नहीं रहे ”माया दर्पण” के निर्देशक कुमार साहनी
दिग्गज फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक कुमार साहनी ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है। कुमार साहनी 83 वर्ष के थे। उनका कोलकाता में शनिवार रात को उम्र संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया।
निर्देशक की मौत के बाद इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है।
साहनी की करीबी दोस्त और अभिनेत्री मीता वशिष्ठ ने उनके निधन की पुष्टि करते हुए कहा- निर्देशक कोलकाता के एक अस्पताल में उम्र से संबंधित बीमारियों के चलते भर्ती थे। इसके बाद शनिवार यानी 24 फरवरी की रात को 11 बजे के आसपास उनका निधन हो गया। साहनी पिछले काफी समय से बीमार थे और उनकी सेहत में सुधार नहीं हो रहा था।
करियर की बात करें तो साहनी ने फ्रांस में लघु फिल्में बनाकर की थी। इसके बाद 1972 में उन्होंने ‘माया दर्पण’ के साथ हिंदी फिल्मों का रुख किया, जिसे सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिया गया। उन्होंने संगीत और नृत्य पर आधारित 2 फिल्में ‘ख्याल गाथा’ (1989) और ‘भवन्तराना’ (1991) बनाई थीं। 1997 में साहनी ने रवीन्द्रनाथ टैगोर के 1934 के उपन्यास ‘चार अध्याय’ पर फिल्म बनाई। फिल्म ‘तरंग’ और ‘भवन्तराना’ के लिए भी साहनी को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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