PE on RERA chief : EOW ने ‘रेरा’ प्रमुख एपी श्रीवास्तव के खिलाफ PE दर्ज की, भ्रष्टाचार और नियुक्तियों में गड़बड़ी के आरोप लगे!

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PE on RERA chief : EOW ने ‘रेरा’ प्रमुख एपी श्रीवास्तव के खिलाफ PE दर्ज की, भ्रष्टाचार और नियुक्तियों में गड़बड़ी के आरोप लगे!

जानिए, रेरा प्रमुख ने नियुक्तियों में कैसी अनियमितता की!

Bhopal : पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने मध्य प्रदेश रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) के चेयरमैन अजीत प्रकाश श्रीवास्तव के खिलाफ प्राथमिक जांच (PE) दर्ज कर शिकायतों की जांच शुरू कर दी। उन पर भ्रष्टाचार और नियमों की अवहेना का आरोप लगा है। श्रीवास्तव पर रेरा में नियुक्तियों में गड़बड़ी करने के साथ ही आकृति टाउनशिप के बिल्डर के खिलाफ चल रही जांच के दौरान उससे ही आवासीय भूखंड खरीदने का आरोप भी लगा।
सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाष जेटली ने ईओडब्ल्यू को दिए आवेदन में पूर्व आईएएस अफसर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने श्रीवास्तव पर रेरा में नियुक्तियों में गड़बड़ी करने और एक बिल्डर से आवासीय भूखंड लेने जैसे आरोप लगाए। उनकी शिकायत के अनुसार रेरा में विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया में धांधली की गई। रेरा में न्यायिक अधिकारी के दो स्वीकृत पदों में से एक पद का विज्ञापन जारी किया गया। जबकि, दूसरा पद बिना विज्ञापन के भर दिया। अन्य भर्तियों में संविदा नियुक्ति के लिए निर्धारित आयु सीमा 65 वर्ष से अधिक नहीं हो सकती, लेकिन श्रीवास्तव पर आरोप है कि उन्होंने नियमों की अनदेखी करते हुए 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को भी नियुक्ति दी।

भूखंड खरीदने का आरोप

एपी श्रीवास्तव पर यह भी आरोप है कि उन्होंने आकृति बिल्डर के खिलाफ चल रही जांच के बीच उससे ही आवासीय भूखंड खरीदा। हालांकि, अभी यह आरोप है, यह सच्चाई जांच के बाद सामने आएगी। आकृति बिल्डर के संचालक हेमंत सोनी पर आरोप है कि उसने कई लोगों से अपने प्रोजेक्ट में एडवांस पैसा लिया, लेकिन उन्हें मकान नहीं दिया। इस मामले में पीड़ित लोगों ने रेरा के साथ ही ईओडब्लयू में भी शिकायत की है।

प्रभाष जेटली सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जो भोपाल की अरेरा कॉलोनी में रहते हैं। वे पर्यावरण, वन विभाग के साथ ही नगर एवं ग्राम निवेश विभाग से जुड़े मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने रेरा में गंभीर अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि रेरा प्रमुख अजीत प्रकाश श्रीवास्तव ने न केवल अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है, बल्कि स्वेच्छाचारिता से अपने लाभ के लिए बिल्डर्स पर अनावश्यक दबाव बनाया है। जेटली का कहना है कि इन अनियमितताओं के चलते ही उन्होंने यह शिकायत दर्ज की है।

ईओडब्ल्यू ने दर्ज की प्राथमिकी दर्ज

जेटली की शिकायत की गंभीरता को देखते हुए आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली। हालांकि, अब तक लगाए गए आरोपों की सच्चाई की पुष्टि नहीं हुई। ईओडब्ल्यू के डीजी अजय शर्मा ने श्रीवास्तव के खिलाफ प्राथमिकी (पीई) दर्ज करने की पुष्टि की है।