वैश्विक फार्मूले से जुड़ेंगी MP की सभी 23000 पंचायतें, GPDP से हासिल करेंगे टारगेट

9 थीम पर ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान देंगी पंचायतें

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वैश्विक फार्मूले से जुड़ेंगी MP की पंचायतें, GPDP से हासिल करेंगे टारगेट

भोपाल: प्रदेश की सभी 23 हजार ग्राम पंचायतों से वैश्विक फार्मूले पर काम कराया जाएगा। इसके लिए इन सभी ग्राम पंचायतों की ग्राम सभाओं से 31 जनवरी 2023 तक जीपीडीपी (ग्राम पंचायत डेवलपमेंट प्लान) मांगा गया है। सरकार इस फार्मूले पर सक्सेस होने वाली पंचायतों को पुरस्कृत करने का काम भी करेगी। इसके लिए केंद्र सरकार ने एक पोर्टल तैयार किया है जिसमें ग्राम पंचायत की जीपीडीपी अपलोड की जाएगी और इसके लिए आवश्यक बजट भी केंद्र व राज्य सरकार की ओर से मिलेगा। सरकार ने यह भी तय किया है कि वैश्विक फार्मूले से समानता के लिए पंचायतों के लिए तय नौ थीम पर अगले आठ साल में एक्शन लेकर उसे हासिल किया जाएगा। इसके लिए पंचायतें एक थीम पर दो साल का टारगेट लेकर काम करेंगी।

पंचायतों को टैक्स वसूली के जरिये आत्मनिर्भर बनाने के साथ राज्य सरकार अब उन बिन्दुओं पर भी फोकस कर रही है जिन मामलों में देश और वैश्विक स्तर पर टारगेट तय कर उसे एचीव करने और ग्रामीण शैली का जीवन स्तर सुगम बनाने का काम हो सकता है। इसके लिए पंचायतों के पदाधिकारियों, स्थानीय संगठनों द्वारा टारगेट को लोकलाइज कर क्षमता वृद्धि कर इसका क्रियान्वयन करने पर जोर दिया जा रहा है। साथ ही राज्य, जिला और जनपद स्तर पर विषय विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएंगी। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने जिलों में ऐसी पंचायतों का चयन करने को भी कहा है जहां उत्कृष्ट काम हुए हैं। इन पंचायतों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और आपस में संवाद के माध्यम से बाकी पंचायतों में इसे लागू करने पर जोर दिया जाएगा। सरकार ने तय किया है कि पंचायतों को सामाजिक रूप से सुरक्षित करने के लिए सभी वर्गों के लोगों, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों को पंचायत के विकास कार्य में भागीदार बनाया जाएगा। सरकार का फोकस सबसे अधिक बाल हितैषी और महिला हितैषी पंचायतों के डेवलपमेंट में अधिक होगा क्योंकि सरकार महिलाओं और बच्चों के लिए कई कार्यक्रम पहले से चला रही है।

इन नौ थीम पर काम करेंगी पंचायतें
वैश्विक स्तर पर पंचायतों में एक जैसे डेवलपमेंट की स्थिति बनाने के लिए एसडीजी (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल) की जो नौ थीम तय की गई हैं, उसमें गरीबी मुक्त और आजीविका उन्नत गांव, स्वस्थ गांव, बाल हितैषी/बच्चों के अनुकूल गांव, पर्याप्त जलयुक्त गांव, स्वच्छ और हरित गांव पर फोकस कर काम किया जाना है। साथ ही आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाला गांव, सामाजिक रूप से सुरक्षित गांव, सुशासन वाला गांव, महिला हितैषी गांव बनाने पर जोर दिया जाएगा और इसके बाद बेस्ट परफार्मर पंचायतों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे। विभिन्न थीम में अच्छा प्रदर्शन करने वाली पंचायतों को पांचवें वित्त आयोग की अनुशंसा के मुताबिक पुरस्कार देने की तैयारी की गई है। खासतौर पर महिला और बाल हितैषी पंचायतों, स्वच्छ और हरित पंचायतों, जल संतृप्त पंचायतों और आत्मनिर्भर पंचायतों को 50 लाख, 25 लाख और 15 लाख रुपए के पुरस्कार दिए जाने का निर्णय लिया गया है।