Khargone News: रेटवां के भोंगर्या में उमडा सैलाब, ढोल मांदल की थाप पर जमकर थिरके लोग

समाजसेवी नितिन पाटीदार ने भी बजाया ढोल

1153
Khargone News: रेटवां के भोंगर्या में उमडा सैलाब, ढोल मांदल की थाप पर जमकर थिरके लोग

खरगोन से आशुतोष पुरोहित की रिपोर्ट

खरगोन: खरगोन जिले के आदिवासी अंचल में होली के त्यौहार के पहले आदिवासियों के सबसे बडे पर्व भोंगर्या की धूम मची है। खरगोन विधानसभा के रेटवां के हाट बाजार में लोगो का आज सैलाब उमडा। समाजसेवी नितिन पाटीदार और जिला पंचायत के पूर्व सदस्य संतोष पाटीदार भी आदिवासी लोक संस्कृति के पर्व पर भोंगर्या पर शामिल हुए। इस दौरान आम हो या खास हर कोई ढोल मांदल की थाप पर जमकर थिरके।

Khargone News: रेटवां के भोंगर्या में उमडा सैलाब, ढोल मांदल की थाप पर जमकर थिरके लोग

इस दौरान समाजसेवी नितिन पाटीदार ने भी ढोल बजाकर आदिवासियों के बीच पर्व की खुशीयाॅ बांटी। भोंगर्या को लेकर मान्यता है की होली के त्यौहार को लेकर आदिवासी वर्ग के लोग खाद्य सामग्री, हार कंगन, फल अंगूर संतरे सहित अन्य सामग्री और रंग गुलाल की खरीददारी करते है। आस पास दूरस्थ इलाके से आदिवासी समाज के लोग परम्परा अनुसार वेशभूषा में भोंगर्या हाट में शामिल होते है। इस दौरान आदिवासी समाज की युवा टोली ने खूब आनंद लेती है। एक दूसरे को गुलाब लगा कर अपनी परम्परा का निर्वहन किया।

समाजसेवी नितिन पाटीदार ने बताया की हमारी आदिवासी संस्कृति का सबसे बडा पर्व भोंगर्या होता है। आदिवासी समाज के लोगो होली के त्यौहार के पहले 7 दिन तक अंचल के हाट बाजार में शामिल होकर उत्साह और उमंग के साथ खुशीयाॅ मनाते है। आधुनिकता के बाबजूद आदिवासी समाज में परम्परा का निर्वहन में काफी उत्साह देखा जाता है। समाज के साथ ही विभिन्न समुदाय के लोग भी भोंगर्या पर्व की खुशी में सहभागी बनते है।