New Responsibility for Amir Subhani : अमीर सुबहानी के लिए VRS का नियम तोड़ा, विद्युत विनियामक आयोग का अध्यक्ष बनाया!
Patna : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चहेते अफसर और पूर्व मुख्य सचिव (सीएस) अमीर सुबहानी का वीआरएस स्वीकार कर लिया गया। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। नीतीश कुमार ने आईएएस अमीर सुबहानी का 4 मार्च से वीआरएस स्वीकार किया है। वीआरएस स्वीकार किए जाने से पहले उन्हें विद्युत विनियामक आयोग का अध्यक्ष बनाया गया।
अमीर सुबहानी को वीआरएस देने के लिए तीन महीने पहले आवेदन की निर्धारित समय सीमा को भी किनारे कर दिया गया। मुख्य सचिव को वीआरएस लेने के लिए 3 महीने पहले वीआरएस का आवेदन देना होता है। अमीर सुबहानी ने यह नहीं किया। पिछले सप्ताह ही इन्होंने वीआरएस का आवेदन दिया था।
अमीर सुबहानी को विनियामक आयोग का चेयरमैन बनाए जाने की अधिसूचना 2 फरवरी को जारी की गई। ऊर्जा विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना में कहा गया कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 82 की उपधारा (5) और धारा-85 की उप धारा (1) के द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आमिर सुबहानी, मुख्य सचिव, बिहार को उनके प्रभार ग्रहण करने की तिथि से विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 89 के प्रावधानों के अंतर्गत 5 वर्ष अथवा 65 वर्ष की उम्र, जो भी पहले हो, तक अध्यक्ष, बिहार विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया जाता है।
अधिसूचना में आखिर क्या
बिहार विद्युत विनियामक आयोग (अध्यक्ष एवं सदस्यों की सेवाशर्त) नियमावली, 2003 के द्वारा बिहार सरकार ने अध्यक्ष और सदस्यों की सेवा शर्त को विहित किया है। इस सेवा शर्त के अनुसार अध्यक्ष पद के लिए आमिर सुबहानी को पेंशन की सकल रकम के साथ-साथ उसमें किसी सारांशिकृत अंश, यदि पहले से प्राप्त कर रहे हों, की कटौती के अध्यधीन प्रति माह रुपया 2,25,000 रुपए नियत वेतन देय होगा।
ऊर्जा विभाग की अधिसूचना के बाद अब साफ हो गया था कि सीएम नीतीश कुमार की नहीं चल रही। नीतीश कुमार सीनियर आईएएस अमीर सुबहानी को सही जगह सेट नहीं कर पाए। बिहार के 12 आयोग में से एक आयोग में जगह दे पाए। बिहार के सबसे बड़े आयोग बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) में अमीर सुबहानी को जगह नहीं दी जा सकी।
बिहार के पूर्व मुख्य सचिव आमिर सुबहानी को विद्युत विनियामक आयोग का चेयरमैन बनाया गया है। वे 30 मार्च को रिटायर होने वाले थे, लेकिन 3 मार्च से ही स्वैच्छिक सेवानिवृति ली। उसके बाद उन्हें विद्युत विनियामक आयोग का अध्यक्ष बनाया गया। सीएम नीतीश कुमार बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन में जगह देना चाहते थे। अब, आमिर सुबहानी के इस हाल पर सत्ता के गलियारे में चर्चा है कि नीतीश कुमार अपने सबसे चहेते अधिकारी को भी मनमाफिक सेट नहीं कर पाए। यानी, भाजपा के साथ उनका गठजोड़ नहीं चल रहा।
अहम विभागों की ही संभाली है जिम्मेदारी
नीतीश कुमार की सरकार ने पिछले 18 सालों से बिहार को अधिकारियों के सहारे चलाया। नेताओं का नहीं सुना है। नीतीश कुमार में उन्हें हमेशा मलाईदार पोस्टिंग दी है। अमीर सुबहानी गृह, सामान्य प्रशासन जैसे अहम विभागों की ही जिम्मेवारी संभालते रहे। 10 सालों तक इन विभाग में रहें। यहीं नहीं, सीनियर अधिकारियों को दरकिनार कर आमिर सुबहानी को मुख्य सचिव बनाया गया था।
नीतीश कुमार ने सत्ता में आने के बाद यह परंपरा बनायी थी कि मुख्य सचिव जैसे पदों से रिटायर होने वालों को बीपीएससी या सूचना आयोग जैसे अहम जगहों पर सेट किया जाता रहा है। आमिर सुबहानी पहले ऐसे मुख्य सचिव रहे हैं, जिन्हें विद्युत विनियामक आयोग में भेजा गया है, जहां करने के लिए कोई काम ही नहीं होता।