Reconciliation Formula : गेहलोत-पायलट में सुलह का फार्मूला कांग्रेस ने बना लिया!

अगली बार सरकार बनी, तब तक की स्थिति को भांपकर पार्टी की तैयारी!

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Reconciliation Formula : गेहलोत-पायलट में सुलह का फार्मूला कांग्रेस ने बना लिया!

New Delhi : कांग्रेस की कोशिश है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की दूरियां खत्म की जाए। आज कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट से मुलाकात की। खरगे दोनों नेताओं से अलग-अलग बात करेंगे। अभी यह बात सामने नहीं आई कि दोनों से मुलाकात के बाद मल्लिकार्जुन खरगे क्या फैसला करते हैं। खरगे के फैसले की और राजस्थान के कांग्रेस के नेता भी उम्मीद से देख रहे हैं।

वास्तव में पार्टी हाईकमान ने दोनों के बीच सुलह का फार्मूला तैयार कर लिया है। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री पद पर अशोक गहलोत बने रहेंगे, वहीं पायलट के विश्वस्त गोविंद सिंह डोटासरा को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है। इसके अलावा सचिन पायलट को एक बार फिर राजस्थान कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।

यह भी माना जा रहा है कि सुलह का यह फार्मूला इतना आसान नहीं होगा। साल 2022 में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए चुनाव के लिए जब अशोक गहलोत का नाम सामने आया तो माना जा रहा था कि अब सचिन पायलट राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत के तहत कांग्रेस चाहती थी कि अशोक गहलोत मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करें। उधर, सचिन पायलट को लेकर भी उनके समर्थकों में भी उम्मीदें जाग गईं थीं कि अब वे मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन, गहलोत ने पार्टी अध्यक्ष पद के मुकाबले मुख्यमंत्री बने रहना ज्यादा सही समझा।

जहां से दोनों के बीच तनाव बढ़ा

इस मामले पर जब विधायकों की बैठक बुलाई गई तो वह भी नहीं हुई। राजनीतिक जानकारों का दावा था कि इसमें एक लाइन का प्रस्ताव पास होना था में अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद के लिए समर्थन और फिर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की बात होनी थी। बैठक न होने के बाद सचिन पायलट खासे नाराज हुए और तत्कालीन कांग्रेस हाईकमान ने राज्य सरकार के मंत्रियों को नोटिस भी जारी किए। अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई। इसे लेकर सचिन पायलट आज भी गहलोत और उनके समर्थकों पर निशाना साधते रहते हैं। पायलट का कहना है कि विधायकों की बैठक न करा कर सोनिया गांधी का अपमान किया गया। वहीं अशोक गहलोत इस पर बोलने से बचते नजर आए।

दोनों के बीच सुलह का फार्मूला

पायलट को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद देने, चुनाव में प्रत्याशियों के चयन को लेकर छूट जैसे फार्मूले पर सुलह का पुल तैयार किया जा सकता है। हाईकमान ने ऑफर दिया है कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी, तो पार्टी दो डिप्टी सीएम नियुक्त किए जायेंगे। जिसमें एक पायलट खेमे का होगा। हालांकि इस पर पार्टी का एक गुट नाराज है। दूसरे गुट का कहना है कि ऐसा होने पर पायलट, मनमानी कर सकते हैं। ऐसे में झगड़ा सुलझने के बजाय और ज्यादा बढ़ जाएगा।चुनाव के दौरान या चुनाव के बीच ऐसी किसी परिस्थिति से पार पाना पार्टी के लिए मुश्किल हो सकता है।

कांग्रेस के नेता विधानसभा चुनाव के दौरान किसी कलह की स्थिति में नहीं जाना चाहते। उनका मानना है कि ऐसा न हो कि पार्टी एक तरफ चुनाव में पूरी ताकत झोंक दे और दूसरी ओर पार्टी के ही नेता अपनी सरकार के खिलाफ विरोध जारी रखें। कांग्रेस जानकारों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व, सुलझे हुए फार्मूले के तहत गहलोत और पायलट के बीच झगड़े को खत्म करने की हर कोशिश करेगा।