दिल्ली पहुंची मंत्री की शिकायत

799

दिल्ली पहुंची मंत्री की शिकायत

मप्र के एक मंत्री की लेनदेन की शिकायत दिल्ली में भाजपा नेताओं और संघ के पदाधिकारियों तक पहुंच गई है। मंत्री जी ने अपने विभाग के प्रचार प्रसार के लिए लगभग 16 करोड़ की प्रिंटिंग का ठेका देने के नाम पर एक फर्म से 2 करोड़ रुपए लिए। 20 लाख रुपए मंत्री जी के दलाल ने लिये। बताते हैं कि इस लेनदेन की भनक सीएम सचिवालय को लगी तो वहां से प्रिंटिंग का आदेश रद्द करा दिया गया। ठेकेदार ने रकम वापस मांगी तो मंत्री जी ने किश्तों में 1 करोड़ 8 लाख लौटा दिए। लेकिन शेष 92 लाख लौटाने तैयार नहीं हैं। मजेदार बात यह है कि ठेकेदार का संपर्क दिल्ली में भाजपा व संघ नेताओं से है। यह ठेकेदार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर आधारित एक पुस्तक को प्रकाशित करा चुका है। अब ठेकेदार ने शेष रकम की वसूली के लिए दिल्ली में डेरा डाल दिया है।

लगभग 15 एफआईआर में खात्मा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चौथे कार्यकाल में भोपाल पुलिस ने लगभग दो दर्जन से अधिक ऐसी एफआईआर दर्ज की हैं जो सोशल मीडिया पर लगे आरोप प्रत्यारोपण को लेकर हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं व अनेक भाजपा विरोधियों को आरोपी बनाया गया है। राज्य सरकार में बैठे नेताओं के दबाव में एफआईआर तो दर्ज हो गईं, लेकिन इनमें चालान पेश करने लायक प्रमाण नहीं मिल पा रहे हैं। अधिकांश मामलों में ट्वीटर हेड क्वार्टर ने भी भोपाल पुलिस को सहयोग नहीं किया है। ट्वीट के आधार पर एफआईआर तो दर्ज हो गई, लेकिन ट्वीटर हेड क्वार्टर ने इसे कन्फर्म करने भोपाल पुलिस के किसी पत्र या मेल का जबाव नहीं दिया है। ट्वीटर कंपनी के कन्फर्म किये बिना कोर्ट में चालान पेश नहीं हो सकता। ऐसे में पुलिस के पास इन मामलों में खात्मा काटने के अलावा कोई चारा नहीं है। मुखबिर का कहना है कि ऐसे लगभग 15 मामलों में खात्मा कट चुका है।

आईएएस अफसरों के खिलाफ पर्चेबाजी कब थमेगी!
मप्र में अब टेक्नोलॉजी की कोई कमी तो है नहीं। हमारी पुलिस भी सक्षम है फिर क्या कारण है कि अभी तक आईएएस अफसरों के खिलाफ अनर्गल और आपत्तिजनक पर्चेबाजी पर रोक नहीं लग पाई है। लगभग दो वर्ष बाद फिर से आईएएस अफसरों के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक पर्चा सोशल मीडिया में चल रहा है। इस पर्चे में मप्र के लगभग 18 आईएएस अफसरों को निशाने पर लिया गया है। उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई है। निश्चित तौर पर ऐसे पर्चे आईएएस अफसरों की कार्यशैली को प्रभावित करते हैं। सवाल यह है कि आईटी के इस युग में इन पर्चों को बनाने और बांटने वालों की धरपकड़ क्यों नहीं होती? ऐसे पर्चों की रोकथाम के सार्थक प्रयास क्यों नहीं होते? इन पर्चों के विरुद्ध पुलिस कार्रवाई क्यों नहीं करती?

मप्र में व्यापक फेरबदल की तैयारी!
मप्र में पहली बार प्रशासन और सत्तारूढ़ संगठन में व्यापक बदलाव की आहट सुनाई देने लगी है। चर्चा है कि पहली बार लगभग आधे से ज्यादा एसपी कलेक्टरों को बदलने की तैयारी है। मंत्रालय में करीब 25 पुलिस अधीक्षकों के तबादलों के प्रस्ताव तैयार रखे हैं। लगभग इतने ही कलेक्टरों के बदले जाने की अटकलें हैं। भाजपा संगठन में भी जिला स्तर पर बड़ी सर्जरी की तैयारी चल रही है। प्रदेश भाजपा कार्यालय से बाहर आ रही खबरों पर भरोसा किया जाए तो अभी तक लगभग 18 जिलाध्यक्षों को बदले जाने की संभावना है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने 2023 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर प्रशासनिक सर्जरी व संगठन में बड़े बदलाव की तैयारी की है। उम्मीद है इस महीने के अंत तक यह काम पूरा हो जाएगा।

दो करोड़ी थाना…गजब कमाई है भाई!
इस खबर पर सहसा विश्वास नहीं होता, लेकिन हमारे मुखबिर का दावा है कि विन्ध्य क्षेत्र के एक जिले में ऐसा भी थाना है, जहां हर महीने लगभग दो करोड़ की अवैध वसूली होती है। इस थाने में आपसी झगड़े या चोरी चकारी के केस कम ही आते हैं। यह पूरी वसूली चोरी के कोयले के ट्रकों को निकालने के एवज में की जाती है। इस वसूली में अफसरों से लेकर नेताओं तक का हिस्सा तय है। मजेदार बात यह है कि इस थाने का प्रभारी बनने के लिए भोपाल से सिफारिश लगानी पड़ती है। यह भी चर्चा है कि बीते नगरीय निकाय चुनाव में इस थाने के प्रभारी को जिले के बाहर भेजने का प्रस्ताव था, लेकिन थाना प्रभारी ने पैसा पानी की तरह बहाया और अपना तबादला रूकवा लिया।

शिवपुरी जिले में नेताओं की रियासतें!
शिवपुरी मप्र के सबसे चर्चित जिला होता जा रहा है। इसे आप नेता नगरी भी कह सकते हैं। यहां भाजपा नेताओं ने अपनी अपनी रियासतें जैसी बना ली हैं, जहां वे किसी का हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं। करैरा इलाके में सिंधिया खेमे के जसवंत जाटव का राज कायम हो गया है। विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद जाटव को शिवराज सरकार ने राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया है। उनका बेटा नगर पंचायत का अध्यक्ष बन गया है। शिवपुरी के शहरी क्षेत्र में मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की अनुमति के बगैर पत्ता नहीं हिल सकता। पौहरी क्षेत्र में सिंधिया खेमे के मंत्री सुरेश धाकड़ का चलतारा है। यह भी सही है कि सांसद केपी यादव और कोलारस विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी की प्रशासन पर उपरोक्त तीनों जैसी पकड़ नहीं है। पिछोर के कांग्रेस विधायक केपी सिंह की बेशक प्रशासन नहीं सुनता, लेकिन इसके बाद भी उनके इलाके में उनका दबदबा कायम है।

और अंत में….!
यह मप्र के गर्व की बात है कि विदिशा जिले को दूसरा बड़ा सेलेब्रिटी मिल गया है। 2014 में विदिशा के कैलाश सत्यार्थी को जब शांति का नोबेल पुरस्कार मिला तो पूरी दुनिया में मप्र व विदिशा का नाम रोशन हुआ था। अब विदिशा जिले के गंज बासौदा कस्बे के शरद शर्मा की आवाज ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। शरद शर्मा ने जीटीवी के सारेगामापा शो में सेकेंड रनअप का खिताब जीतकर मप्र सहित पूरे विदिशा जिले का नाम रोशन कर दिया है। पिछले वर्ष अक्टूबर में शरद शर्मा का चयन सारेगामापा के लिए हुआ था। खाने के बेहद शौकीन और अपना ब्याह कराने के लिए आकुल व्याकुल शरद शर्मा जब गाना गाते हैं तो लोग वाह वाह कर उठते हैं। बताते हैं कि फिलहाल शरद शर्मा अपनी आवाज का जादू बिखरने के लिए आस्ट्रेलिया दौरे पर हैं। इसके बाद उनके शो साऊथ अफ्रीका में होना है। बासौदा के शरद शर्मा रातोंरात बड़े सेलेब्रिटी बन चुके हैं। गाने के बीच में कभी कभी वे जयश्रीराम का नारा भी बुलंद करते हैं।