गले में तुलसी की माला होने शुभ पटेल को फुटबाल(Football) मैच खेलने से रोकने पर Football Queensland ने गलती मानकर माफ़ी मांगी

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Football Queensland

New Delhi: सनातन धर्म की परंपराओं के ख़िलाफ़ चलाई जा रही मुहिम को उस वक्त झटका लगा जब भारतीय मूल के बालक को तुलसी की कंठी माला पहनकर फुटबॉल मैच खेलने से रोका गया तो उसने शिकायत की तो संस्था को माफी माँगनी पड़ी और उसे मैच में शामिल किया गया।
आस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में भारतीय मूल के 12 वर्षीय हिंदू फुटबाल खिलाड़ी शुभ पटेल को तुलसी की कंठी माला पहनने की वजह से मैच में खिलाने से मना कर मैदान से बाहर निकाल दिया गया। ‘The Australia Today’ की रिपोर्ट के मुताबिक, शुभ को रेफरी ने माला उतारने के लिए कहा, जिससे उसने मना कर दिया। तुलसी की यह कंठी माला शुभ ने पांच साल की उम्र से पहनी हुई है।

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शुभ पटेल ने मीडिया से कहा, “महज एक फुटबाल मैच के लिए मैं इसे तोड़ने की जगह अपने धर्म का पालन करना पसंद करूंगा।” टूवांग क्लब के युवा सदस्य शुभ ने बताया कि माला उतारना हिंदू धर्म के विरुद्ध है। मालूम हो कि सनातन परंपरा में पूजा में प्रसाद के लिए इस्तेमाल में लाई जाने वाली तुलसी की माला को धारण करना और उससे जप करना अत्यंत ही मंगलकारी माना गया है। स्वामीनारायण के भक्त शुभ ने आगे कहा, “यदि मैं इसे उतार देता तो उस वक्त भगवान को लगता कि मुझे उन पर भरोसा नहीं है।”
शुभ ने जोर देते हुए कहा कि माला उसे आत्मविश्वास देती और उसे सुरक्षित महसूस कराती है। इसके बाद शुभ एक कोने में बैठकर अपनी टीम को खेलते हुए देखने लगा। यह पहली बार था, जब शुभ को अपनी माला उतारने के लिए कहा गया। रिपोर्ट बताती है कि उन्होंने 15 मैच माला पहनकर ही खेले हैं और एक बार भी उन्हें अपने कोच या टीम के साथी द्वारा माला उतारने को नहीं कहा गया था।

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मालूम हो कि फुटबाल की वैश्विक संस्था फीफा ने खिलाडि़यों के नेकलेस, रिंग, ब्रेसलेट, इयररिंग वगैरा पहनने पर रोक लगा रखी है, लेकिन तुलसी की माला इस सूची में नहीं है। यह मामला मीडिया की नजरों में भी आया, जिसके बाद फुटबाल क्वींसलैंड (Football Queensland) नाम की संस्था ने इसकी जांच कराई और शुभ के परिवार से माफी मांगी। फुटबाल क्वींसलैंड ने कहा कि क्वींसलैंड में फुटबाल काफी लोकप्रिय है और इसने हर धर्म और संस्कृति के लोगों को सम्मान दिया है। इसके बाद शुभ को तुलसी की माला पहनकर खेलने की मंजूरी दे दी गई।
भारत में यह मामला सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।मप्र भाजपा के प्रदेश महासचिव सुहास भगत ने भी इस मामले को अपने ट्विटर हैंडल से शेयर किया है।