Need Based Research : आज देश को ‘नीड बेस्ड रिसर्च’ की ज्यादा जरुरत  

इंदौर ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में सराहनीय काम किया

913

 Indore : केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में इंदौर ने सराहनीय कार्य किया है। यही समय है कि हमें ‘नीड बेस्ड रिसर्च’ (Need based research) को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। वे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) में गुरुवार शाम को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत ‘आत्मनिर्भर भारत की और बढ़ते कदम’ विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम में बोल रहे थे।      नितिन गडकरी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश की 65 प्रतिशत आबादी युवाओं की है। आने वाले समय में पूरे विश्व को दिशा देने वाली युवा शक्ति केवल भारत देश के पास है। इसलिए आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने की जिम्मेदारी हमारे युवाओं की है। स्वामी विवेकानंद द्वारा कहा गया है कि चरित्र निर्माण ही राष्ट्र का निर्माण है।

किसी भी व्यक्ति का चरित्र उसके संस्कार से बनता है और संस्कार शिक्षा से मिलते हैं। इसलिए शिक्षा और ज्ञान ही वो परम शक्ति है जिनसे हम देश को बदलने की ताकत पा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य वही है जो दूसरे मनुष्य की सेवा में खुद को लगा दे। इसी से हमारे देश का मूल मंत्र वसुधैव कुटुम्बकम् बना है। हमारा हर कार्य इसी सोच के साथ होना चाहिए कि हमारे उस कार्य से हम समाज में क्या योगदान दे रहे हैं।

WhatsApp Image 2022 05 06 at 9.01.30 AM

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि माता अहिल्याबाई होल्कर ने अपना पूरा जीवन पूरे निस्वार्थ भाव से जनता के लिए समर्पित किया। उन्हें लोकमाता इसीलिए कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने लोक कल्याण के लिए कार्य किया। उनके इसी जीवन से प्रेरणा पाकर इस विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है। उन्होंने कहा कि उन्हें आशा है कि इस विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी यह प्रेरणा अपने अंदर समाहित करेंगे।

Also Read: कांग्रेस MLA डॉ अलावा की शादी: अनसुलझे सवाल जिसका जवाब आने वाला समय देगा! 

गडकरी ने कहा कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में इंदौर ने सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा बायोफ्यूल एवं ग्रीन हाइड्रोजन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रकार के कार्य किए जा रहे हैं। यही समय है कि हमें ‘नीड बेस्ड रिसर्च’ (Need based research) यानी हमारी जरूरतों के आधार पर अनुसंधान को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने के लिए हमें निर्यात को बढ़ाना होगा और आयात को कम करना होगा। इसके लिए हमें अनुसंधान करने की जरूरत है कि मध्यप्रदेश एवं इंदौर की ऐसी कौन सी चीज है जिसका निर्यात हम बढ़ा सकते हैं। आज के समय की जरूरत है कि एंटरप्रेन्योरशिप आधारित संस्थान की स्थापना हो। हमें रोजगार मांगने वाले नहीं रोजगार प्रदान करने वाले युवा का निर्माण करना है। इसके लिए प्रबल इच्छा शक्ति अपने अंदर विकसित करना जरूरी है।

Also Read: मुख्यमंत्री शिवराज ने अपनी शादी की 30वी सालगिरह मनायी

नवाचार, अनुसंधान और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर हमारा देश विश्व की सबसे बड़ी इकोनॉमिक पावर बन सकता है। यही आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का मार्ग है।  कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, कार्यक्रम के अध्यक्ष उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विश्वविद्यालय की कुलपति रेणु जैन, कुलसचिव अनिल शर्मा सहित प्राध्यापक और विद्यार्थी शामिल हुए।