GSI Survey : शहर में नया संपत्ति कर GSI Survey से तय होगा! 

अतिक्रमण किया तो छुप नहीं सकेगा 

1094

GSI Survey : शहर में नया संपत्ति कर GSI Survey से तय होगा!

Indore : शहर के संपत्ति धारकों की सही संपत्ति का पता लगाने के लिए तीन साल पहले ड्रोन से जो ग्लोबल इंफॉर्मेशन सिस्टम (Global Information System) सर्वे का काम शुरू किया गया था, वो सितम्बर पूरा हो जाएगा। अनुमान है कि इससे संपत्ति की सही स्थिति का पता चलेगा और राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। सर्वे को सही करने के लिए इसके लिए कई तरह के उपाय किए गए हैं।

ग्लोबल इंफॉर्मेशन सिस्टम (GSI) सर्वे में शहर की सभी इमारतों की फोटो रिकॉर्ड में गई हैं। बिल्डिंग के डिजिटल रिकॉर्ड से जहां निगम के रेवेन्यू में इजाफा होगा, वहीं बिल्डिंग में बदलाव या अवैध निर्माण का भी आसानी से पता लगाया जा सकेगा।

नगर निगम को सम्पत्ति धारक गलत जानकारी उपलब्ध कराते हैं, जिससे लक्ष्य की अपेक्षाकृत पूर्ति नहीं हो पाती। हर बार 50 से 60 करोड़ की वसूली बकाया रह जाती है, जो दूसरे वित्तीय वर्ष में फिर बढ़ जाती है। इससे निपटने निगम ने GIS सर्वे शुरू कराया था, जो अगस्त माह में पूर्ण हो जाएगा। सितम्बर से गलत जानकारी देने वाले सम्पत्ति धारकों को बढ़ी हुई राशि का बिल मिलेगा, वहीं निगम के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

IMG 20220731 WA0071

वर्ष-2017 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर के सारे आवासों, प्रतिष्ठानों का जीआईएस सर्वे शुरू किया गया। ड्रोन कैमरे से भी सम्पत्तियों के फोटो लिए गए, ताकि लोगों की मूल संपत्ति का पता आसानी से लग सके। सर्वे पूरा करने के लिए तीन साल का समय निर्धारित किया गया था। वर्ष 2019-2020 में कोरोना संक्रमण के चलते सर्वे कार्य प्रभावित हुआ। अब तक 85 फीसदी सर्वे हो चुका है।

ऐसे हुआ सर्वे

ड्रोन कैमरे से फोटो। प्लॉट, मकान, प्रतिष्ठानों की रजिस्ट्री चेक की। नल और बिजली कनेक्शन की दूरी मापी। घर जाकर संपत्ति की नपती की। आसपास वालों से गुपचुप जानकारी ली। कई संपत्ति धारक टैक्स वसूली करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों से लेन-देन भी करते हैं। इसके चलते कई बार मूल संपत्ति को छोड़कर टैक्स वसूला जाता है। GSI सर्वे से यह सारी विसंगतियां दूर हो जाएंगी।

बकाया वसूली निकालेंगे

GSI सर्वे में जिन सम्पत्ति धारकों के बारे में पता चलेगा कि वे लंबे समय से कम टैक्स चुका रहे हैं, उनसे सारा बकाया एकमुश्त वसूला जाएगा, वहीं वसूली अधिकारियों से भी जवाब-तलब करेंगे। निगम की उपायुक्त लता अग्रवाल ने बताया कि जीआईएस सर्वे लगभग पूर्णता की और है। सितम्बर माह से नए सिरे से टैक्स वसूल करेंगे। इसमें संपत्ति की वास्तविक जानकारी सामने आ जाएगी।