Lock in Children’s Ward : हुकुमचंद पाली क्लीनिक में बच्चों के वार्ड में ताला!

डेढ़ साल बाद भी विभाग वार्ड को शुरू नहीं कर रहा, उपकरण खराब होने का खतरा!

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Lock in Children’s Ward : हुकुमचंद पाली क्लीनिक में बच्चों के वार्ड में ताला!

Indore : स्वास्थ्य विभाग के इंदौर में कई अस्पताल है, लेकिन बेहतर इलाज नहीं मिलने के कारण मरीज हमेशा एमवाय अस्पताल ही जाते हैं। विभाग के हुकुमचंद पाली क्लिनिक में जगह होने के बाद भी उसका इस्तेमाल करने के बजाए वहां ताले लगा रखे हैं। यहां बच्चों के लिए बनाए वार्ड में डेढ़ साल से भी अधिक समय से ताला लगा है।

इस वार्ड को कोरोना के समय 70 बेड का पीडियाट्रिक आईसीयू बनाया था। ताकि इमरजेंसी के समय इसका इस्तेमाल किया जा सके। लेकिन कोरोना के समय इस वार्ड का उपयोग करने के बाद से न तो वार्ड का उपयोग किया जा रहा है और न यहां रखे उपकरणों का कोई उपयोग किया जा रहा है। यहां रखें उपकरण का भी खराब होने का खतरा है।

कई बार शहर के शासकीय अस्पताल में बच्चों के बेड भर जाने के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को यह सभी परिस्थिति नजर आती है, लेकिन इसके बाद भी वह इसे शुरू नहीं कर रहे हैं। इसके शुरू न होने का कारण अधिकारियों द्वारा यह बताया जाता है कि इस वार्ड को शुरू करने के लिए स्टाफ की आवश्यकता होगी, जिसके लिए हम भोपाल में अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं।

संभाग भर से आते हैं मरीज

इंदौर में संभाग भर के जिले धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी आदि से मरीज इलाज करवाने के लिए आते हैं। क्योंकि उन्हें यह पता है कि यदि उन्हें अपने जिले में बेहतर उपचार नहीं मिल रहा है तो इंदौर में जरूर मिल जाएगा। बच्चों के आईसीयू की आवश्यकता शहर के सरकारी अस्पतालों में अधिक है। क्योंकि यहां बड़ी संख्या में बच्चों को इलाज के लिए रेफर किया जाता है।

लेकिन स्वास्थ्य विभाग फिर भी कोई इंतजाम नहीं कर रहा है। अस्पताल प्रभारी डॉ आशुतोष शर्मा ने कहा कि बच्चों के लिए आईसीयू वार्ड कोरोना के समय बनाया था। हमने भोपाल में इसे शुरू करने को लेकर पत्र लिखा है। क्योंकि, इसके लिए स्टाफ की भी नियुक्ति करना होगी। जल्द ही इसे बच्चों की सुविधाओं के लिए शुरू कर दिया जाएगा।