Relief to 3 officers From High Court : अदालत की अवमानना के दोषी 3 IAS/IFS अफसरों को हाईकोर्ट से राहत!
Chandigarh : बड़ी करोरा और नड्डा की 1092 एकड़ जमीन को 2010 में पंजाब लैंड प्रिजार्वेशन एक्ट से डी-लिस्ट किया गया था। साथ ही शर्त लगा दी गई थी कि यहां कोई व्यवसायिक गतिविधि या कंस्ट्रक्शन नहीं किया जाएगा। 2014 में एक याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि अगर यह फॉरेस्ट लैंड नहीं है, तो यह शर्तें लागू नहीं होंगी, इसलिए नई नोटिफिकेशन जारी की जाए। लेकिन, ऐसा कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया, जिसे अदालत की अवमानना माना गया था।
पंजाब के दो आईएएस अधिकारी विकास गर्ग, विवेक प्रताप सिंह और एक आईएफएस रमाकांत मिश्रा को हाईकोर्ट ने इस मामले में बड़ी राहत दी है। अदालत के आदेशों की अवमानना का दोषी करार दिए जाने के सिंगल बेंच के आदेशों पर डबल बेंच ने रोक लगा दी। एडिशनल चीफ सेक्रेटरी कम फाइनेंस कमिश्नर विकास गर्ग, प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट मोहाली रमाकांत मिश्रा और लोकल गवर्नमेंट विभाग के प्रधान सचिव विवेक प्रताप सिंह को हाईकोर्ट ने पिछले महीने अदालत के आदेशों की अवमानना का दोषी करार दिया था।
हाईकोर्ट ने इन अधिकारियों को आदेश दिए थे कि 20 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई तक कार्रवाई न करने पर इन्हें सजा सुना दी जाएगी। यह आदेश ग्राम पंचायत बड़ी करोरा की याचिका पर दिए गए थे। इस आदेश के खिलाफ डबल बेंच में अपील की गई थी, जहां से राहत मिली।
यह है पूरा मामला
2010 में गांव बड़ी करोरा और नड्डा की 1092 एकड़ जमीन को पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट से डी-लिस्ट किया गया था। साथ ही शर्त लगा दी गई थी कि यहां कोई व्यवसायिक गतिविधि या कंस्ट्रक्शन नहीं की जाएगी। 2014 में एक याचिका पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि अगर यह फॉरेस्ट लैंड नहीं है तो यह शर्तें लागू नहीं होंगी, इसलिए नई नोटिफिकेशन की जाए। हाईकोर्ट को बताया गया था कि यह फॉरेस्ट लैंड नहीं है, बावजूद इसके यह शर्तें नहीं हटाई गई। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में लगातार याचिकाएं दाखिल होती रही, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।
12 अक्तूबर को हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए आदेशों के बावजूद कार्रवाई नहीं करने पर इन तीन अधिकारियों को दोषी करार दे दिया था। अब इन अधिकारियों सहित मोहाली की डीसी आशिका जैन और गमाडा के एडिशनल चीफ एडमिनिस्ट्रेटर अमरिंदर सिंह टिवाना ने इस आदेशों पर रोक लगाने की डबल बेंच से मांग की है। शुक्रवार को हाईकोर्ट ने इन तीनों अधिकारियों को बड़ी राहत देते हुए इन्हें अदालत की अवमानना का दोषी करार दिए जाने के आदेश पर रोक लगा दी है।