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उज्जैन से अजेंद्र त्रिवेदी की रिपोर्ट
उज्जैन: किसान जब लोन लेता है तो तो उसकी भूमि वह बैंक में बंधक रखता है तब बैंक उसे क्रेडिट कार्ड या लौन स्वीकृत कर देता है। परंतु समस्या तब खड़ी होती है जब वह उस भूमि में से कुछ भूमि बेचता है। उस समय बैंक को संपूर्ण ऋण चुकाकर भूमि मुक्त करवाना पड़ती है। इस तरह विक्रय की गई भूमि का नामांतरण नहीं होता। यहां तक कि क्रेडिट कार्ड की राशि जमा कराने के बाद भी यदि बेची गई भूमि खाते से अलग की जाती है तब उसे पुनः पूरी प्रोसेस करके नया क्रेडिट कार्ड भी बनवाना पड़ता है।
इस प्रकार किसानों को काफी समस्याएं होती है जिसके कई उदाहरण देखने को मिलते हैं। इसी को देखते हुए पूर्व प्रमुख राजस्व एवं पूर्व आईएएस डॉ हीरालाल त्रिवेदी ने कलेक्टर उज्जैन तथा लीड बैंक मैनेजर उज्जैन को एक पत्र लिखकर इस प्रक्रिया को सरलीकरण करने को कहा है। त्रिवेदी का कहना है कि छोटी-छोटी बातें के निराकरण के लिए किसानों को काफी चक्कर लगाना पड़ते हैं। जबकि शासन के निर्देश हैं की रजिस्ट्री होने के बाद सीधा नामांतरण हो जाना चाहिए इस प्रक्रिया का भी पालन नहीं हो रहा है। अतः इस समस्या का निदान करने के लिए प्रक्रिया का सरलीकरण होना आवश्यक है।