीऑक्सिडेंट्स भी मिलता है. स्वाद ही नहीं सेहत में भी इसे सुपरफूड की कैटेगरी में रखा जा सकता है।बोड़ा सब्जी भी मशरूम की 12 प्रजातियों में शामिल है. बोड़ा के उगने के लिए बारिश और उमस का मौसम काफी अनुकूल होता है. जून-जूलाई के महीने में बोड़ा की सबसे अधिक उपलब्धता होती है. इतनी महंगी होने के बावजूद भी इसके अनेक दीवाने हैं. बस्तर के बाजार में इसके चाहने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।Boda Mushroom Price: मानसून की एंट्री के साथ दिखने लगा 'काला सोना'.. 2000 रुपये प्रति किलो है कीमत, मिलते हैं कई गजब के फायदे

रिपोर्ट के अनुसार इंफेक्शन, ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों के लिए इसे अचूक दवा माना जाता है, जबकि, कुपोषण और पेट से संबंधित बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए यह बहुत फायदा करता है। जब ये 2500 से 3000 रुपये किलो बिक रहा है तो सवाल ये नहीं उठता कि ये महंगा क्यों है। सवाल ये उठता है कि ये अब तक बाकी दुनिया की नज़र से कैसे छुपा रह गया।बोड़ा की सब्जी (Boda Ki Sabzi Recipe In Hindi) रेसिपी बनाने की विधि in Hindi by Richa Vardhan - CookpadSpecial Sabji Recipe| बेसन के खरेरे की तरी वाली सब्जी जिसके आगे नॉन-वेज फेल | Besan Ki Sabzi Recipe - YouTube

बस्तर अपनी प्राकृतिक सौंदर्य के लिए पूरे विश्व में जाना जाता है। साथ ही यहां की आदिवासी परंपरा,रहन-सहन, कला और संस्कृति देश-विदेशों में चर्चित है। इसके अलावा बस्तर में आदिवासियों द्वारा बनाए जाने वाले स्वादिष्ट व्यंजन और यहां के प्रकृति से मिलने वाले कंद मूल से बनी सब्जियों खासकर बोड़ा की सब्जी को देश विदेशों से पहुंचने वाले पर्यटक काफी चाव से खाते हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के साथ-साथ अन्य जिलों के रहवासी और पड़ोसी राज्य ओडिशा, तेलंगाना से भी बड़ी संख्या में लोग बोड़ा खरीदने के लिए आते हैं।

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