नाथ का चिंतन-मनन, मुकाबले में है भाजपा संगठन…!

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मध्यप्रदेश की राजनीति का वह चेहरा हैं, जो दिल में कुछ नहीं रखते बल्कि जो मन में होता है, वह बोल देते हैं। चाहे वह मुख्यमंत्री रहे हों, तब भी बड़े सुलझे तरीके से वह हर बात बेहिचक बोल देते थे। कर्जमाफी का हिसाब भी खुलकर देते थे, तो रोजगार के आंकड़े भी परोस देते थे। भले ही उनका वह अंतिम कटाक्ष सिंधिया पर रहा हो कि सड़क पर उतरने से किसने रोका ? और फिर सब सामने था और सिंधिया ने ही कांग्रेस सरकार को सत्ता से बाहर कर सड़क पर ला दिया था। पर कमलनाथ की जिंदादिली है कि सत्ता जाने से वह मायूस न होकर फिर अगले रण की तैयारी में जुट गए। और उपचुनावों में हार का असर उन्होंने अपने उत्साह पर नहीं होने दिया।
नाथ का चिंतन-मनन, मुकाबले में है भाजपा संगठन...!
हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनावों के परिणामों ने एक बार फिर नाथ को संजीवनी दे दी है। हाल ही में उनका यह बयान चर्चा में रहा था या चर्चा में लाया गया था कि वह 2023 चुनाव के बाद दिल्ली चले जाएंगे। पर उन्होंने एक बार फिर दोहराया है कि उन्होंने आलाकमान को साफ बता दिया है कि मैं मध्यप्रदेश में ही रहने वाला हूं। यानि कि नाथ मध्यप्रदेश नहीं छोड़ेंगे। और अब इसके चलते ही कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए निगाह गहलोत पर है, यह हवा बहने लगी है। हालांकि जिस तरह नाथ का समर्पण और अनुभव मनमाफिक फैसलों पर अमल कराने के काम आता है, ठीक वही हाल गहलोत का भी है। और भाजपा के बराबरी से प्रयास करने के बाद भी मध्यप्रदेश में नाथ सत्ता से बाहर हो गए, लेकिन गहलोत ने सत्ता छिनने नहीं दी। हालांकि स्थिति-परिस्थितियों और संख्या बल का अंतर भी उनके काम आया, पर गहलोत की कामयाबी में उनका अनुभव भी काम में तो आया ही। खैर फिलहाल चर्चा का विषय यह पहलू नहीं है, हमारी चर्चा नाथ और मध्यप्रदेश को लेकर है।
397760 congress new
तो नाथ ने एक बार फिर संगठन की बड़ी बैठक में बड़ा दावा किया है कि 2023 विधानसभा चुनाव में तेरह माह बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी। नाथ ने साफ किया है कि चुनाव के लिए सब कमर कस लें, चुनाव में अब तेरह महीने बचे हैं। और जिस तरह वह पहले कहते रहे कि पंद्रह माह बाद कांग्रेस सरकार बनेगी,वह फासला घटकर तेरह माह रह गया है। पर यह बात नाथ को भी पता है कि मुकाबला आसान नहीं है। यह बात भी वह पूरी ईमानदारी से सामने रख देते हैं कि हमारा मुकाबला भाजपा से नहीं बल्कि उनके संगठन से है। यानि कहीं न कहीं नाथ के मन में यह चिंतन-मनन लगातार चलता रहता है कि सरकार की कमजोर नब्ज पर हाथ रखकर वोट मांगना तो आसान है, लेकिन भाजपा संगठन से मैदान मारना कठिन है।
BJP's New Ticket Formula
वजह भी साफ है कि मैदान में भाजपा का संगठन मजबूत है, यह बात सहज तौर पर नाथ को स्वीकार करना ही पड़ती है। क्योंकि नाथ का लंबा राजनैतिक अनुभव परख करने में कभी चूक नहीं करता। यह बात और है कि उसी राजनैतिक अनुभव के चलते वह बार-बार दावा करते हैं कि वह जीतेंगे, पर उपचुनावों में परिणाम उनके अनुकूल नहीं आ पाए। पर इसमें भी उनका डर साफ तौर पर भाजपा संगठन पर पहुंचकर ठहर जाता है। और शायद इसीलिए वह बार-बार संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत बनाने की बात दोहराते हैं और इसकी कवायद में पूरी तरह से जुटे भी हैं। यह बात उनके मन में इसलिए भी आती है, क्योंकि कैडर बेस पार्टी भाजपा हर बूथ पर विजय संकल्प को चरितार्थ करने में जुटी है।
और निश्चित तौर पर कमलनाथ कभी जिन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा को कमतर आंकने की भूल करते थे, तो अब उन्हें भी इस बात का भान हो चुका होगा कि विष्णुदत्त शर्मा एक कुशल संगठक तो हैं ही। पिछले ढाई साल में भाजपा के लिए वह शुभंकर भले ही माने गए हों, लेकिन उनके नवाचारों और मेहनत से उनकी संगठनात्मक क्षमता भी अब साबित और स्थापित हो चुकी है। ऐसे में निडर नाथ अगर भाजपा संगठन को चुनौती मानकर मुकाबले की पूरी क्षमता से तैयारी की बात बार-बार दोहरा रहे हैं, तो यह भी उनका लंबा राजनैतिक अनुभव ही है।

Read More… PCC Meeting : प्रदेश के दस जिलों के कांग्रेस अध्यक्ष बदले जाएंगे! 


क्योंकि शिवराज पर तो सरकार के कामों को लेकर चुनावी मैदान में आरोप-प्रत्यारोप की सियासत करना नाथ के बाएं हाथ का खेल हो सकता है, लेकिन भाजपा संगठन का मुकाबला तो अपना संगठन मजबूत कर ही किया जा सकता है। इसके चलते ही वह विधायकों को संगठनात्मक दायित्वों से मुक्त कर उनकी विधानसभा पर फोकस करने का सही फैसला कर रहे हैं। तो यह भी तैयारी कर रहे हैं कि हर जिले में 20-25 बूथ पर एक संगठनात्मक नियुक्ति कर ही लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। नाथ का चिंतन-मनन सौ फीसदी खरा है कि मुकाबला भाजपा नहीं उसके संगठन से है…।
Author profile
khusal kishore chturvedi
कौशल किशोर चतुर्वेदी

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के जाने-माने पत्रकार हैं। इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया में लंबा अनुभव है। फिलहाल भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र एलएन स्टार में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले एसीएन भारत न्यूज चैनल के स्टेट हेड रहे हैं।

इससे पहले स्वराज एक्सप्रेस (नेशनल चैनल) में विशेष संवाददाता, ईटीवी में संवाददाता,न्यूज 360 में पॉलिटिकल एडीटर, पत्रिका में राजनैतिक संवाददाता, दैनिक भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ, एलएन स्टार में विशेष संवाददाता के बतौर कार्य कर चुके हैं। इनके अलावा भी नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित विभिन्न समाचार पत्रों-पत्रिकाओं में स्वतंत्र लेखन किया है।