फिल्म समीक्षा: तूफान में फंसे हवाई जहाज का रोमांच, झेलनीय रनवे-34 (Runway 34)

फिल्म समीक्षा: तूफान में फंसे हवाई जहाज का रोमांच, झेलनीय रनवे-34 (Runway 34);

रनवे 34 (Runway 34) भारत की पहली एविएशन फिल्म कही जा सकती है। दोहा से कोच्ची आने वाली जेट एयरवेज की एक फ्लाइट की कहानी को बदलकर दुबई से कोच्ची जाने वाली कहानी बना दिया गया है। इसके पहले 2009 में अमेरिका में हडसन नदी में उतारे गए एक विमान पर अंग्रेजी में सली नामक फिल्म बन चुकी हैं। सली वैश्विक घटना की अमेरिकन फिल्म थीं और यह भारतीय विमान को लेकर भारतीय फिल्म हैं। हालांकि इस फिल्म को देखते हुए लगता हैं कि यह कोई अंग्रेजी फिल्म की नकल हैं। दक्षिण भारत में स्थानीय कहानी पर तमिल या तेलुगु में वैश्विक फिल्म बनती हैं और हिन्दी में इसका उल्टा होता हैं।

इस फिल्म के निर्देशक और मुख्य कलाकार अजय देवगन हैं। जब अजय देवगन ने पैसा लगाया, तो उन्होंने सोचा होगा कि पर्दे पर मैं ही मैं नजर आऊं। जब भी कोई निर्देशक हीरो होता है, तो वह अपने रोल के साथ मनमाना व्यवहार करता हैं। अजय देवगन के चेहरे पर झुनझुलाहट, परेशानी, जिद्दी और अडियल होने का भाव खूब जमता है, इसलिए इस फिल्म (Runway 34) का हीरो जो की पायलट हैं, बिना बात के ही ऐसे भाव लाता रहता है। हीरो की याददाश्त फोटोजनिक हैं। एक बार किसी कागज को पढ़ लेते हैं, तो कई दिनों तक भूलते नहीं है। सिगरेट हमेशा होठों के बीच होती है, भले ही वह अनसुलगी हो। पायलट होते हुए भी शराब पीने से गुरेज नहीं। अपने काम में माहिर, जिद्दी और आत्मविश्वास से भरपूर यह एक ऐसा पायलट है, जो एयर ट्रैफिक कंट्रोल के निर्देशों की भी अवहेलना करता हैं। नतीजे में 150 यात्रियों की जान हलक पर रहती हैं।

अजय देवगन को यह बात पता थी कि पूरी फिल्म में लोग केवल उनका चेहरा देखना पसंद नहीं करेंगे, इसीलिए इंटरवल के बाद फिल्म में अमिताभ बच्चन की एंट्री होती हैं। अमिताभ लगातार वकील की भूमिका में कामयाब रहे हैं। उम्र के इस पड़ाव पर वे इस भूमिका में जंचते भी हैं। अब होता है अमिताभ और अजय देवगन का आमना-सामना। इंटरवल के बाद की पूरी फिल्म (Runway 34) इसी पर केन्द्रित हैं। रकुल प्रीत सिंह ने इस फिल्म में अजय देवगन के सहायक पायलट की भूमिका की हैं। उनके लिए ज्यादा करने को कुछ था नहीं। बोमन ईरानी, आकांक्षा सिंह, अंगिका धर और यूट्यूबर कैरी मिनाटी की भूमिका भी इस फिल्म में हैं।

जो लोग हवाई जहाज में यात्रा नहीं करते, उनके लिए यह फिल्म (Runway 34) आकर्षण का केन्द्र नहीं होगी। कैमरे को आड़ा-तिरछा करने से हवाई जहाज आड़ा-तिरछा लगता हैं। कैमरा हिला दो, तो लगता है हवाई जहाज हिल रहा है, ऐसा अनुभव इस फिल्म (Runway 34) को देखते हुए होता है। अजय देवगन की शिवाय जैसी महाझेलनीय फिल्म के बाद यह फिल्म (Runway 34) थोड़ी सी राहत देने वाली हैं।