आने वाले दिनों में राजस्थान बनने जा रहा है राजनीति का प्रमुख केन्द्र, भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का रहेगा जमावड़ा

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आने वाले दिनों में राजस्थान बनने जा रहा है राजनीति का प्रमुख केन्द्र, भाजपा और कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का रहेगा जमावड़ा

गोपेन्द्र नाथ भट्ट की विशेष रिपोर्ट

नई दिल्ली के रामलीला मैदान पर रविवार को इंडिया गठबंधन की महारैली और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राजस्थान के सीकर में सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती के समर्थन में रोड शो करने तथा उनके जयपुर में बैठकों के विभिन्न दौर तथा प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी की 2 अप्रेल को राजस्थान की प्रस्तावित यात्रा की तैयारियों के मध्य लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपने प्रत्याक्षी की एक और सूची जारी की है। सिंगल नाम की इस 9वीं लिस्ट में राजस्थान की शेष रही भीलवाड़ा लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद सुभाष बहेडिया का टिकट काट कर दामोदर अग्रवाल को टिकट दिया गया है। अग्रवाल राजस्थान भाजपा प्रदेश महामंत्री हैं।

इस प्रकार भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए राजस्थान से अपने सभी 25 उम्मीदवार मैदान में उतार दिए है। वहीं कांग्रेस गठबंधन ने अब तक 24 उम्मीदवार ही मैदान में उतारे है। कांग्रेस ने भारतीय आदिवासी पार्टी (बाप) के साथ गठबंधन की चर्चा के कारण अभी तक बांसवाडा डूंगरपुर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है। कांग्रेस ने सीकर सीट पर माकपा और नागौर की सीट पर रालौपा के साथ गठबंधन किया है। गठबंधन ने सीकर से माकपा ने अमराराम चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाया है और नागौर में रालौपा सुप्रीमो हनुमान बेनिवाल स्वयं चुनाव लड़ रहे है। ऐसे में 24 सीटों पर कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी के आमने सामने का मुकाबला तय हो गया है। राजस्थान में आम चुनाव 2024 के लिए वोटिंग दो चरणों में 19 और 26 अप्रैल को होगी। राजस्थान में पहले चरण में 12 लोकसभा सीटों पर तो दूसरे चरण में 13 सीटों पर मतदान होगा। पहले चरण में गंगानगर, बीकानेर, चुरू, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर, जयपुर ग्रामीण,अलवर, भरतपुर, करौली धौलपुर, दौसा, नागौर तथा दूसरे चरण में अजमेर, बांसवाड़ा, बाड़मेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, जालौर, झालावाड़-बारां,जोधपुर, कोटा, पाली, राजसमंद, टोंक-सवाई माधोपुर और उदयपुर लोकसभा सीटों पर चुनाव होंगा।

लोकसभा चुनाव के लिए होली के बाद राजस्थान का रण सज कर तैयार हो गया है। सूबे में कई सीटें चर्चा में हैं । कुछ खास सीटों के मुकाबलों पर सभी की टकटकी लगी हुई है। इनमें पश्चिमी राजस्थान की नागौर और चूरू के साथ ही हाड़ौती की कोटा लोकसभा सीट पर मुकाबला बेहद रोचक हो गया है। दरअसल नागौर सीट इस बार इसलिए ज्यादा चर्चा में है क्योंकि वहां दो धुर विरोध पिछली बार की तरह से फिर से एक दूसरे के आमने-सामने खड़े हुए हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि दोनों प्रत्याशियों के पाले बदल गए हैं। नागौर में इस बार भाजपा की ओर से कांग्रेस की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा और इंडिया गठबंधन से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल चुनाव मैदान में है। पिछली बार यहां ज्योति मिर्धा कांग्रेस से और आरएलपी के हनुमान बेनीवाल एनडीए से उनके सामने चुनाव मैदान में डटे थे। बेनीवाल ने पिछली बार एनडीए से गठबंधन किया था और इस बार इंडिया गठबंधन से किया है। गत बार एनडीए ने गठबंधन के तहत यह सीट आरएलपी के लिए छोड़ी थी। इस बार इंडी (कांग्रेस) ने गठबंधन के तहत यह सीट आरएलपी को दी है।

इधर बीजेपी के गढ़ माने जाने वाले कोटा में भी इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। यहां भाजपा ने अपने दो बार के लगातार सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को तीसरी बार चुनाव मैदान में उतारा है। इससे बीजेपी से टिकट मांग रहे प्रहलाद गुंजल नाराज हो गए और उन्होंने बीते दिनों पार्टी को बॉय-बॉय कह दिया। गुंजल ने कांग्रेस पार्टी ज्वॉइन की और वहां से टिकट भी ले लिया। अब पहले एक ही पार्टी में रहे दो कद्दावर नेताओं बिरला एवं गुंजल के मध्य दिलचस्प मुकाबला होगा।

कुछ ऐसे ही हालात शेखावाटी इलाके में स्थित चूरू लोकसभा सीट के हैं।वहां बीजेपी ने अपने वर्तमान सांसद राहुल कस्वां का टिकट काट दिया। बीजेपी ने यहां राजनीति के नए चेहरे पैरा ओलम्पिक खिलाड़ी देवेन्द्र झाझड़िया को चुनाव मैदान में उतारा है। इससे राहुल कस्वां नाराज हो गए और उन्होंने बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया। कांग्रेस ने भी उनका स्वागत करते हुए उनको चूरू से लोकसभा का टिकट थमा दिया। इससे यहां भी लोकसभा चुनाव का मुकाबला बेहद रोचक हो गया है।

इधर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को इंडिया गठबंधन की ‘महारैली’ का आयोजन हुआ। महारैली में विपक्ष के तमाम नेता शामिल हुए। रैली को राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी भी मौजूद रहे। महारैली को तेजस्वी यादव,झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन,दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल आदि नेताओं ने भी संबोधित किया और प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी तथा भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोलते हुए कड़े प्रहार किए।

उधर अगले कुछ दिनों तक राजस्थान देश की राजनीति का प्रमुख केन्द्र बनने जा रहा है और प्रदेश मे भाजपा और कांग्रेस सहित अन्य दलों के शीर्ष नेताओं का भारी जमावड़ा रहेगा । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो अप्रेल को राजस्थान में भाजपा के चुनाव अभियान का शुभारंभ करने जा रहे है। इससे पूर्व उनके चाणक्य अमित शाह राजस्थान में चुनावी व्यूह रचना रच रहे है। इसी प्रकार कांग्रेस की ओर से संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य शीर्ष नेता 5 अप्रेल को जयपुर में कांग्रेस घोषणा पत्र का सार्वजनिक मंच से घोषणा करने वाले है।

देखना है राजस्थान से देश के शीर्ष नेताओं द्वारा भरी जाने वाली हुंकार आने वाले लोकसभा चुनाव में क्या गुल खिलाएगी?