Muslim Community’s Objection Was Accepted : आपत्ति के बाद भोजशाला की सर्वे टीम में मुस्लिम अधिकारी भी शामिल!
धार से वरिष्ठ पत्रकार छोटू शास्त्री की रिपोर्ट
Dhar : भोजशाला में चल रहे एएसआई के सर्वे की टीम के साथ शामिल हुए मुस्लिम प्रतिनिधि अब्दुल समद ने परिसर में प्रवेश से पहले मीडिया से बातचीत की। उन्होंने समाज की आपत्तियों से भी अवगत कराया और कहा कि हमने सर्वे टीम में दूसरे पक्ष के अधिकारियों को भी शामिल किए जाने का कहा था। हमारी बात को मानते हुए अब सर्वे में मुस्लिम अधिकारी भी शामिल किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सर्वे टीम ने पुरातत्व विभाग से यह जानकारी भी मांगी है कि क्या 2004 में भोजशाला में कोई सर्वे हुआ था। इसके अलावा मुस्लिम समाज से भी दस्तावेज मांगे गए हैं कि क्या 2004 में अंदर कोई ऐसी सामग्री रखी गई है, जिस पर आपत्ति ली गई।
अब्दुल समद ने कहा कि सर्वे टीम को कार्य का पूरा अधिकार है कि कोर्ट के आदेश अनुसार कार्य करें और हम उससे संतुष्ट है। जहां तक अकल कुईया की बात है तो कल (सोमवार को) एएसआई की सर्वे टीम ने उस क्षेत्र का सर्वे किया। उन्होंने वहां लगे शिलालेख को भी देखा। उसकी सफाई करके जानकारी ली कि वह उसकी उन्होंने वहां देखा कि किस बनी थी। वह मस्जिद या दरगाह जो भी थी उसे अब अपनी रिपोर्ट में शामिल करेंगे।
सर्वे के काम में मजदूरों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। सर्वे टीम ने देखा कि स्मारक में बारिश का पानी रुक रहा है उसके लिए ढाल बनाई गई। हमारी आपत्ति थी कि सर्वे टीम में कोर्ट के आदेश के मुताबिक दोनों पक्षों के अधिकारी शामिल होना चाहिए। कोर्ट के निर्देश पर उसका भी निराकरण कर दिया गया है, मुस्लिम का अधिकारी भी शामिल है। जिसकी हमें बहुत खुशी है।
हम भी उनका पूरा साथ दे रहे हैं। सर्वे टीम ने पुरातत्व विभाग से जानकारी मांगी है कि क्या यहां 2004 में खुदाई का कोई कार्य हुआ था क्या? क्योंकि, हमारी आपत्ति थी कि 2004 में यहां कुछ सामग्री रखी गई थी। हमसे भी जानकारी मांगी थी तो हमने अपनी तरफ से दस्तावेज पेश किए हैं।
उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद यहां स्थितियां बदली है, हम उसका सम्मान करते हैं। उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय को कह दिया है कि हमारे दखल के बिना आप कोई फैसला नहीं दे सकते हैं। जिस तरह गाइड लाइन मिलेगी, हम उसे हिसाब से अपना पक्ष रखेंगे। सर्वे टीम का काम बहुत अच्छा और निष्पक्षता से हो रहा है। हमें इस बात की खुशी है कि हमारी आपत्तियों को सुना गया और जो भी लीगल पॉइंट है उन्हें माना गया।