
FCRA License to Banke Bihari Temple : बांके बिहारी मंदिर को विदेशी चढ़ावा स्वीकारने का रास्ता साफ, FCRA लाइसेंस मिला!
मंदिर को दान पात्र में काफी विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई, प्रबंधन विदेश से चढ़ावा स्वीकार करने का इच्छुक!
Vrindavan : यहां के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम यानी एफसीआरए के तहत लाइसेंस प्रदान किया है। इससे मंदिर प्रबंधन को विदेश से मिलने वाले चंदे पर कानूनी अड़चन नहीं आएगी। मंदिर प्रबंधन ने यह जानकारी दी। मंदिर का प्रबंधन फिलहाल एक अदालत कर रही है, जिसने एक प्रबंधन समिति गठित की है।
बांके बिहारी मंदिर उत्तर प्रदेश के वृंदावन नगर में स्थित है। इस मंदिर में भगवान श्री कृष्ण के बांके बिहारी रूप की पूजा की जाती है। यह मंदिर विशेष रूप से अपनी अद्भुत और दिव्यता के लिए प्रसिद्ध है, जहां भगवान कृष्ण को ‘बांके बिहारी’ के नाम से पुकारा जाता है।
इस मंदिर को एफसीआरए, 2010 के तहत लाइसेंस दिया गया। मौजूदा प्रबंधन समिति ने एफसीआरए लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। इस मंदिर का प्रबंधन पहले पुजारियों का एक परिवार करता था और यह निजी प्रबंधन के अधीन था। गृह मंत्रालय ने उचित आवेदन और अदालत की मंजूरी के बाद एफसीआरए के तहत विदेशी धन प्राप्त करने का लाइसेंस दिया।
बताया गया कि आवेदन के अनुसार, मंदिर को अपने खजाने में काफी विदेशी मुद्रा प्राप्त हुई और वह विदेश से दान स्वीकार करने का इच्छुक है। कानून के अनुसार, विदेशी दान प्राप्त करने वाले सभी गैर सरकारी संगठनों को एफसीआरए के तहत पंजीकरण कराना होता है। अब लायसेंस मिलने के बाद मंदिर की यह समस्या हल हो गई।
कृष्ण भक्त श्रद्धालुओं की हमेशा भीड़
इस मंदिर का स्वरूप और पूजा विधि विशेष रूप से भक्तों के दिलों में प्रेम और भक्ति का संचार करती है। यहां भगवान कृष्ण की प्रतिमा एक विशेष मुद्रा में स्थापित है, जिसमें कृष्ण का स्वरूप नृत्य करते हुए दिखाई देता है। मंदिर का वातावरण बहुत ही शांति और भक्ति से भरा होता है, और यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। यह स्थल खासकर कृष्ण भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र है।