कारपोरेट और बिजनेस विशेषज्ञ बसंत पाल की रिपोर्ट
Indore : पुणे की पिनेकल इंडस्ट्रीज़ (Pinnacle Industries) पुणे और इंदौर में इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicle) मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट्स लगाने के लिए 2 हजार करोड़ का निवेश करने की तैयारी कर रही है। कंपनी का कहना है, कि कंपनी उत्पादन से जुड़ी पीएलआई योजना (Production Linked Incentive) के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्यूफैक्चरिंग शुरू करने की मंजूरी पाने वाली 20 कंपनियों में है।
यह कम्पनी वाहनों के लिए सीट, खिड़कियां और इंटीरियर पर काम कर रही है। कंपनी ‘ईका’ नाम से ही एक इलेक्ट्रिक व्हीकल यूनिट भी स्थापित कर चुकी है। पुणे स्थित पिनेकल इंडस्ट्रीज वर्ष 1996 से स्पेशल क्लास की गाड़ियों के लिए सीट, खिड़कियां और इंटीरियर पर काम कर रही है। कंपनी ईका नाम के तहत पहले से ही एक इलेक्ट्रिक व्हीकल यूनिट स्थापित कर चुकी है और इसकी इलेक्ट्रिक बस के दो मॉडल नियामक की मंजूरी के इंतज़ार में है।
भारत सरकार ने मोटर व्हीकल सेक्टर के लिए पिछले साल पीएलआई योजना की घोषणा की थी। इसमें 12 अन्य मैक्यूफैक्चरिंग सेक्टर के साथ 26,058 करोड़ रुपए की पेशकश की थी।
पिनेकल इंडस्ट्रीज और ईका के मुख्य प्रबंध निदेशक सुधीर मेहता ने जानकारी दी कि हम इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर के लिए PLI योजना के तहत आवेदन करने वाली 20 कंपनियों में एक हैं। हम अगले पांच सालों में इलेक्ट्रिक बसों को विकसित करने और इंदौर के पास पीथमपुर और महाराष्ट्र के पुणे में मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स के निर्माण के लिए 2,000 करोड़ रुपए का निवेश करेंगे।
मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट अगले 12 से 18 महीनों में तैयार हो जाने की उम्मीद है। अगले पांच सालों में EV (Electric Vehicle) कारोबार में कंपनी 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहे हैं।
इलेक्ट्रिक व्हीकल की और बढ़ता रुख
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए भारतीय भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की और आकर्षित हो रहे है। टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, कार, एसयूवी, बस जैसे तमाम बिजली से चलने वाली निजी और कमर्शियल वाहनों की बिक्री में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आने वाले समय में इलेक्ट्रिक व्हीकल सिर्फ महंगे ईंधन के खिलाफ ही नहीं बल्कि प्रदूषण के खिलाफ भी एक बड़ा गेमचेंजर साबित होगा।