Rose Gardening: फूलों के राजा गुलाब को ऐसे बनाएं बेमिसाल खूबसूरत!
डॉं सबरीना जाफरी
‘गुलाब’ नाम सुनते ही प्रकृति का नायाब नमूने का रेखाचित्र स्मरण हो आता है । प्रेम के प्रतीक गुलाब को ऐसे ही नहीं फूलों का राजा कहा जाता है इसमें सौंदर्य के कई औषधिय गुणों की भरमार होती है । बेमिसाल खुबसूरती व नज़ाकत का बेजोड़ नमूना, मखमली पंखुड़ियां मीठी मदमस्त खुशबू बेमिसाल रंग और इस अद्वितीय सौंदर्य की रक्षा के लिए कांटों का आवरण; प्रकृति की कला की अद्भुत मिसाल गुलाब की देखभाल थोड़ी शाही है। स्वच्छता पसंद गुलाब अपने आसपास दूसरे पौधे पसंद नहीं करता खासतौर ऐसे पौधे जिनमें कीटक जल्दी लगते है । इसके अलावा खुली हवा, अच्छी धूप व पीने योग्य पानी गुलाब के लिए आवश्यक है ।
मध्यप्रदेश में मानसून में इंद्रदेव की कृपा से गुलाब भरपूर फूल देता है इस माह में फूल लेने के बाद से गुलाब की शिफ्टिंग छोटे से बड़े गमले में करना या जड़ों की कटाई छटाई की जाती है । इसके बाद एक बार भरपेट खाना देकर गुलाब को प्रुनिंग के लिए तैयार करने हेतु सुप्तावस्था में ले जाया जाता है । स्मरण रहे इन दोनों अवस्थाओं में ४०/५० दिनों का अंतर बेहतर है, यदि किसी कारणवश चूक गए है तो कम से कम ३०/४० दिनों का अंतर अवश्य रखें अन्यथा फूल उत्तम नहीं मिलेंगे । यदि आप गमला नहीं बदलना चाहते तो ऊपर की ४ इंच मिट्टी हटा कर उसमें बोन मील,नीम खली, एक एक मुट्ठी,एक चम्मच पान में खाने वाला गीला चूना गोबर खाद (कम से कम एक साल पुरानी) सबके मान से ६०% मिला कर नई मिट्टी से ढक लीजिए ये प्रक्रिया प्रूनिंग के २० से १० दिन पूर्व भी की जा सकती है ।
अक्टूबर अंत में जब दिन का तापमान ३२ डिग्री तक आ जाए और दिन व रात के तापमान में १०/१२ डिग्री का अंतर रहे तब प्रूनिंग करना उत्तम रहता है । प्रूनिंग करते समय ध्यान ये रखना चाहिए कि तापमान न बहुत बढ़े न एकदम से बहुत कम हो । सही तापमान में प्रूनिंग के लिए लिया गया निर्णय सबसे बेहतर परिणाम देता है।
प्रूनिंग करने से एक हफ्ते/ दस दिन पहले गुलाब को सुप्तावस्था से जगाने प्रकिया आरंभ हो जाती है । सबसे पहले १२:६१ NPK देना उत्तम रहता है । उसके बाद प्रूनिंग के चार दिन पूर्व सरसों खली का पानी दे देना गुलाब को ऊर्जा देता है फिर एक दिन पहले शाम को कोई भी कीटनाशक एप्सम साल्ट के साथ मिला कर छिड़काव करें। अगली सुबह गुलाब को नवजीवन देने हेतु प्रूनिंग की जाएगी साफ कटर से एक समान टहनियां काट लीजिए गुलाब को गुलदस्ते-सा आकार देते हुए सूखी टहनियां, सभी पत्तियां निकाल लीजिए। फिर कोई भी फंगीसाइड का छिड़काव कर लीजिए। इसके बाद गुलाब में नमी बनाए रखें, जिससे नए फुटाव में सहायता मिलेगी। अब नया फुटाव आने के बाद भरपेट खाना सप्ताह में दो बार दीजिए (मात्रा पौधे को आयु व आकार पर निर्भर करती है ) साथ ही कीटकों से बचाव के लिए कीटनाशक का छिड़काव कीजिए(एक लीटर पानी में एक मिलीलीटर )जिससे आपका गुलाब स्वस्थ रहेगा व पूरी सर्दी फूलों से भरा रहेगा ।
डॉं सबरीना जाफरी
इंदौर
(गुलाब बागवानी विशेषज्ञ)
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