

Relief to Private Schools: MP हाईकोर्ट का आदेश, पेरेंट्स को भरनी पड़ेगी 10% तक फीस वृद्धि
जबलपुर: Relief to Private Schools: MP हाईकोर्ट ने आज पारित अपने आदेश में कहा है कि पेरेंट्स को 10% तक फीस वृद्धि भरनी पड़ेगी।
निजी स्कूलों के खिलाफ बीते 1 साल से चल रही कार्रवाई की वजह से लाखों छात्र-छात्राओं के सामने परीक्षा न देने का संकट खड़ा हो गया था. निजी स्कूल बिना फीस के परीक्षा दिलाने को तैयार नहीं थे. इस मामले में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने सभी पक्षों के तर्क सुनने के बाद आदेश दिया है कि अभिभावक फिलहाल 10% तक फीस वृद्धि करके फीस जमा करें. 10% से ज्यादा की फीस बढ़ोतरी स्वीकार नहीं की जाएगी. इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में आज स्कूल फीस के मामले में सुनवाई हुई. इस मामले में पेरेंट्स एसोसिएशन, निजी स्कूल और राज्य सरकार के बीच में मुकदमा चल रहा है. पेरेंट्स एसोसिएशन की ओर से पक्ष रखने वाले वकील सुरेंद्र वर्माने बताया कि “मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश में कहा है कि अभिभावक पिछले साल की फीस में 10% बढ़ाकर फीस जमा करें. यदि 10% से कम है तो कम भी जमा की जा सकती है. किसी भी हाल में पिछले साल की अपेक्षा 10% से ज्यादा की बढ़ोतरी स्कूल फीस में नहीं की जा सकती.”
दरअसल पिछले साल राज्य सरकार ने आदेश दिया था कि प्राइवेट स्कूल, राज्य सरकार के निजी स्कूल अधिनियम का सही ढंग से पालन नहीं कर रहे हैं और छात्रों से मनमानी फीस वसूली जा रही है. जबकि राज्य सरकार ने अपने अधिनियम में यह स्पष्ट कर दिया है कि 10% तक फीस बढ़ाने के लिए निजी स्कूलों को जिला स्तरीय समिति से अनुमति लेनी होगी. साथ ही 10% से ज्यादा फीस बढ़ाने के लिए राज्य स्तर की समिति से अनुमति लेना अनिवार्य है.
राज्य सरकार के आदेश के बाद जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जिला शिक्षा अधिकारी और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ एक टीम बनाई और जबलपुर के 9 बड़े स्कूलों की जांच करवाई. शुरुआत में जिन 9 स्कूलों की जांच हुई, उन्होंने न केवल स्कूल फीस को मनमाने तरीके से वसूला बल्कि स्कूल से होने वाली कमाई का उपयोग भी मनमाने तरीके से किया.