विधानसभा चुनाव के पहले BJP में कैलाश विजयवर्गीय का बढ़ता कद!

चर्चा में रही 'इंदौर गौरव दिवस' पर CM से उनकी एक सोफे पर हुई गुफ्तगू!

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विधानसभा चुनाव के पहले BJP में कैलाश विजयवर्गीय का बढ़ता कद!

Bhopal : BJP में राजनीतिक हलचलों के बीच पिछले कुछ दिनों से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) का कद बढ़ता दिखाई दे रहा है। माना जा रहा है कि उन्हें मध्य प्रदेश के नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी दी गई है। खासतौर पर ग्वालियर-चंबल संभाग के नाराज भाजपा नेताओं को मनाने और सामंजस्य बनाने का अहम दायित्व उन्हें सौंपा गया है। कल रात इंदौर गौरव दिवस समारोह पर जिस तरह CM ने जिस तरह कैलाश को महत्व दिया उससे इस बात की पुष्टि हो गई। दोनों नेताओं ने मंच पर एक सोफे पर लंबी गुफ्तगू की। सियासी गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे है।

विधानसभा चुनाव के पहले BJP में कैलाश विजयवर्गीय का बढ़ता कद!

पार्टी को ग्वालियर चंबल इलाके में ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र तोमर के समर्थक नेताओं के बीच तालमेल सही नहीं दिखाई दे रहा। यहां पार्टी को असंतोष ज्यादा दिखाई दे रहा है और कैलाश विजयवर्गीय यह खासियत है कि वे नाराज कार्यकर्ताओं और नेताओं को अपनी कला से मना लेते हैं। हाल ही में ग्वालियर दौरे के दौरान उन्होंने जयभान सिंह पवैया और अनूप मिश्रा से भेंट कर उनसे चर्चा की है।

इसके अलावा भी कैलाश विजयवर्गीय को आजकल पार्टी की कई महत्वपूर्ण बैठकों में शिरकत करते देखा जा रहा है। जबकि, पिछले काफी समय से एमपी की राजनीतिक गतिविधियों से दूर थे। लेकिन, अब लगता है कि पार्टी को उनकी उपयोगिता और उनके राजनीतिक काबिलियत का एहसास फिर से हो रहा है।

देखिए वीडियो-

हाल ही में कोई प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक में भी उनकी भूमिका को सबने देखा। उन्होंने इस बैठक में औपचारिक भाषण देने के बजाए कार्यकर्ताओं को सामने रखकर अपनी बात कही जिसे बैठक में सबसे ज्यादा प्रभावी माना गया। उन्होंने कहा कि पार्टी का कार्यकर्ता ही ताकत है और उसे महत्व दिया जाना चाहिए।

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कैलाश विजयवर्गीय सीएम हाउस में हुई चार बड़े नेताओं की बैठक में भी शामिल थे। बैठक में क्या निर्णय हुआ, यह अलग बात है। लेकिन, उस बैठक में शामिल होने वाले नेताओं में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर और प्रहलाद पटेल के अलावा कैलाश विजयवर्गीय ही थे।

फेरबदल से इंकार का अकेला दावा

उन्होंने मध्य प्रदेश बीजेपी में मचे घमासान पर भी जिस तरह का बयान दिया, उससे उनकी पार्टी में पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने सत्ता और संगठन में फेरबदल की अटकलों पर विराम लगाया। ग्वालियर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सीएम शिवराज और वीडी शर्मा के नेतृत्व में ही अगला चुनाव लड़ा जाएगा। इस मुद्दे पर ये अकेला आधिकारिक बयान है जो सामने आया। शिवराज सरकार के मंत्रियों के बीच विवाद पर उन्होंने कहा कि कहा कि बड़ी पार्टी है, कुछ तो होगा। जब पार्टी बड़ी बनती है तो थोड़ी बड़ी खटपट तो होती रहती है।

खरी खरी कहने का अजब साहस

कैलाश विजयवर्गीय ने पार्टी को सचेत करते हुए यह भी कहा था कि संगठन की गलतियां अगर ठीक नहीं की गई, तो बीजेपी ही बीजेपी को हरा सकती है। विजयवर्गीय ने ये बयान उस समय दिया, जब पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच असंतोष की अटकलें लगाई जा रही हैं। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मुझे ये कहते हुए संकोच नहीं हो रहा कि मध्य प्रदेश में आज की तारीख में कांग्रेस पार्टी बीजेपी को हरा नहीं सकती। कांग्रेस में दम नहीं है कि वो बीजेपी को हरा सके। लेकिन, अगर हम संगठन की गलतियां ठीक नहीं करते तो बीजेपी खुद अपनी हार का कारण बन सकती है। उन्होंने आगे कहा कि ये बात एकदम सही है कि हमारे में कुछ कमियां हैं, लेकिन इन्हें जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा।

पार्टी में कैलाश विजयवर्गीय के बढ़ते महत्व को देखते हुए यह समझा जा सकता है कि MP, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधान सभा चुनाव को देखते हुए उन्हें कोई नई और बड़ी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश या राष्ट्रीय स्तर पर मिल सकती है।