
Honor to Farmer of Indore : जमीन से उठकर करोड़पति बने इंदौर के किसान, राष्ट्रपति भवन के ‘एट होम रिसेप्शन’ में शामिल होंगे!
Indore : जिले के किसान ने साबित कर दिया कि सरकार की योजनाओं का यदि सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो खुद के साथ दूसरे लोगों का जीवन भी सफल बनाया जा सकता है। देपालपुर का ये किसान केंद्र सरकार की योजना का लाभ उठाकर खुद तो करोड़पति बना ही, दूसरे किसानों को भी सपन्न बनाया। किसान वीरेंद्र सिंह पटेल के काम की गूंज दिल्ली तक पहुंची। अब 26 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में होने वाले कार्यक्रम ‘एट होम रिसेप्शन’ में भी शामिल किया गया है।
देपालपुर के कुलाला गांव के रहने वाले किसान वीरेंद्र पटेल ने किसानों के लिए सराहनीय काम किया है। उनके काम की गूंज दिल्ली के राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गई। इस किसान के उत्कृष्ट कार्य को देखकर आज 26 जनवरी को राष्ट्रपति भवन के कार्यक्रम में शामिल होने का विशेष निमंत्रण मिला। उन्हें इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मानित भी करेंगी।
राष्ट्रपति भवन में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति की तरफ से एक विशेष भोज ‘एट होम’ रिसेप्शन के आयोजित होता है। इसमें देश के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले लोगों को इसमें आमंत्रित कर सम्मानित किया जाता है। इसी रिसेप्शन का आमंत्रण इंदौर के इस किसान को मिला है।
इंदौर के किसान वीरेंद्र सिंह पटेल को यह सम्मान केंद्र सरकार की ‘कस्टम हायरिंग योजना’ के तहत उत्कृष्ट कार्य करने के लिए दिया जा रहा है। उन्होंने, अत्याधुनिक कृषि उपकरणों के माध्यम से क्षेत्र के 1000 से अधिक किसानों को सेवाएं प्रदान की। इसी का नतीजा है कि करीब इन किसानों का जीवन बदल गया है।
किसानों के लिए किया ये काम
2016 में उन्होंने ग्राम कुलाला में ‘आंजना कस्टम हायरिंग सेंटर’ की स्थापना की थी। 25 लाख रुपए की लागत से शुरू हुए इस केंद्र में उन्हें केंद्र सरकार से 10 लाख रुपए की सब्सिडी और 9 लाख का बैंक फाइनेंस मिला था। इसके साथ ही खुद वीरेंद्र ने करीब 6 लाख रुपए लगाए। इसके बाद अपने प्रयासों और कड़ी मेहनत से उन्होंने इस केंद्र को 1.5 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के आधुनिक कृषि यंत्रों का केंद्र बना दिया है।
किसानों की जिंदगी वीरेंद्र की मदद से बदली
केंद्र सरकार की इस योजना के तहत पटेल कम लागत पर क्षेत्र के 10 से अधिक गांवों के छोटे और मध्यम किसानों को उपकरण किराए पर उपलब्ध कराते हैं। इससे न केवल किसानों की कृषि लागत कम हुई है, बल्कि उनकी उत्पादन क्षमता भी बढ़ी है। इसके साथ ही पटेल ने 10 से अधिक युवाओं को रोजगार भी दिया है।
इससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिला
वीरेंद्र सिंह पटेल को 2018 में भी ‘सर्वोत्तम उत्कृष्ट कृषक’ का पुरस्कार भी मिल चुका है। उनकी मेहनत और नवाचार ने न केवल उन्हें आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि उन्होंने अन्य किसानों और बेरोजगारों को भी अपनी जिंदगी सुधारने का अवसर दिया है। किसान के सराहनीय कार्य के लिए उन्हें इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति भवन में सम्मानित किया जाएगा।