Leader of Thugs Caught : ठगों के सरगना को सोलर पैनल टीम बनकर पकड़ा!
Indore : डीके ट्रेडिंग कंपनी के कर्ताधर्ता और मुख्य फरार आरोपी को क्राइम ब्रांच इंदौर की कार्यवाही में गिरफ्तार किया। आरोपी के गिरोह ने सूरत, अहमदाबाद और मुंबई के कपड़ा कारोबारियों से करीब 2.5 करोड रूपए की धोखाधड़ी की थी। धोखाधड़ी के पैसे से आरोपी ने अपने गांव में पक्का मकान बनवाया और अपनी फर्जी फर्मों के पते इंदौर के लिखवाकर बैखोफ घूम रहा था। सस्ते सोलर पैनल लगाने वाली नकली टीम बनकर क्राईम ब्रांच की टीम अयोध्या के नजदीक उसके घर पहुंची और उसे दबोचा लिया।
फरार आरोपी पर कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ वारंट जारी करके 7 हजार का इनाम भी घोषित किया था। इस प्रकरण में अभी तक क्राइम ब्रांच ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सूरत के कपड़ा व्यापारी सिमु इम्पेक्स प्रा.लिमिटेड के डायरेक्टर सुमीर किनरा और अन्य आवेदकों ने शिकायत की थी कि उनके खिलाफ इंदौर की एक फर्म ने धोखाधड़ी की है। बताया गया कि डीके ट्रेडिंग कंपनी के प्रोपराईटर दिवाकर मिश्रा एवं बालाजी इंटरप्राईजेज प्रोपराईटर व उनके साथियों ने सिमु इम्पेक्स व सूरत, अहमदाबाद और मुंबई के कई व्यापारियों से करीब 2.5 करोड रूपए की कपड़ा लेकर रातों-रात दुकान खाली करके चले गए। कपड़े के पैसे नहीं दिए गए और भाग गए।
शिकायत की जांच के दौरान फर्म डीके ट्रेडिंग कंपनी व बालाजी इंटरप्राईजेज के जीएसटी नंबर एवं लिंक खातों की जानकारी ली गई। दोनों फर्मों के प्रोप्राइटर द्वारा इंदौर में किराए से ली गई दुकानों के पते पर ही अपने आधार कार्ड के पते अपडेट करा लिए थे। उक्त आधार कार्ड का उपयोग कर विभिन्न बैंकों में खोले गए और खातों में निवास स्थान का पता इंदौर का ही लिखवाया गया था। जांच से फर्म डीके ट्रेडिंग कंपनी के प्रोप्राइटर और बालाजी इंटरप्राईजेस प्रोपराईटर व उनके साथी के विरुद्ध थाना क्राइम ब्रांच इंदौर में अपराध पंजीबद्ध कर अनुसंधान में लिया गया।
जांच के दौरान तकनीकी जानकारी एवं साक्ष्य संकलित कर चार आरोपी अरविंद पांडे, लक्ष्मीकांत शुक्ला, देवीप्रसाद उपाध्याय और चेतन जैन को गिरफ्तार किया गया। प्रोप्राइटर दिवाकर मिश्रा फरार था। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। निमिष अग्रवाल डीसीपी (अपराध) ने फरार दिवाकर मिश्रा की गिरफ्तारी पर 7 हजार के इनाम की घोषणा की थी।
सरगना तक ऐसे पहुंची क्राइम ब्रांच
फरार दिवाकर मिश्रा की गिरफ्तारी के लिए टीम अयोध्या (उत्तर प्रदेश) भेजी गई। टीम के सदस्य सस्ते सोलर पैनल लगाने वाली कंपनी के कर्मचारी बनकर आरोपी के घर पहुंचे और आरोपी के पिता को सोलर पैनल लगाने के फायदे बताने लगे। उसी समय आरोपी दिवाकर मिश्रा पिता अमर बहादुर मिश्रा को पुरे बैहरा मिश्र का पुरवा में मकान का निर्माण कार्य कराते देखा गया। जिसे सोलर पैनल लगवाने के लिए प्रेरित करने वाली बातचीत करते हुए क्राइम ब्रांच की टीम ने दबोच लिया। आरोपी का पुलिस रिमांड प्राप्त कर लिया है। उससे पूछताछ कर अग्रिम कार्यवाही की जाएगी।
कैसे बनी धोखाधड़ी की योजना
शुरूआती पूछताछ में दिवाकर ने बताया कि पहले गिरफ्तार किए आरोपी देवी प्रसाद उपाध्याय करीब 20-25 साल से सूरत में रहता है। उसे कपड़ा कारोबार की अच्छी जानकारी है। कपड़ा व्यवसाय के दौरान ही हम सभी की सूरत में दोस्ती हुई। तब सभी ने मिलकर इंदौर में जीएसटी नंबर लेकर दो दुकान खोलकर कपड़ा कारोबार करने की प्लानिंग की। फिर इंदौर आकर फर्म मैसर्स बालाजी इंटरप्राइजेस दुकान (तिलक पथ मेन रोड) और डीके ट्रेडिंग कंपनी (इमली बाजार) पर किराए से दुकान लेकर उसी पते पर अपने आधार कार्ड और पते अपडेट कराए। फिर इसी पते पर जीएसटी नंबर लेकर बैंक के खाते खुलवाए। व्यापारियों का भरोसा जीतने के लिए शुरू में समय पर कपड़ा लेकर उसका भुगतान किया। जब उनका भरोसा बढ गया, तब करीब ढाई करोड़ रूपए का कपड़ा लेकर रातों-रात किराए की दुकानों से सामान लेकर फरार हो गए।