भोपाल
पंचायत चुनाव के लिए तीनों चरण के मतदान के बाद अब रुझानों के आधार पर यह तय हो गया है कि किस जिले में जिला व जनपद पंचायत सदस्य के पद में कांग्रेस और भाजपा समर्थित कौन से नेता चुनाव जीतने वाले हैं। इन हालातों को देखते हुए बीजेपी के नेताओं की वह टीम सक्रिय हो गई है जो चुनाव जीतने वाले जिला व जनपद सदस्यों को अध्यक्ष के निर्वाचन के दौरान अपने पक्ष में कर सके। इसके लिए पार्टी की बी टीम के सदस्य एक्टिव कर दिए गए हैं। प्रदेश भाजपा संगठन खुद इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए है और जिलों से इसकी रिपोर्ट ले रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने पंचायत चुनाव के दूसरे और तीसरे चरण के बाद जिलों में चुनाव प्रचार के दौरान ली जाने वाली सभाओं में साफ संदेश दिया है कि नगर निगमों में महापौर और नगरपालिका व नगर परिषदों में अध्यक्ष तथा जिला व जनपद पंचायतों के अध्यक्ष भाजपा के या भाजपा समर्थित बनेंगे तो जिलों में शहरी व ग्रामीण इलाकों में होने वाले विकास कार्यों में किसी तरह की रुकावट नहीं आएगी। अगर नगरीय निकायों और जिला व जनपद पंचायतों में अध्यक्ष पद पर गैरभाजपाई मेयर या अध्यक्ष काबिज होंगे तो वे सरकार द्वारा तय किए जाने वाले विकास कार्यक्रमों में रुकावट डालेंगे। भाजपा के नेता इन पदों पर रहेंगे तो सरकार शहरी व ग्रामीण विकास के लिए जिलों से आने वाले प्रस्तावों को मंजूरी देकर विकास कार्य में तेजी लाएगी। इसलिए जरूरी है कि इन जिम्मेदार पदों पर भाजपा या भाजपा समर्थित निर्वाचित प्रतिनिधियों की ताजपोशी हो।
संगठन सूत्रों के अनुसार अब चूंकि आठ जुलाई को हुए पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के बाद जिलों में जिला पंचायत सदस्य और जनपद पंचायत सदस्य के पद पर जीत हासिल करने का रुझान साफ हो गया है और यह भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा समर्थित कितने नेता कहां जीत रहे हैं तो इन स्थितियों को देखते हुए भाजपा की बी टीम के ऐसे नेता जो काउंसलिंग के जरिये जरूरत के मुताबिक कांग्रेस या सपा-बसपा समर्थित सदस्यों को पार्टी के पक्ष में ला सकते हैं, वे सक्रिय हो गए हैं। सूत्रों का कहना है कि खासतौर पर जिला पंचायत अध्यक्ष के सभी पदों पर भाजपा अपना कब्जा चाहती है, इसलिए इसको लेकर पार्टी ने अभी से वर्किंग शुरू कर दी है। वैसे भी जिला व जनपद पंचायत अध्यक्ष पद के निर्वाचन की प्रक्रिया अब बीस जुलाई के बाद शुरू होगी।