

Kissa-A-IPS : IPS Akash Kulhari:10वीं में कम नंबर आए तो स्कूल से निकाले गए, फिर जो हुआ वो चमत्कार!
हर उस स्टूडेंट का सपना UPSC का नाम सुनते ही जाग जाता है, जिसमें देश सेवा का जज्बा है। लेकिन, इस परीक्षा को पास करना आसान बात नहीं है। यह ऐसी चुनौती है, जो जुनून की मांग करती है। ऐसे में अगर कोई कहे कि एक ऐसा लड़का जिसने 10वीं में सिर्फ 57% अंक हासिल किए और उसे कम अंक मिलने पर उसी स्कूल में 11वीं में एडमिशन नहीं दिया गया, वो एक दिन IPS अफसर बन जाए, तो क्या कोई यकीन करेगा!
आकाश की अटूट मेहनत और सही दिशा में तैयारी का ही नतीजा था कि पहले प्रयास में उन्हें सफलता मिल गई। साल 2006 में आकाश ने देश की सबसे मुश्किल UPSC की सिविल सेवा एग्जाम को क्रैक कर लिया था और वे IPS अधिकारी बन गए थे।
राजस्थान के बीकानेर में पैदा हुए आकाश को स्कूल में होनहार छात्रों में नहीं गिने जाते थे। उनके तो हालात ऐसे थे कि 10वीं की कम अंकों के चलते उन्हें उनके ही स्कूल ने 11वीं में एडमिशन देने से मना कर दिया था। सोचिए, उस समय उन पर क्या बीती होगी! लेकिन, असली खिलाड़ी वही होता है जो मैदान छोड़कर भागता नहीं, बल्कि वापसी करता है और आकाश ने भी यही किया। उन्होंने केंद्रीय विद्यालय में दाखिला लिया और 12वीं में 85% अंक लाकर सबको चौंका दिया। यहीं से शुरू हुई उनके सफर की असली कहानी।
कम नंबर के चलते आकाश को स्कूल से निकाल दिया गया, यदि ऐसा किसी और के साथ होता तो वो हार मान लेता। जबकि, आकाश ने ठान लिया कि अब वक्त को जवाब देना है, वो भी सफलता पाकर। उन्होंने खुद को साबित करने की ठान ली। बीकानेर के दुग्गल कॉलेज से बी कॉम किया। फिर दिल्ली का रुख किया और जेएनयू में एडमिशन लिया। वहां से उन्होंने एमए की पढ़ाई पूरी की और फिर एमफिल में एडमिशन लिया।
आकाश कुल्हरी के सामने ग्रेजुएशन के बाद दो विकल्प थे। पहला यह कि एमबीए करके वे कॉर्पोरेट फील्ड में नौकरी करते। दूसरा विकल्प था सिविल सेवाओं की तैयारी करना। उनकी मां चाहती थी कि बच्चे अधिकारी बनकर देश की सेवा करें। इसलिए मां की इच्छा का सम्मान करते हुए आकाश ने सिविल सेवा परीक्षा देने का फैसला किया।
फिर चमत्कार ये हुआ कि पहले ही अटेम्प्ट में UPSC क्लियर कर ली! वो मुश्किल परीक्षा जिसे पास करने के लिए लोग सालों संघर्ष करते हैं। 2005 में आकाश ने सिविल सेवा परीक्षा में अखिल भारतीय रैंक 273 हासिल की। वे 2006 बैच में भारतीय पुलिस सेवा आईपीएस में चयनित हुए। उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर दिया गया। पिछले कई सालों में उन्होंने कई प्रमुख पदों पर काम किया और वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में महानिरीक्षक (IG) के रूप में काम कर रहे हैं।
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आकाश कुल्हरी के पिता कृष्ण कुमार कुल्हरी कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन में एओ के पद से रिटायर हुए हैं। मां कमला देवी हाउसवाइफ हैं। आकाश की पत्नी स्वस्ति कुल्हरी दिल्ली के डिफेंस स्टडी रिसर्च इंस्टीटयूट में प्रोफेसर हैं। उनके एक बेटी नंदिनी है।
उत्तर प्रदेश कैडर के काबिल पुलिस अफसरों में IPS आकाश कुल्हरी ने खेल में भी देश का मान बढ़ाया। उन्होंने नीदरलैंड के रोटरडैम में आयोजित ‘वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स 2022’ प्रतियोगिता में हिंदुस्तान का गौरव बढ़ाया। लॉन टेनिस मुकाबले में कई देशों के पुलिस अधिकारियों को पटखनी देकर आकाश कुलहरि ने कांस्य पदक जीता। आकाश कुलहरि ने पहले भी लॉन टेनिस की कई प्रतियोगिताओं में पदक अपने नाम कर चुके हैं।
आकाश की कहानी सिखाती है कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर आपमें कुछ कर दिखाने की जिद हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। क्योंकि, जब इरादे फौलादी हों, तो रिजल्ट भी अफसर वाला ही आता है! IPS बनने की राह आसान नहीं थी। लेकिन, आकाश ने हार नहीं मानी। उन्होंने खुद पर भरोसा रखा, जमकर मेहनत की और अपने सपनों को सच कर दिखाया।