

मोदी ट्रम्प वार्ता से पाक आतंकियों पर शिकंजे के नए कदमों के संकेत
आलोक मेहता
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान ‘ पाकिस्तान सीमा से आतंकी हमलों ‘ के विरुद्ध संयुक्त प्रयास का संकल्प और आतंकियों के प्रत्यर्पण की घोषणा पर अधिक ध्यान देने की जरुरत है | अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एलान किया है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर हुए हमलों के साज़िशकर्ता तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा | आतंकवादी हमले से जुड़े राणा को भारत में न्याय का सामना करना होगा | ‘ भारत कई वषों से राणा के प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है | एक बार तो अमेरिकी अदालत ने तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित करने की अनुमति भी दे दी थी | लेकिन पिछले साल नंवबर में उन्होंने इस पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी | इस याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने ख़ारिज कर दिया है | पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने रची थी | भारत, इस संगठन के प्रमुख हाफ़िज़ सईद को पाकिस्तान से प्रत्यर्पित करने की मांग करता रहा है | अमेरिका से राणा और अनमोल बिश्नोई ( लारेंस गैंग ) तथा अन्य आरोपियों की वापसी के साथ कनाडा और पाकिस्तान पर दबाव बढ़ सकता है |
आतंकी साजिशकर्ता राणा पर भारत में क़ानूनी कार्रवाई चलने और पूछताछ से न केवल पाकिस्तान बल्कि अन्य देशों से संपर्क और फंडिंग से आतंकी गतिविधियों को सहायता करने वालों का भंडाफोड़ हो सकता है | राणा और उसके साथी हेडली ने छद्म नामों , कंपनियों का सहयोग लेकर आतंकी गतिविधियों की का इंतजाम किया था |भारतीय एजेंसियों की ओर से पाकिस्तानी-अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली के ख़िलाफ़ जाँच में एक नाम बार-बार आ रहा था, और वो नाम था तहव्वुर हुसैन राणा | शिकागो में कड़ी सुरक्षा के बीच चार हफ़्ते तक चले मुक़दमे के दौरान राणा के बारे में कई जानकारियाँ सामने आईं थीं | इस मुक़दमे की सबसे अहम बात ये रही कि हेडली तहव्वुर राणा के ख़िलाफ़ सरकारी गवाह बन गया |तहव्वुर हुसैन राणा का जन्म पाकिस्तान में हुआ और वहीं परवरिश हुई. मेडिकल डिग्री हासिल करने के बाद वो पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में शामिल हो गए थे | राणा की पत्नी भी डॉक्टर थीं. 1997 में दोनों पति-पत्नी कनाडा चले गए और 2001 में कनाडा के नागरिक बन गए |साल 2009 में अपनी गिरफ़्तारी से कुछ साल पहले राणा ने अमेरिका के शिकागो में एक इमीग्रेशन और ट्रैवल एजेंसी खोली |शिकागो में डेविड कोलमैन हेडली के साथ उनकी पुरानी दोस्ती फिर से शुरू हो गई थी | हेडली ने जब मुंबई पर हमले की तैयारी शुरू की, तो वे 2006 से 2008 के बीच कई बार मुंबई आए | बार-बार भारत आने पर किसी को शक न हो इससे बचने के लिए हेडली ने राणा की ट्रैवल एजेंसी की एक शाखा मुंबई में खोली | पधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार अमेरिका वार्ता में भी अवैध घुसपैठ के लिए सहायक लोगों और ट्रैवल एजेंसियों पर कड़ी नजर और कार्रवाई पर जोर दिया है | राणा पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा के इशारे पर ये सब कर रहा था | मुंबई हमले में छह अमेरिकी नागरिक भी मारे गए थे | अमेरिकी नागरिकों को मारने में मदद करने सहित 12 आरोपों पर राणा को सज़ा मिली | अमेरिका जाँच एजेंसी एफ़बीआई ने राणा और हेडली को अक्तूबर 2009 में शिकागो एयरपोर्ट पर गिरफ़्तार किया था | एफ़बीआई के अनुसार ये दोनों डेनमार्क में आतंकी हमला करने के लिए जा रहे थे | उनकी योजना जिलैंड्स-पोस्टेन अख़बार के दफ़्तर पर हमले की थी. इस अख़बार ने विवादास्पद कार्टून प्रकाशित किए थे |इस गिरफ़्तारी के बाद हुई पूछताछ के दौरान मुंबई हमलों में इन दोनों के शामिल होने की भी पुष्टि हुई | इस तरह राणा को दो अलग-अलग साज़िशों में शामिल होने के लिए 14 साल जेल की सज़ा दी गई |अक्तूबर 2009 में गिरफ़्तारी के बाद के बयान में राणा ने स्वीकार किया था कि पाकिस्तान में होने वाले लश्कर के प्रशिक्षण शिविरों में हेडली ने भाग लिया था |अमेरिका में शिकागो में चले मुकदमे के दोरान वहां के अटॉर्नी जनरल ने कहा था, 2006 की शुरुआती गर्मियों में, हेडली और लश्कर के दो सदस्यों ने उनकी गतिविधियों के कवर के रूप में मुंबई में एक इमीग्रेशन ऑफ़िस खोलने पर चर्चा की |हेडली ने राणा से मुंबई में ‘फ़र्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज़’ का दफ़्तर खोलने की बात की थी ताकि उन लोगों की अपनी गतिविधियों के कवर के रूप में उस दफ़्तर का इस्तेमाल किया जा सके | गवाही के दौरान हेडली ने कहा था, “जुलाई 2006 में, मैं राणा से मिलने के लिए शिकागो गया था और उसे उस मिशन (मुंबई पर हमले) के बारे में बताया था जो लश्कर ने मुझे सौंपा था |राणा ने मुंबई में एक “फ़र्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज़” केंद्र स्थापित करने की मेरी योजना को मंज़ूरी दी थी और उसे पांच साल का बिज़नेस वीज़ा प्राप्त करने में मदद की थी | ” राणा को सज़ा सुनाये जाने के बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के सहायक अटार्नी जनरल लिसा मोनाको ने अदालत के फ़ैसले के बाद कहा था, “आज का फ़ैसला इस बात को दर्शाता है कि जिस तरह से हम आतंकवादियों और उनके संगठनों का पीछा करते हैं, हम उन लोगों का भी पीछा करेंगे जो एक सुरक्षित दूरी से उनकी हिंसक साज़िशों को अंजाम देते हैं | ‘
मुंबई में वो डेविड हेडली के नाम से रहता था लेकिन अपनी बहन शेरी, सौतेले भाइयों हमज़ा और दानियाल, पत्नियों पोर्शिया, शाज़िया और फ़ैज़ा और सबसे अच्छे दोस्त तहव्वुर राना के लिए वो पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी था जिसका असली नाम था दाऊद सलीम जिलानी |डेविड कोलमैन हेडली को इस समय अमेरिका की एक जेल में 35 साल के लिए बंद रखा गया है | दाऊद या कहें डेविड के पिता सैयद सलीम जिलानी पाकिस्तान का ब्रॉडकास्टर था | वो जब कुछ सालों के लिए वॉयस ऑफ़ अमेरिका में काम करने के लिए वॉशिंगटन गया था | बाद में डेविड हेडली का फिर पाकिस्तान से आने-जाने का सिलसिला शुरू हुआ| इस बीच उसका संपर्क ड्रग तस्करों से हुआ और वो हेरोइन तस्करी के काम में लग गया | चार वर्ष बाद कस्टम अधिकारियों ने उसे फ़्रैंकफ़र्ट हवाई अड्डे पर दो किलो हेरोइन के साथ पकड़ लिया | जर्मन अधिकारियों ने उसे अमेरिका को सौंप दिया | वहाँ उसने अमेरिकियों से एक सौदा किया जिसके तहत तय हुआ वो उनके लिए मुख़बिर का काम करते हुए पाक-अमेरिकी हेरोइन नेटवर्क में घुसपैठ कर उनकी गुप्त सूचना ड्रग इन्फ़ोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) तक पहुँचाएगा |उसने अपने पिता की मदद से जो अब तक रेडियो पाकिस्तान के महानिदेशक बन चुके थे, लाहौर नहर के पास के इलाके में एक घर ख़रीदा |साल 2000 के अंत में जब अल-क़ायदा ने यमन में अमेरिकी पोत यूएसएस कोल पर हमला किया तो डेविड ने लश्कर जिहाद फ़ंड में 50 हज़ार रुपए का चंदा दिया और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफ़िज़ सईद का भाषण सुनने गया |अगले ढाई सालों तक दाऊद पूरी तरह से लश्कर के संपर्क में आ चुका था और लाहौर से 15 किलोमीटर दूर मुरीदके में लश्कर के कैंप में ट्रेनिंग ले रहा था |मशहूर डेनिश पत्रकार कारे सोरेन्सन अपनी किताब ‘द माइंड ऑफ़ अ टेररिस्ट द स्ट्रेंज केस ऑफ़ डेविड हेडली’ में लिखा हैं-“दाऊद का सपना था कि कश्मीर में लड़ने के लिए भेजा जाना लेकिन लश्कर के नेता ज़की-उर-रहमान लखवी की नज़र में इस अभियान के लिए दाऊद की उम्र कुछ ज़्यादा हो चुकी थी |उसने लश्कर के कमांडर साजिद मीर से कहा कि वो भारत पर हमले की बड़ी योजना में हेडली को भी शामिल करे |लश्कर को एक ऐसे शख़्स की ज़रूरत थी जो लंबे अरसे तक कैमरे और नोटबुक के साथ मुंबई आ-जा सके और जिसे लोगों से घुलने-मिलने से कोई परहेज़ न हो | जून, 2006 में दाऊद को आधिकारिक रूप से इस अभियान में शामिल कर लिया गया |उससे कहा गया कि वो एक अमेरिकी पर्यटक का वेश बनाए जो घूमने के लिए मुंबई जाकर वहाँ सारी जानकारी जमा करे |इसके लिए दाऊद पहले अमेरिका गया जहाँ उसने दाउद नाम छोड़कर नया नाम डेविड कोलमैन हेडली धारण किया. उसने इस नए नाम से एक नया पासपोर्ट बनवाया |इसके बाद हेडली को इस रोल के लिए एक एडवांस ट्रेनिंग दी गई ||मुंबई हमले के चार महीने बाद मार्च 2009 में हेडली ने एक बार फिर मुंबई की यात्रा की. इस बार वो चर्चगेट के होटल आउटरेम में ठहरा जहाँ वो पहले एक बार ठहर चुका था |3 अक्तूबर, 2009 को जब हेडली शिकागो से पाकिस्तान जाने के लिए फ़िलाडेल्फ़िया हवाई अड्डे पर विमान में बैठ रहा था, उसे गिरफ़्तार कर लिया गया |
भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि में प्रावधान है कि अगर कोई व्यक्ति भारत में कोई अपराध करता है और अगर उसे अमेरिका की धरती पर पकड़ा जाता है तो भारत उसके प्रत्यर्पण की माँग कर सकता है लेकिन हेडली ने संभवत अमेरिका से एक सौदा किया कि वो उनके साथ पूरा सहयोग करेगा बशर्ते उसे भारत या पाकिस्तान प्रत्यर्पित न किया जाए और अमेरिका इसके लिए राज़ी भी हो गया | उसकी गिरफ़्तारी के बाद भारतीय अधिकारियों को हेडली से सवाल-जवाब करने की अनुमति मिलने में बहुत अधिक समय लगा और तब भी उन्हें सीमित सवाल पूछने की ही छूट मिली |मुंबई की एक अदालत के समक्ष गवाही देते हुए पाकिस्तानी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा ने मुंबई के ताज महल होटल में भारतीय रक्षा वैज्ञानिकों पर हमला करने की योजना बनाई थी और पाकिस्तान की आईएसआई ने उसे उनके लिए जासूसी करने के लिए भारतीय सैन्यकर्मियों की भर्ती करने को कहा था। उसने यह भी कहा कि भारत में आतंकवादी हमलों के लिए लश्कर-ए-तैयबा समूह पूरी तरह जिम्मेदार है | सभी आदेश इसके शीर्ष कमांडर जकी-उर-रहमान लखवी की ओर से आए थे।डेविड कोलमैन हेडली को अमेरिका की एक जेल में 35 साल के लिए बंद रखा गया है | राणा लॉस एंजिल्स की जेल में है और उसे भारत में तिहाड़ जेल में रखने की तैयारियां हो रही हैं |