

Ranveer Gets Relief from SC : रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट से राहत, लेकिन कोर्ट ने रणवीर को 10 हिदायत भी दी!
New Delhi : यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहबादिया को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र और असम में दर्ज एफआईआर में इलाहाबादिया की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी, बशर्ते वह जांच में शामिल हों। उन्हें जांच में पूरा सहयोग करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया को निर्देश दिया कि वह अपना पासपोर्ट ठाणे पुलिस स्टेशन में जमा कराएं। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबादिया की याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को एक साथ जोड़ने की मांग की गई।
‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो में अतिथि भूमिका के दौरान उनकी अनुचित टिप्पणियों को लेकर भारत भर में कई जगहों पर उसेक खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी ने कुछ गलत किया है तो कानून को अपना काम करना चाहिए।
इस विवाद पर रणवीर इलाहाबादिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए उन्हें जमकर फटकार भी लगाई। सुप्रीम कोर्ट से भले ही रणवीर इलाहाबादिया को राहत मिल गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने शो में उनके बयान पर उन्हें डांट का डोज दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि उनके दिमाग में कुछ गंदगी भरी है।
इलाहाबादिया की फटकार लगाते हुए क्या-क्या बात कही :
– बहनें होंगी शर्मिंदा : जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, आपने जो शब्द चुने हैं, उनसे माता-पिता शर्मिंदा होंगे, बहनें शर्मिंदा होंगी. पूरा समाज शर्मिंदा होगा. विकृत मानसिकता है ये. आपने और आपके लोगों ने विकृति दिखाई है!
– जीभ काटने की बात करेंगे : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आप चीप पब्लिसिटी के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करेंगे तो दूसरे भी इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल करेंगे और जीभ काटने की बात करेंगे।
– शर्म आनी चाहिए : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्हें शर्म आनी चाहिए कि उन्होंने अपने माता-पिता के साथ क्या किया है. हम आइवरी टावरों में नहीं हैं और हम जानते हैं कि उन्होंने किस शो से कॉन्टेंट को चुराया है.
– सुरक्षा भी देगी पुलिस : जस्टिस एम कोटिश्वर सिंह ने कहा कि मुझे यकीन है कि अगर पुलिस आपको पूछताछ के लिए बुला रही है तो वह आपको सुरक्षा भी देगी और इस वजह से आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।
– विकृत भाषा का इस्तेमाल किया : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्होंने पूरी तरह से विकृत भाषा का इस्तेमाल किया है और ऐसे में कानून अपना काम करेगा। हम धमकियों का खंडन करते हैं, लेकिन कानून को अपना काम करने दें।
– अश्लीलता का क्या मापदंड : इलाहाबादिया का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से पूछा कि अश्लीलता और फूहड़ता के मापदंड क्या हैं?
– लगता है दिमाग में कुछ गंदगी है : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि उनके दिमाग में कुछ गंदगी भरी हुई है और इसलिए उन्होंने शो में इस तरह का बयान दिया।
– इस तरह का व्यवहार असहनीय : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के व्यवहार की निंदा की जानी चाहिए और इस तरह के व्यवहार को सहना नहीं चाहिए। सिर्फ इसलिए कि कोई सोचता है कि वह इतना मशहूर हो गया है और किसी भी तरह के शब्द बोल सकता है। लेकिन, क्या वह पूरे समाज को हल्के में ले सकता है? क्या धरती पर कोई ऐसा है जो इस भाषा को पसंद करेगा?
– अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी बोलने की छूट नहीं : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी को भी समाज के मानदंडों के खिलाफ कुछ भी बोलने की छूट नहीं है।
– समाज के दायरे का सम्मान करें : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि समाज के कुछ स्व-विकसित मूल्य हैं, समाज का अपना एक दायरा है और आपको उनका सम्मान करना चाहिए।