अमृतस्य मां नर्मदा पद परिक्रमा में आज शामिल होंगे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

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अमृतस्य मां नर्मदा पद परिक्रमा में आज शामिल होंगे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

दीपक रावल की रिपोर्ट

भरूच। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल ओंकारेश्वर से 8 नवंबर को शुरु हुई अमृतस्य मां नर्मदा पद परिक्रमा के कार्यक्रम में आज पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद शामिल होंगे।

ओंकारेश्वर से 8 नवंबर को मैया नर्मदा की परिक्रमा “अमृतस्य” माँ नर्मदा पद परिक्रमा के अंतर्गत “श्रद्धेय विवेक संत जी के सानिध्य में प्रारंभ हुई जो लगभग 36 दिन में 15 दिसंबर को गरुडेश्वर पहुंची है और लगभग 782 km की मैया नर्मदा की पद परिक्रमा हो चुकी है। इसी अमृतस्य माँ नर्मदा पद परिक्रमा के अंतर्गत भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी 17 दिसंबर प्रातः 11 बजे मैया नर्मदा के घाट पर पूजन एवं भव्य आरती में शामिल होने के लिए गुजरात के गरूडेश्वर आएँगे।

इस पद परिक्रमा के निमित्त विवेक जी ने बताया कि मैया की जो परिक्रमा है वो भारत के सनातन साक्ष्य की परिक्रमा है। मैया की परिक्रमा भारत के सनातन इतिहास की परिक्रमा है जिससे कही इस राष्ट्र का उदय हुआ। यही गरुडेश्वर के पास राष्ट्रीय एकता के महत्वपूर्ण स्तंभ लौह पुरुष सरदार पटेल विराट स्तंभ के रूप मैया नर्मदा के जल स्थापित है ,इसीलिए यह स्थान सांस्कृतिक एवं सामाजिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण है। और ऐसे महत्वपूर्ण स्थान में जब भारत के पूर्व राष्ट्रपति शामिल हो रहें हों तो इसकी भव्यता का संदेश लाखों परिक्रमावसियों के बीच जाता है।

आनंद ही आनंद संस्था के संस्थापक विवेक जी इस समय मैया नर्मदा की पद परिक्रमा में अन्य संत जैन एवमं युवाओं की टोली के साथ परिक्रमा कर रहे हैं, एवं सनातन तीर्थ जी मैया के घाटों पर हैं उनका विवेचन और शास्त्रों के अनुसार उन स्थानों को चिन्हित करते हुए परिक्रमा मार्ग का डिजिटल मैप भी तैयार किया जा रहा है।

अमृतस्य माँ नर्मदा पद परिक्रमा प्रतिदिन सहभोजन ( भंडारे) का भी कार्यक्रम रखती है। समिति के सदस्यों ने बताया कि विवेक जी का मानना है की मैया के क्षेत्रों में अगर सेवा देने वाले लोगों की सेवा ना होगी तो संतो की परिक्रमा का अर्थ क्या निकलेगा। विवेक जी के अनुसार हर एक संत को मैया के क्षेत्र में जो परिक्रमा में आते हैं और जिनके पास व्यवस्था है उन्हें इस परिक्रमा क्षेत्र में सेवा देने वालों को प्रोत्साहन करते हुए उनकी एक बार परमात्म सेवा करनी चाहिए ताकि उनका मानसिक बल बना रहे।

अमृतस्य मां नर्मदा पद परिक्रमा की समिति की तरफ़ से यह सूचना दी गयी की भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी नर्मदा मंदिर के घाट पर ११ बजे पहुँचेंगे एवं श्रद्धेय विवेक जी एवं अन्य संत के साथ मैया की आरती करेंगे, कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया गया कि परिक्रमा के अंतर्गत सनातन सहभोजन के पहले राष्ट्रपति कार्यक्रम को भी सम्बोधित करेंगे। समिति के संयोजक जितेंद्र शर्मा, और समिति के नंदलाल तायल, प्रवीण चौहान, अजय विजयवर्गीय, दीपक बंसल ने बताया कि श्रद्धेय विवेक जी के अनुसार और शास्त्रों की परम्परा से मैया नर्मदा का क्षेत्र सामूहिक सहभोजन, जिसे सनातन सहभोजन कहते थे सबसे महत्वपूर्ण बात थी, यह मैया का क्षेत्र ही था कहाँ से सहभोजन की परम्परा ने अपना स्थान प्रकट किया, इसलिए पूर्व राष्ट्रपति जी सहभोजन के कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।