Restrainig Order Issued : कुंओं, बावड़ियों के बारे में कलेक्टर के प्रतिबंधात्मक आदेश जारी!
Indore : कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ इलैयाराजा टी ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत जन सामान्य के हित, जानमाल एवं लोक शांति को बनाए रखने के लिए जिले की राजस्व सीमा में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। ये आदेश असुरक्षित कुंओं और बावड़ियों को लेकर जारी किए गए। ये आदेश 31 मार्च से 28 मई तक प्रभावशील रहेगा। इस अवधि में उक्त आदेश का उल्लघंन धारा 188 भारतीय दंड विधान अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा।
कलेक्टर ने अपने प्रतिबंधात्मक आदेश में कहा कि 30 मार्च को रामनवमी पर्व के अवसर पर जूनी इन्दौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत श्री बेलेश्वर झूलेलाल मांदिर में स्थित पुरानी बावड़ी के दह जाने से वृहद संख्या में जनहानि की घटना घटित हुई। इससे स्पष्ट है कि इस प्रकार की बावड़ी और कुओं या ऐसी संरचनाओं को ढंक दिया गया हो या उन पर कमजोर छत या छज्जा लगाकर अन्य उपयोग किया जा रहा हो और वे सुरक्षा की दृष्टि से उपयुक्त नहीं है। वे निश्चित ही मानव जीवन को आसन्न खतरा उत्पन्न कर रही है। मानव जीवन को भविष्य में इस प्रकार हुई घटना या आपदा से बचाने के लिए इस पर तत्काल नियंत्रण और रोकथाम आवश्यक है।
ऐसी परिस्थिति में यह अत्यन्त आवश्यक हो गया है कि इंदौर स्थित सभी कुंआ, बावड़ियों या इस प्रकार की संरचनाओं पर हुए अवैध निर्माण या अतिक्रमण, छत या कमजोर छज्जा बनाकर या अन्य किसी प्रकार से असुरक्षित स्थिति में लाया गया, हो तो तत्काल जांच कर सुरक्षित कराए जाने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है। ताकि, लोक सम्पत्ति एवं मानव जीवन की सुरक्षा के खतरे को कम किया जा सके। इस प्रकार की असामाजिक एवं अवांछनीय गतिविधियों को संचालित किए जाने के कारण जनसामान्य के जान-माल को आसन्न खतरा उत्पन्न हो गया है। भविष्य में इन कारणों से लोक शांति भंग होने की प्रबल आशंका भी व्याप्त हो रही है। अतः इन पर तत्काल अंकुश लगाए जाने की आवश्यकता प्रतीत हो रही है।
बावड़ियों, कुओं का सर्वे कराया जाए
इंदौर नगर निगम सीमा अन्तर्गत आयुक्त, नगर पालिक निगम इंदौर द्वारा अपने अधिकारियों के माध्यम से नगर निगम सीमा क्षेत्र में स्थित सभी बावड़ियों, कुओं का सर्वे कराया जाए एवं सूची संधारित कराई जाए। उक्त सूची में स्थल का नाम, भूमि स्वामी का नाम, सर्वे नंबर भी अंकित किया जाए। साथ ही फोटोग्राफ भी संधारित किया जाए। ऐसी किसी गहरी संरचना पर अतिक्रमण किया हो, कमजोर छत बनाकर या छज्जा आदि अन्य किसी प्रकार से ढंक दिया हो, या कोई दीवार आदि निर्मित कर घातक स्थिति उत्पन्न की हो, तो पृथक से खतरनाक संरचना की सूची में रखा जाए। खतरनाक संरचना की सूची के प्रत्येक मामलों में तत्काल नियम, अधिनियमों के तहत अतिक्रमण हटाए जाने एवं सुरक्षा के सभी उपाय संबंधित व्यक्ति या संस्था के माध्यम से सुनिश्चत कराने की कार्यवाही कराई जाए।
नगर परिषद क्षेत्रों के लिए भी आदेश
ऐसे ही आदेश नगर परिषद क्षेत्रों में सभी स्थानीय नगरीय निकायों के सीएमओ और ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत एवं संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव के लिए जारी किए गए हैं। इस कार्य में संबंधित कार्यपालिक दंडाधिकारी (तहसीलदार, नायब तहसीलदार) आवश्यक सहयोग करते हुए सुरक्षा के समस्त उपायों को सुनिश्वित कराएंगे।
आदेश में कहा गया है कि एक माह में यह कार्यवाही संपादित करते हुए की गई कार्यवाही की समस्त जानकारी की विस्तृत रिपोर्ट अधोहस्ताक्षरी को प्रस्तुत की जाए। यदि कही इस प्रकार के खतरनाक कुओं या बावड़ी की जानकारी किसी के संज्ञान में आती है, तो वह कलेक्टर कार्यालय में आपदा नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 07312365534 पर इसकी सूचना दे सकता है।
धारा 144 (2) के अंतर्गत एक पक्षीय आदेश
यह आदेश जन साधारण की सुविधा के लिए तत्काल प्रभावशील किया जाना आवश्यक हो गया है। इसलिए इतना समय उपलब्ध नहीं है, कि जन सामान्य एवं सभी पक्षों को उक्त सूचना की तामिली की जा सकें। अतः यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (2) के अंतर्गत एक पक्षीय पारित किया जाता है। आदेश से व्यक्ति व्यक्ति दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (5) के अंतर्गत अधोहस्ताक्षरकर्ता के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। अत्यंत विशेष परिस्थितियों में अधोहस्ताक्षरकर्ता संतुष्ट होने पर आवेदक को किसी भी लागू शर्तों से छूट दे सकेगा। यदि कोई व्यक्ति उपर्युक्त आदेश का उल्लघंन करेगा तो उसके विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता के प्रावधानों के तहत अभियोजन की कार्यवाही की जाएगी।