Life Logistic: श्रृंगार और सुंदरता बढ़ाती है मनोबल और उत्साह

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श्रृंगार और सुंदरता के लिए व्यक्ति का रूचीप्रद होना जरूरी है। इसमें गरीबी अमीरी से कोई फर्क नहीं पड़ता। गांवो में और दूरदराज इलाकों में रहने वाले आदिवासियों और जनजाति से काफी कुछ सीखने को मिलता है। वे किस तरह अपने आप को सुंदर रखते हैं जो आसानी से चीजें उपलब्ध होती है उसी से अपना श्रृंगार करते हैं।

राजस्थान गुजरात कई प्रदेश में चटकीले और बड़े सुंदर ढंग से सिले कपड़े पहनते हैं। वैसे तो हर प्रांत की कुछ ना कुछ खासियत है, उनका अपना श्रृंगार कर सुंदर रहने का तरीका है और वे अपने उसी परिवेश में बहुत खुश रहते हैं। चाहे जितने भी तनाव और तकलीफ मे जिंदगी हो लेकिन वे अपने हाथों से बनाए आभूषण और अपने पहनावे से अपनी खुशी का रास्ता ढूंढ लेते हैं।

खुशी इंसान के जीवन में सबसे ज्यादा जरूरी है। जो संतुष्ट रहते हैं वह ज्यादा खुश रहते हैं। सदैव नहाना, बालों को करिने से जमाना, चटक सलीकेदार कपड़े पहनना, इत्र आदी लगाना और अपने पसंद के गहने पहनना, इस तरह सुंदरता से हमेशा रहना, यह रोजमर्रा की आदत होने से व्यक्ति का मनोबल बढ़ता है और उसे अपने काम और जीवन में उत्साह बनाए रखने की शक्ति भी मिलती है।

जब व्यक्ति के मन में प्रसन्नता रहती है और तन में ऊर्जा बहती है तब वह जीवन की सच्चाई और सुंदरता को अनुभव करता है और यही सत्य है।

व्यक्ति को जीवन में खुशी महसूस होने लगे और वह उसी खुशी को कायम रखने में सफल हो यही व्यक्ति के असली कामयाबी है। व्यक्ति के पास जो भी ऐसेसरी हो उसी से अपना मेकअप कर जितने भी सुंदरता से रह सके रहना चाहिए ताकि मनोबल और उत्साह बना रहे। ध्यान रहे मेकअप करते समय, रहन सहन, बातचीत और व्यवहार में भद्दापन नहीं आना चाहिए।