Fake SDM’s Act : नौकरी दिलाने के नाम पर नकली एसडीएम ने ठगा, चार लाख लिए!

बड़ी मात्रा में नकली सरकारी नियुक्ति पत्र और सील आदि सामान बरामद!

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Indore : एक बदमाश ने खुद को एसडीएम बताकर मां बेटे को सरकारी नौकरी दिलाने का प्रलोभन देकर 4 लाख रुपए ठग लिए। आरोपी ने मां बेटे को नकली नियुक्ति पत्र भी दे दिया था। फरियादी ने पूरे मामले की इंदौर क्राइम ब्रांच से शिकायत की। शिकायत मिलते ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

शबरी नगर सुखलिया निवासी हिमांशु पिता हरीश कुमार जैन ने क्राइम ब्रांच थाने में शिकायत दर्ज करवाई कि 29 जून 2020 को मोहन सिंह राजपूत निवासी होशंगाबाद ने स्वयं को एसडीएम बताकर सरकारी नौकरी दिलाने का प्रलोभन दिया तो मैंने अपनी मौसी के बेटे शशांक जैन को नौकरी पर लगवाने को कहा तो मोहन सिंह ने मौसी सुलभा जैन को क्लर्क और शशांक को नायब तहसीलदार की नौकरी लगवाने के नाम पर 2.50 लाख रुपए ले लिए और मुझे विजय नगर में जीएम 11 नंबर का प्लाट दिलाने के नाम पर 2.30 लाख रुपए ले लिए।

फरियादी हिमांशु जैन के मुताबिक आरोपी मुकेश सिंह ने मौसी और चचेरे भाई को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे दिया और उनकी ट्रेनिंग भी ली थी। इस तरह आरोपी ने न तो सरकारी नौकरी दिलाई और न प्लाट दिलवाया। क्राइम ब्रांच ने आरोपी मुकेश सिंह राजपूत के खिलाफ धारा 419, 420 और 170 के तहत केस दर्ज किया है। बताते हैं कि क्राइम ब्रांच ने आरोपी मुकेश सिंह राजपूत को हिरासत में ले लिया है और उसके पास से बड़ी मात्रा में नकली सरकारी नियुक्ति पत्र और सील आदि सामान बरामद किया है।

इंदौर क्राइम ब्रांच पुलिस ने फिर एक नकली एसडीएम को गिरफ्तार किया है, आरोपी युवक खुद को एसडीएम बताकर लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करता था। आरोपी इससे पहले भी सीहोर में गिरफ्तार हुआ था। पैसे देने के बाद भी नौकरी न लगने पर फरियादी को शक हुआ। जिसके बाद फरियादी ने पूरे मामले की इंदौर क्राइम ब्रांच से शिकायत की। शिकायत मिलते ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

क्राइम ब्रांच ने पकड़ा

इंदौर क्राइम ब्रांच ने हीरा नगर थाना क्षेत्र में रहने वाले फरियादी की शिकायत पर नकली एसडीएम बनकर चार लाख की ठगी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम मुकेश सिंह है, जो होशंगाबाद का रहने वाला है। लेकिन, लॉकडाउन के वक्त वह इंदौर के बंगाली चौराहे के पास रहा था। इसी दौरान आरोपी की मुलाकात स्टूडियो संचालक से हुई। आरोपी मुकेश ने फरियादी के भाई को पटवारी की नौकरी लगवाने के नाम पर चार लाख रुपए ले लिए। आरोपी ने बताया कि उसने किसी को एसडीएम रहते हुए चांटा मार दिया था, जिसके बाद से उसे पद से हटा दिया गया और वह इंदौर में मानव अधिकार आयोग में पदस्थ है।

परीक्षा में पास नहीं हुआ

पुलिस ने बताया कि आरोपी एमपी-पीएससी की प्री परीक्षा निकाल चुका था, लेकिन मेंस में फेल हो जाने के कारण उसका सिलेक्शन नहीं हो पाया। इसके बाद से वह नकली एसडीएम बनकर लोगों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहा था।