Ex IPS Joins Congress: NSE को-लोकेशन मामले में 2022 में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व DGP और पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे कांग्रेस में शामिल

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Ex IPS Joins Congress: NSE को-लोकेशन मामले में 2022 में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व DGP और पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे कांग्रेस में शामिल

मुंबई: Ex IPS Joins Congress: महाराष्ट्र के पूर्व DGP और पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे कांग्रेस में शामिल हों हो गए हैं। माना जा रहा है कि वह मुंबई के वर्सोवा से आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ेंगे जहां उत्तर भारतीयों की अच्छी खासी आबादी है।

NSE को-लोकेशन मामले में 2022 में गिरफ्तार किए गए मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे गुरुवार को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्हें कांग्रेस की मुंबई इकाई की प्रमुख और लोकसभा सांसद वर्षा गायकवाड़ ने दक्षिण मुंबई स्थित पार्टी कार्यालय में पार्टी में शामिल कराया।

स्वयं को ‘धर्मनिरपेक्ष’ विचारधारा वाला व्यक्ति बताते हुए सेवानिवृत्त IPS अधिकारी, जिन्होंने कुछ समय के लिए महाराष्ट्र के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक के रूप में कार्य किया था, ने कहा कि कांग्रेस को छोड़कर कोई अन्य राजनीतिक दल धर्मनिरपेक्ष विचारधारा का पालन नहीं करता है।

इस अवसर पर नई राजनीतिक पारी शुरू करते हुए श्री पांडे ने कहा, “मैं किसी पार्टी में नहीं बल्कि एक परिवार में शामिल हो रहा हूं। मैं 2004 में ही कांग्रेस में शामिल होना चाहता था, लेकिन मुझे मौका नहीं मिला।”

1986 बैच के सेवानिवृत्त IPS अधिकारी को 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के कर्मचारियों की कथित अवैध फोन टैपिंग से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। श्री पांडे की उनके द्वारा स्थापित एक कंपनी के संबंध में मामले में जांच की गई थी। बाद में उन्हें जमानत दे दी गई थी।

श्री पांडे महाराष्ट्र के कार्यवाहक डीजीपी और बाद में मुंबई पुलिस कमिश्नर के रूप में कार्य कर चुके हैं, जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में थी। उस समय विपक्ष में बैठी भाजपा ने उन पर सरकार के साथ मिलकर उसके नेताओं को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रचने का आरोप लगाया था।

बता दें कि पांडे लंबे समय से राजनीतिक महत्वाकांक्षा रखते हैं। इससे पहले उन्होंने मुंबई की वर्सोवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की योजना की घोषणा की थी और अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय जनहित पार्टी नाम से बनाई थी जो बाद में चल नहीं सकी।