इंदौर नगर निगम फर्जी बिल घोटाला : आरोपियों की 34 करोड़ की संपत्ति ईडी ने की अटैच, 15 से ज्यादा ठेकेदारों पर कार्रवाई

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इंदौर नगर निगम फर्जी बिल घोटाला : आरोपियों की 34 करोड़ की संपत्ति ईडी ने की अटैच, 15 से ज्यादा ठेकेदारों पर कार्रवाई

 

विक्रम सेन

 

इंदौर। प्रवर्तन निदेशालय ने इंदौर नगर निगम के चर्चित फर्जी निर्माण घोटाले में कार्रवाई को मूर्त रुप देते हुए मध्य प्रदेश और यूपी में स्थित आरोपियों 43 अचल संपत्तियो को कुर्क कर लिया हैं।

सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि ये संपत्ति घोटाले की राशि से अर्जित की गई हैं।

विदित हो कि इस बहुचर्चित घोटाले के 22 आरोपी ईडी के निशाने पर हैं। इनमें निगम का इंजीनियर अभय राठौर व अन्य ठेकेदारों के नाम शामिल हैं। निगम में 107 करोड़ रुपये की फर्जी फाइलें पकड़ी गई थीं। इनमें बिना काम किए 92 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया गया था। भुगतान के लिए सिर्फ कागजों पर काम बताया गया था। बिल बनाने और पास करवाने के लिए फर्जी कंपनियां भी खड़ी कर ली गई थीं।

ईडी के इंदौर उपक्षेत्रीय कार्यालय ने ताजा कार्रवाई करते हुए आरोपियों की 43 अचल संपत्तियों को अटैच किया है।

इस कार्रवाई में निगम के इंजीनियर व घोटाले का प्रमुख आरोपित अभय राठौर भी है। साथ ही राठौर की बहन मीरा राठौर, पिता प्रकाश सिंह राठौर, मां सरला राठौर के नाम की संपत्तियां शामिल हैं। इनके साथ में ठेकेदारों में मोहम्मद एहतेशाम खान उर्फ काकू, मोहम्मद असलम खान, रहेल खान व बिल्किस खान के नाम की संपत्तियां हैं। इसके अलावा फर्जी फर्म बनाकर बिल लगाने वाले राहुल वढेरा, रेणु वढेरा, मोहम्मद जाकिर, मोहम्मद साजिद, मीरा शर्मा, राजेंद्र शर्मा, किरण सिरोजिया, राजकुमार साल्वी, शीला वढेरा की संपत्ति भी अटैच की गई है।

इन संपत्ति में मकान के साथ कृषि भूमि भी है। अटैच की गई संपत्तियां मप्र के साथ उत्तर प्रदेश में भी हैं। खरीद मूल्य के लिहाज से इनकी कीमत करीब 34 करोड़ रुपये बताई जा रही है। प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट 2002 के तहत ईडी ने कार्रवाई को अंजाम दिया है। ईडी की आज अटैचमेंट की कार्रवाई के बाद घोटाले से अर्जित इन संपत्तियों की खरीद-बिक्री नहीं हो सकेगी।

करीब डेढ़ साल पहले घोटाला उजागर होने के बाद सबसे पहले निगम ने ठेकेदारों व निगम इंजीनियर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी।

अभी तक इस मामले में पुलिस ने करीब 7 एफआईआर दर्ज की है। जिसमें आरोपियों पर आईपीसी धारा 420, 467, 468, 471, 474, 120बी और 34 की धाराएं लगी है। इसमें नगर निगम इंजीनियर अभय राठौर के साथ ही निगम के उदय भदौरिया, चेतन भदौरिया, मुरलीधर, राजकुमार साल्वी, संयुक्त संचालक अनिल कुमार गर्ग, डिप्टी डायरेक्टर समर सिंह, असिस्टेंट आडिटर रामेश्वर परमार को आरोपी बनाया गया है। यह सभी गिरफ्तार हो चुके हैं और इसमें से मुरलीधर की जमानत हाईकोर्ट से हो चुकी है।

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जबकि ठेकेदारों में मोहम्दद सिद्दकी, मोहम्मद जाकिर, मोहम्मद साजिद, रेणु वढेरा, राहुल वढेरा, जाकिर, एहतेमाश उर्फ काकू, बिकलिस खान, जाहिद खान, राजेंद्र शर्मा, मौसम व्यास इन सभी पर भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

इन एफआईआर के आधार पर ईडी ने जांच आगे बढ़ाई। जांच में पाया गया कि ठेकेदारों ने बिना जमीनी काम किए बिल पास कर भुगतान लिया। इसके लिए ना केवल फर्जी कंपनियां बनाई गई बल्कि श्रमिकों के नाम पर बैंक खाते खुलवाकर भी घोटाले का पैसा निकाला गया। ईडी ने 2024 में पांच व छह अगस्त को इंदौर में ठेकेदारों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की थी। बता दें कि 20 जगह की गई इस कार्रवाई में कुल 22 करोड़ रुपये नकद भी जब्त किए थे।