

PM’s Photo on Railway Tickets : रेल टिकटों पर PM नरेंद्र मोदी का फोटो छापकर रेल मंत्रालय अब सफाई देने पर उतरा!
New Delhi : रेल के टिकटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो छापे जाने पर हुए बवाल के बाद अब रेल मंत्रालय उसकी सफाई दे रहा है। इसलिए कि विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाकर सवाल खड़े किए। रेल मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि ट्रेन टिकटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर का उपयोग जवानों की बहादुरी को सम्मान देने के लिए किया गया है। तस्वीर में प्रधानमंत्री को ऑपरेशन सिंदूर के वीरों को सलाम करते हुए दिखाया गया। जबकि, विपक्ष का आरोप है कि सेना के पराक्रम को भाजपा अपने प्रचार का माध्यम बना रही है।
मंत्रालय ने कहा कि टिकटों पर प्रधानमंत्री की फोटो लगाने के अलावा सभी डिवीजन और जोन ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता का जश्न मनाने के लिए रेलवे स्टेशनों पर विभिन्न गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है।
रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सूचना और प्रचार) दिलीप कुमार से जब प्रधानमंत्री मोदी की सलामी देती तस्वीर वाले टिकटों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने एक न्यूज़ एजेंसी से कहा कि प्रधानमंत्री ऑपरेशन सिंदूर के नायकों को सलाम कर रहे हैं और इसकी (ऑपरेशन सिंदूर) कामयाबी का जश्न मना रहे हैं। देशभर के प्रमुख स्टेशनों को तिरंगे से खूबसूरती से सजाया गया। कई डिवीजनों में स्कूली बच्चों ने ऑपरेशन सिंदूर थीम पर आधारित पेंटिंग प्रतियोगिताओं में भाग लिया।
उन्होंने कहा कि कई स्टेशनों पर सार्वजनिक डिस्प्ले प्रणाली के जरिए इस सैन्य ऑपरेशन के दौरान सैनिकों की बहादुरी को दिखाने वाले वीडियो क्लिप चलाए गए। दिलीप कुमार ने बताया कि जम्मू, पठानकोट, नई दिल्ली और श्रीनगर सहित कई स्टेशनों पर कंक्रीट की बेंचों और अन्य स्टेशन सुविधाओं को सेना की वर्दी के रंगों में रंगा गया।
जम्मू डिवीजन के एक रेलवे अधिकारी ने कहा, कुछ डिवीजनों ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को चिह्नित करने के लिए स्टेशनों को सिंदूरी रंग से भी सजाया। ऐसा ही एक स्टेशन पठानकोट था, जिसकी तस्वीर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट की और लिखा ‘रंग ये सिंदूर का।’ रेल अधिकारियों ने कहा कि नई दिल्ली जैसे कुछ स्टेशनों में न केवल बेंचों को सेना की वर्दी के रंगों में रंगा गया है, बल्कि उन्हें विशेष रूप से रक्षा कर्मियों के लिए आरक्षित भी किया गया है।
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु उपाध्याय ने कहा कि इन कंक्रीट की बेंचों पर ‘सैनिक सम्मान’ (सैनिकों को सम्मान) लिखा गया है और इन्हें रक्षा कर्मियों के लिए आरक्षित किया गया है। प्रतीक्षालय की सीटें भी हमारी सेनाओं को समर्पित की गई हैं।