शिवमय सरकार और विष्णुमय संगठन का साथ लाया रंग…नाथ-कांग्रेस की बदलाव की रणनीति हुई भंग…

- मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री को भेंट करेंगे उपचुनावों की जीत - पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बोले कि मुक़ाबला धनबल , प्रशासन के दुरुपयोग , सरकारी मशीनरी ,गुंडागर्दी से था - प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने दिग्विजय सिंह पर साधा निशाना...बोले रेत-खनिज से जुड़े लोगों की होनी ही थी हार

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वरिष्ठ पत्रकार  कौशल किशोर चतुर्वेदी की विशेष रिपोर्ट

मध्यप्रदेश में आए चार उपचुनाव परिणामों ने आखिरकार साबित कर दिया कि सरकार की उपलब्धियों से जनता खुश है और भाजपा संगठन सरकार के कामों को जनता तक बखूबी पहुंचा रहा है।भाजपा ने खंडवा संसदीय उपचुनाव, पृथ्वीपुर और जोबट विधानसभा उपचुनाव जीता है, तो कांग्रेस को रैगांव विधानसभा उपचुनाव में विजय मिली है।
भाजपा अपने प्रदर्शन से खुश है, तो कांग्रेस इन चुनाव परिणामों में मिली पराजय को बेमन से स्वीकार कर मतदाताओं का आभार जता रही है तो भाजपा की जीत को जीत मानने के लिए तैयार नहीं है। पर इन चुनावों ने केंद्र और राज्य सरकार की गरीब कल्याणकारी योजनाओं पर अपनी मुहर लगाई है, तो यह साबित कर दिया है कि शुभंकर बनकर आए विष्णु अब संगठन को सोने की तरह चमकाने के अपने लक्ष्य की दिशा में कदम दर कदम सफलता हासिल करते जा रहे हैं।
फिलहाल तो जिन चुनाव परिणामों के लिए यहां तक कहां जा रहा था कि कांग्रेस 3-1 का विराट स्कोर हासिल कर सरकार को आइना दिखाने का काम कर सकती है, वहां इसके उलट भाजपा ने 3-1 से पताका फहराकर यह साबित कर दिया है कि निक्कर पहनने वालों का मुकाबला करना बहुत आसान नहीं है। इससे यह साफ हो गया है कि मध्यप्रदेश में शिवमय सरकार और विष्णुमय संगठन के बीच समन्वय कुछ भी करिश्मा करने में सक्षम है।
इन चार उपचुनावों में शिवमय सरकार और विष्णुमय संगठन के बीच बेहतर समन्वय रंग लाया है तो कांग्रेस की बदलाव की रणनीति भंग हो चुकी है। दमोह उपचुनाव में जीत के बाद के कांग्रेस के दावों पर भाजपा ने अब विराम लगाने में सफलता पाकर यह साबित कर दिया है कि यदि इन उपचुनावों को सेमीफाइनल माना जा रहा था, तो फाइनल में भी शिव-विष्णु समन्वय सफलता का इतिहास रचेगा और प्रशांत किशोर की चेतावनी कि कांग्रेस भ्रम में न रहे, भाजपा अब बरसों तक राज करेगी…मध्यप्रदेश में भी खरी साबित होगी।

खैर इन उपचुनावों में जहां कांग्रेस का संगठन कमलनाथ-दिग्विजय तक सिमटा नजर आया, तो भाजपा संगठन ने कई प्रयोग कर फाइनल मैच की पुख्ता तैयारी कर ली है। इस चुनाव में भाजपा संगठन का परिवारवाद से मुंह मोड़कर नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारना यद्यपि मिश्रित परिणामों वाला रहा, लेकिन इसने यह साबित कर दिया है कि संगठन अब  परिवारवाद की लकीर को तबज्जो न देकर बेहतर चेहरों पर दांव लगाने की रणनीति पर खुलकर खेलेगा।

तो संगठन ने “एक मतदान, बीस नौजवान” का जो प्रयोग इन चार उपचुनावों में किया है, निश्चित तौर पर यह प्रयोग पूरी तैयारी के साथ सत्ता के फाइनल में भाजपा युवा मोर्चा की संगठन में महत्वपूर्ण भागीदारी का इतिहास बना सकता है। इसी तरह भाजपा संगठन का हर बूथ पर जीत का मंत्र भी नई इबारत लिखने का गवाह बन सकता है।
संगठन ने दमोह उपचुनाव से सीख लेकर पृथ्वीपुर में पार्टी के खिलाफ काम करने वाले एक वरिष्ठ स्थानीय नेता को ऐन वक्त निष्कासित कर यह साबित कर दिया कि स्वस्थ रहने के लिए सर्जरी से पार्टी परहेज नहीं करेगी और पृथ्वीपुर उपचुनाव के परिणाम ने संगठन के फैसले पर अपनी मुहर भी लगा दी है। रैगांव में भी पार्टी शायद कुछ कठोर कदम ऐन वक्त पर उठाती, तो परिणाम बदल सकता था।

यह उपचुनाव इसलिए भी याद किए जाएंगे कि इसमें सरकार की जगह संगठन के मुखिया को खास तौर पर टारगेट करने की कांग्रेस की रणनीति ने साबित किया है कि उपचुनावों में शुभंकर का असर कम करना कांग्रेस की जरूरत बन गई है। खंडवा लोकसभा उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा पर तंज कसा था कि उनका अध्यक्ष कौन है, वीडी शर्मा… जब उन्होंने निक्कर पहनना भी नहीं सीखा था, तब मैं सांसद था। वे हमसे हिसाब पूछ रहे हैं, अब खुद की सरकार का दें।

कमलनाथ का यह कड़क रूप चौंकाने वाला था। अब खुद विष्णु जवाब दे रहे हैं कि निक्कर हमारी विचारधारा है, जो कांग्रेस की नेहरू विचारधारा से देश-प्रदेश को मुक्त कराने की मुहिम में सफलता पा रही है और आगे भी ठोस तैयारी के साथ सफलता का वरण करेगी। तो विष्णु दत्त शर्मा पर उपचुनावों के दौरान दूसरा सबसे बड़ा हमला पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने लोकायुक्त में पन्ना जिले में अवैध रेत खनन को लेकर शिकायत दर्ज कराकर किया था।
अब विष्णु दत्त शर्मा का कहना है कि कांग्रेस के तत्कालीन मंत्री उमंग सिंघार ने आरोप लगाया था कि दिग्विजय सिंह भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हैं और रेत माफिया-शराब माफिया के पोषक हैं। उपचुनावों में जनता ने बता दिया है कि इस छवि के दिग्विजय सिंह इस तरह के झूठे आरोप उन पर लगाएंगे तो जनता क्या करेगी, यही करेगी जो चुनाव परिणाम बता रहे हैं।

खैर आरोप-प्रत्यारोप की इस आबोहवा से दूर चलें तो जीत से खुश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री जी पधारेंगे तो खंडवा जोबट ,पृथ्वीपुर जीत उनको भेंट की जाएगी यानि कि जनता का प्यार और आशीर्वाद उनको भेंट किया जाएगा।

इस उपचुनाव में दो सीटें पृथ्वीपुर और जोबट जीतकर भारतीय जनता पार्टी ने नया इतिहास रचा है। पृथ्वीपुर में लोग कहते थे बीजेपी यहां जीत ही नहीं सकती, बेकार मेहनत कर रहे हैं।हम जन कल्याणकारी योजना लेकर लोगों के बीच पहुंचे जनदर्शन किया। बसपा की अनुपस्थिति में बीजेपी का इतने वोटों से जीतना अपने आप में एक चमत्कार से कम नहीं है।
तो जोबट जीत के साथ जनजाति, भाई बहनों का विश्वास भारतीय जनता पार्टी के प्रति प्रकट हुआ है। जनता की बेहतर सेवा के लिए हम आए हैं, इसलिए मुख्यमंत्री आवासीय भू अधिकार योजना जैसी योजना आकार ले रही है। हम पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ जनता की सेवा करते रहेंगे।
तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि हम जनादेश का सम्मान करते है,उसे स्वीकार करते हैं। इन परिणामों की हम समीक्षा करेंगे, मंथन-चिंतन करेंगे। इन चुनावों में हमारा मुक़ाबला भाजपा के साथ- साथ उसके धनबल , प्रशासन के दुरुपयोग , सरकारी मशीनरी ,गुंडागर्दी से भी था।
इसके बावजूद हमारी एक सीट पर विजय हुई है , पूर्व में इन चारों सीटों में से दो सीट हमारे पास थीं। मैं चारों उपचुनाव वाले क्षेत्र के मतदाताओं का आभार मानता हूँ। मैं रैगाँव की कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती कल्पना वर्मा को बधाई देता हूं। इन परिणामों की समीक्षा कर अब हम 2023 की चुनावी तैयारियों में जुटेंगे। जनता के हक़ की लड़ाई हमेशा लड़ते रहेंगे , जनता के साथ खड़े रहकर जनविरोधी नीतियों का विरोध करते रहेंगे ,विपक्ष के रूप में अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहेंगे।
तो प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा है कि यह जीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की गरीबों के लिए लागू की गईं कल्याणकारी योजनाओं का परिणाम है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में मध्यप्रदेश के संगठन को मजबूत करने की दिशा में मैं लगातार काम करता रहूंगा और भाजपा विधानसभा चुनाव 2023 में शानदार विजय हासिल कर इतिहास बनाएगी। रैगांव की हार पर उन्होंने कहा कि पार्टी हर जीत और हर हार की समीक्षा करती है। ऐसे में रैगांव को लेकर भी समीक्षा होगी और कमियों को दूर कर फाइनल मैच में पार्टी फिर विजय की ओर अग्रसर होगी।
वैसे हम बात करें तो इन उपचुनावों ने एक और उपचुनाव की भूमिका तैयार कर दी है, तो फाइनल के पहले एक और बोनस मैच में हम एक बार फिर भाजपा-कांग्रेस के आरोप-प्रत्यारोपों के बीच जीत-हार की संभावनाएं भी जताएंगे और परिणाम के गवाह भी बनेंगे।
लोकतंत्र की यह प्रक्रिया आरोप-प्रत्यारोप के बीच देश के दिल मध्यप्रदेश में यूं ही शांतिपूर्ण चलती रहे और प्रदेश की जनता के हित में कदम उठाए जाते रहें। सरकार भी मजबूत रहे और विपक्ष भी अपने दायित्वों का पूरी ताकत के साथ निर्वहन करता रहे। और लोकतंत्र की जीत-हार से परे हर घर में दीपावली की तरह खुशियों की रोशनी साल भर और हर दिन उजाला करती रहे।