सिक्स लेन हाईवे निर्माण की मांग को लेकर संतों ने नो रोड नो टोल आंदोलन के तहत कराया टोल प्लाजा बंद, लगभग दो घंटे बंद रही टोल वसूली

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सिक्स लेन हाईवे निर्माण की मांग को लेकर संतों ने नो रोड नो टोल आंदोलन के तहत कराया टोल प्लाजा बंद, लगभग दो घंटे बंद रही टोल वसूली

भिण्ड से परानिधेश भारद्वाज की रिपोर्ट

भिण्ड जिले में नेशनल हाइवे 719 पर लगातार हो रही दुर्घटनाओं के चलते इसको सिक्सलेन में परिवर्तित करने की मांग को लेकर संतों द्वारा एक बार फिर से बरेठा टोल प्लाजा पर नो रोड नो टोल आंदोलन किया गया। इसमें कांग्रेस के उपनेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने भी संतों का समर्थन करते हुए धरने में शामिल हुए। संतों के नेतृत्व में लोगों द्वारा टोल प्लाजा को बंद करवाकर बिना टोल दिए वाहन निकलवाये गए। आंदोलन में संतो ने साथ ही भूतपूर्व सैनिकों ने भी अपना समर्थन देते हुए बड़ी संख्या में आंदोलन में शामिल रहे।

दरअसल ग्वालियर से भिण्ड होते हुए उत्तरप्रदेश के इटावा को जोड़ने वाले एनएच 719 पर दुर्घटनाओं में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जिसके बाद लंबे समय से इस हाईवे को सिक्सलेन बनाये जाने की मांग की जा रही थी। लेकिन सुनवाई ना होने पर जिलेभर के संतों ने इस आंदोलन की कमान अपने हाथों में ले ली। संतों ने पहले भूख हड़ताल की। लेकिन आश्वासन देकर कुछ दिनों में भूख हड़ताल खत्म करवा दी गई।

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस हाईवे को फ़ॉर लेन करने की घोषणा कर दी थी। लेकिन इसके बावजूद फोरलेन की प्रक्रिया प्रारंभ नहीं हुई। बल्कि कोरोना काल का हवाला देते हुए टोल वसूली को दो साल के लिए बढ़ा दिया गया। जिसके बाद अब संतों ने नो रोड नो टोल आंदोलन शुरू किया है।

संतों का कहना है कि जिस सड़क पर सैकड़ों लोगों की सड़क हादसों में मौत हो रही है उसको सिक्स लेन अथवा फोरलेन करने की जगह टोल वसूली को और बढ़ा दिया गया है। घोषणा के बावजूद प्रक्रिया के नाम पर फोरलेन निर्माण में लेट लतीफी की जा रही है।

ऐसे में जब तक फोरलेन सडक नहीं बन जाती तब तक नो रोड नो टोल जारी रहेगा। इसी को लेकर संत समाज के अध्यक्ष कालीदास महाराज एवं दंदरौआ धाम के महंत रामदास महाराज के नेतृत्व में जिलेभर के संतों ने सोमवार को एक दिवसीय नो रोड नो टोल आंदोलन बरेठा टोल प्लाजा पर किया। उन्होंने रामधुन के साथ आंदोलन किया। संतों के आंदोलन के चलते कुछ समय के लिए टोल प्लाजा पर टोल वसूली बंद हो गई थी। संतों के इस आंदोलन को उपनेता प्रतिपक्ष ने भी अपना समर्थन देते हुए कहा कि कई बार की घोषणाओं के बावजूद हाईवे का चौड़ीकरण नहीं किया जाना बेहद शर्म की बात है। ईश्वर रूपी संतों को हाईवे के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। उनके द्वारा भी इसको लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाया गया। लेकिन सरकार जवाब नहीं देना चाहती। ऐसे में वह भी संतों के साथ खड़े हैं।