Laughing is Offence: हंसने वाले अधिकारी को अपर कलेक्टर ने थमाया नोटिस
राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
छतरपुर: एमपी अजब है और यहां के अधिकारी गजब हैं। अब अधिकारियों के हंसने पर रोक लगेगी। जिला पंचायत सभाकक्ष में चलने वाली जनसुनवाई के दौरान एक अधिकारी के हंसने पर अपर कलेक्टर ने उन्हें नोटिस थमाया है।
दरअसल जिला पंचायत सभाकक्ष में जनसुनवाई के दौरान सहायक प्रबंधक ई गर्वनेंस कलेक्टर कार्यालय केके तिवारी के हंसने पर अपर कलेक्टर मिलिंद नागदेवे ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
उन्होंने पत्र के माध्यम से कहा कि इस प्रकार का कृत्य अनुशासनहीनता और कर्तव्य के प्रति उदासीनता करते हुए लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तहत नियम 3 (एक)(दो)(तीन) के तहत गंभीर कदाचरण है। वहीं नियम 1966 के नियम 10 के तहत दण्डनीय है। अत: आप लिखित उत्तर अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष उपस्थित होकर प्रस्तुत करें।
इस कृत्य के लिए क्यों न आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए। यदि आपका उत्तर सही नहीं पाया गया तो मान लिया जाएगा कि आपके द्वारा जान-बूझकर लापरवाही की गई है जिसके उत्तरदायी आप स्वयं होंगे।
जब मीडिया ने इस बात की जानकारी अपर कलेक्टर मिलिंद नागदेवे से जाननी चाही तो वे बात को टालते हुए भागते नजर आए।