Poor Performance in Power Generation : बिजली उत्पादन कंपनियां का खराब प्रदर्शन, 88 बार ट्रिपिंग हुईं

1185 करोड़ का घाटा, PAF घटकर 53% पर पहुंचा, सबसे ज्यादा नुकसान खंडवा प्लांट को

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ऋषिकांत सिंह ‘रजत’ परिहार की ख़ास खबर

Bhopal : बिजली उत्पादन कंपनी का बीते वित्तीय वर्ष में कामकाज बेहद ख़राब रहा! इसके पीछे की मुख्य वजह मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय किए गए मानकों के अनुरूप बिजली घरों का न चल पाना है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में कंपनी का प्रदर्शन खराब रहा है। जिससे उत्पादन कंपनी के चारों थर्मल पावर प्लांट की विद्युत इकाइयां करीब 88 बार ट्रिपिंग हुई है।

सबसे ज्यादा ट्रिपिंग का खिताब संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट बिरसिंहपुर के नाम रहा है। तय मानक पर बिजली घर नहीं चल पाने के कारण उत्पादन कंपनी को लगभग 1185 करोड़ का घाटा हुआ है। जिसमें सबसे ज्यादा करीब 530 करोड़ रूपए का नुकसान श्रीसिंगाजी थर्मल पावर प्लांट खंडवा के फेस- 2 की 660-660 मेगावाट की सुपरक्रिटिकल विद्युत इकाई से हुआ है।

इसी तरह इसी प्लांट के फेस-1 की 600-600 मेगावाट की क्रिटिकल इकाई से लगभग 210 करोड़ की हानि हुईं है। वहीं बंद सतपुड़ा थर्मल पावर पलांट सारणी के फेस 2 व 3 से 380 करोड़ , संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट बिरसिंहपुर के फेस 1, 2 से 25 करोड़ और 3 से 40 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ है। जिसकी भरपाई करने में कंपनी प्रबंधन जुट गई है। प्रदेश की बिजली उत्पादन कंपनी की फूलती हुई सांसों में ऑक्सीजन भरने का काम वैसे तो MD मनजीत सिंह और उनकी पूरी टीम कर रही है। फिर भी अपेक्षा के अनुरूप सुधार नहीं हो पा रहा।

चचाई और सारणी प्लांट फायदे में 

मध्यप्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय मानकों पर खरा उतरने में अमरकंटक थर्मल पावर प्लांट चचाई और सतपुड़ा थर्मल पावर प्लांट सारणी के फेस- 4 की विद्युत इकाइयां सफल रही है। चचाई प्लांट की 210 मेगावाट के इकाई करीब 45 करोड़ और सारणी प्लांट के फेस- 4 की 250-250 मेगावाट की इकाई 105 करोड़ रूपए के लाभ में हैं।

इसलिए परफॉर्मेंस ख़राब रहा

बिजली उत्पादन कंपनी के खराब परफॉर्मेंस पर नजर डाले तो खराब कोयला, विद्युत इकाई का फूल लोड पर नहीं चलना, कोयले की कमी होना, पैरामीटर के अनुसार इकाई का नहीं चलना सहित अन्य प्रमुख कारण है। जिस कारण वित्तीय वर्ष में कंपनी की परफॉर्मेंस खराब रही है। जानकारियां बताती है कि एमडी मनजीत सिंह ने इन्हीं विद्युत इकाइयों को फुल लोड पर चलाने और कम लागत में बिजली बनाने को लेकर एक मास्टर प्लान तैयार किया है। ताकि, पूरी पारदर्शिता के साथ पावर प्लांट को उनकी क्षमता के अनुरूप चलाया जा सके।

बिजली उत्पादन कंपनी के परफॉर्मेंस पर एक नजर

( 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक की स्थिति )

क्र. नाम आयोग के द्वारा तय मानक कंपनी का परफॉर्मेंस

1. पीएएफ 81.1 प्रतिशत 53.7 प्रतिशत

2. विशिष्ट तेल खपत 0.79 मिली लीटर प्रति इकाई 1.02 मिली लीटर प्रति इकाई

3. हीट रेट 2461 किलो कैलोरी प्रति इकाई 2504 किलो कैलोरी प्रति इकाई

4. ट्रिपिंग 00 88 बार

वित्तीय वर्ष में तय मानकों पर नहीं चलने से बिजली घरों का औसत प्रदर्शन

क्र. प्लांट का नाम हानि (लगभग करोड़ में)

1. संजय गांधी बिरसिंहपुर – 25 करोड़

(फेस- 1 व 2)

2. संजय गांधी बिरसिंहपुर – 40 करोड़

(फेस- 3)

3. श्रीसिंगाजी प्लांट खंडवा – 210 करोड़                       (फेस- 1 )

4. श्रीसिंगाजी प्लांट खंडवा – 530 करोड़

5. सतपूड़ा थर्मल प्लांट सारणी – 380 करोड़

(फेस- 2 व 3 की बंद इकाई)

कुल हानि = 1185 करोड़ रूपए