Film Will be Made on 2 Murderers : 54 को मारने वाले जेल में बंद 2 हत्यारों पर फिल्म बनाने की तैयारी!

जानिए, कौन हैं उम्रकैद की सजा पाए वो दो हत्यारे जिन पर फिल्म बनेगी!

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Film Will be Made on 2 Murderers : 54 को मारने वाले जेल में बंद 2 हत्यारों पर फिल्म बनाने की तैयारी!

Bhopal : यह मुद्दा हमेशा ही चर्चा में रहा है कि लोग फिल्मों से अपराध सीखते हैं या अपराध की दुनिया की घटनाओं से फ़िल्में प्रभावित होती है। लेकिन, हमेशा ही लगा कि समाज की आपराधिक घटनाएं ही फिल्मों में दिखाई जाती है। अब भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद दो सीरियल किलर आदेश खामरा और सरमन शिवहरे की वारदातों पर फिल्म बनने का फैसला तो यही बताता है।
एक हत्यारे ने 33 तो दूसरे ने 21 हत्याएं की। दोनों भोपाल के सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इन दोनों की कहानी ऐसी कि इन्हें गिरफ्तार करने वाले अफसरों को भी पहले यकीन नहीं हुआ कि सामान्य से दिखाई देने वाले इतने खूंखार है। फिल्म डायरेक्टर अन्नू कपूर ने फिल्म बनाने को लेकर जेल के अफसरों से बातचीत की है। उन्होंने सेंट्रल जेल आकर इस मामले पर बात की और कहानी पर काम भी शुरू कर दिया। दोनों सीरियल किलर्स की कहानी जल्दी ही परदे पर दिखाई देगी। अन्नू कपूर पहले तत्कालीन डीजी (जेल) अरविंद कुमार और तत्कालीन जेल अधीक्षक दिनेश नरगावे से भी मिल चुके हैं।

अमीर बनने की सनक में हत्याएं
पहला हत्यारा है पन्ना का सरमन शिवहरे जिसने श्रंखलाबद्ध हत्याएं की। उस पर लूट और हत्या के 40 मामले हैं। उसने इंजीनियर बनकर अमीर बनने का फैसला लिया। पहली बार मंदिर की दानपेटी से कुछ सिक्के चुराए। जब पकड़ा नहीं गया, पन्ना में एक व्यक्ति की हत्या करके 5 लाख रुपए लूट लिए। जब पकड़ा नहीं गया तो उसकी हिम्मत खुल गई और फिर वह लगातार वारदात करने लगा।
वह अपने शिकार को जान से मारता और फिर उसके पैसे लूट लेता। उसने ऐसी 21 हत्याएं की और धीरे-धीरे सीरियल किलर के नाम से मशहूर हो गया। एक बार खुद को डॉक्टर को दिखाने गया। जब रिसेप्शनिस्ट ने उसे इंतजार करने को कहा तो गुस्से में वो डॉक्टर के कमरे में घुसा और गोली मार दी। लेकिन, सतना में एक कारोबारी दंपत्ति पर गोली चलाने के दौरान उसे पकड़ लिया। जब उससे पूछताछ की गई तो उसने सारे राज खोल दिए। उसे कई मामलों में उम्रकैद की सजा हुई है।

33 ट्रक ड्राइवरों का हत्यारा दर्जी
उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर का रहने वाला आदेश खामरा कभी मंडीदीप में दर्जी का काम करता था। खामरा मुंह बोले चाचा को अपना गुरु मानता था और उसने उसी से अपराध का ककहरा सीखा। 80-90 के दशक में इसी चाचा अशोक खामरा की दहशत थी। उसने नशे की गोलियां खाकर एक के बाद एक 33 ट्रक ड्राइवरों और क्लीनरों की हत्या की थी। वह ट्रक लुटेरों की गैंग चलाता था। वह फिल्मी स्टाइल में हत्याएं करता था कि मंडीदीप में किसी को कभी उसपर शक नहीं हुआ। उसके खिलाफ 2001 में मंडीदीप थाने में मारपीट का केस दर्ज हुआ था। आदेश का कहना था कि घर से दूर रहने वालों को कष्टों से मुक्ति दिलाने के लिए उसने हत्याएं की। ख़ास बात यह कि उसे सारी वारदातों की तारीख भी याद थी।