Corporation Shies Away from Dog Bite : कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ी, निगम लापरवाह!
Indore : शहर कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ने के बावजूद नगर निगम इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है। यहां तक कि निगम ने अपने एप ‘311’ पर भी कॉलोनियों में कुत्तों की संख्या बढ़ने को बंद कर दिया। शिकायत करने पर ऐसे मामलों को एनजीओ को बताने को कहा जा रहा है। यहां तक कि हर झोन में ऐसी शिकायतों को हल करने का काम एनजीओ के हवाले है। जबकि, शहर में औसतन 100 लोगों को कुत्तों के काटने की घटनाएं हो रही है।
मेनका गांधी तक शिकायत पहुंचने के भय से नगर निगम इतना डरा हुआ है कि वो आम लोगों को कुत्तों से बचाने के लिए नए-नए उपाय ढूंढने में लगा है। जबकि, शहर की अधिकांश कॉलोनियों में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तो लगता है कुत्तों की नसबंदी का काम भी नगर निगम ने बंद कर दिया है। इसलिए कि अब कुत्तों के नए बच्चे दिखाई देने लगे जो इसका प्रमाण है।
नगर निगम किसी भी तरह कुत्तों शिकायतों से बचने की कोशिश कर रहा है। जबकि, हाल ही में एक बच्चे पर तीन कुत्तों ने बेरहमी से हमला किया, जिसे आईसीयू में भर्ती करना पड़ा था। यह मामला नगर निगम की बैठक में भी उठा, पर उसका हल नहीं खोजा गया। ऐसी स्थिति में लोग कुत्तों से जूझने के लिए मजबूर हैं और निगम इस मुद्दे पर एनजीओ की आड़ लेकर अपनी जान छुड़ाने में लगा है।
शहर में डॉग बाइट की हकीकत
पिछले साल शहर में कुत्तों के काटने के 44 हजार रेबीज केस हुकुमचंद पॉलीक्लिनिक पर पहुंचे। अनुमान के अनुसार रोजाना 100 से ज्यादा कुत्तों के काटने की घटनाएं हो रही हैं। कुत्ते के काटे जाने के बाद बार-बार बुखार आना, खाना खाने में मन नहीं लगना, उल्टी-डायरिया, नाक का लगातार बहना और हाथ-पैर में सूजन आना रेबीज के लक्षण हैं।
निगम परिषद की बैठक में मजाक उड़ाया
शहर में भी स्ट्रीट डॉग की समस्या गहराती जा रही है। तीन दिन पहले निगम परिषद में भाजपा पार्षद प्रशांत बड़वे ने यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने छात्र अर्थव जोशी के एनआईसीयू में एडमिट होने के मामले से अवगत कराया। साथ ही पूरे शहर की स्थिति भी बताई। इस दौरान भाजपा-कांग्रेस पार्षदों में इसे लेकर तकरार भी हुई थी। फिर मामले में ठिठोली होती रही और मामला ठंडा हो गया।