Sub Variant H3N2: भारत में वर्तमान में इन्फ्लूएंजा ए वायरस फ़ैल रहा है

वायरल फीवर से घर-घर बीमार पड़े रहे लोग

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Sub Variant H3N2: भारत में वर्तमान में इन्फ्लूएंजा ए वायरस फ़ैल रहा है

भारत में वर्तमान में इन्फ्लूएंजा ए वायरस का एक प्रमुख सब वेरिएंट एच3एन2 का तेजी से फैल रहा है. इनमें से कई एच3एन2 के मामले गंभीर हैं. देश भर में इस वायरस से संक्रमित होकर कई लोगों की मौत तक हो चुकी है.

वायरस आमतौर पर 1 से 3 मीटर के दायरे में खांसी की बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है. मौजूदा समय में बना मौसम भी वायरस के फैलने के लिए अनुकूल है. इसी वजह से मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है.

ये दिखते हैं लक्षण
कोरोनावायरस के समान एक नया सब वेरिएंट एच3एन2 वायरस है. इसके लक्षणों की बात करें तो बुखार, सिरदर्द, नाक बहना, गले में खराश, सुस्ती, नाक बंद होना, खांसी, और जैसे सामान्य फ्लू जैसे लक्षण दिख सकते हैं. बीमारी के शुरुआती लक्षणों में चार से आठ दिनों तक चलने वाला तेज बुखार है. इसके बाद दो सप्ताह तक सर्दी और खांसी रहती है. वायरस से संक्रमित होने पर बेचेनी, सिरदर्द, मतली, अस्वस्थता और लूज मोशन शामिल हैं. कुछ गंभीर मामलों में निमोनिया जैसे लक्षण और फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है.

एक सप्ताह तक दिख सकते हैं लक्षण
ज्यादातर मामलों में एच3एन2 इन्फ्लुएंजा संक्रमण पांच से सात दिनों तक रहता है. डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों की थकान एक सप्ताह तक बनी रह सकती है और इसके साथ मांसपेशियों में गंभीर परेशानी भी हो सकती है. भले ही अधिकांश लोग एक सप्ताह के भीतर बेहतर महसूस करते हैं लेकिन उन्हें तरह से ठीक होने में कुछ हफ़्ते लग सकते हैं.

इन तरीकों से करें बचाव

आराम करें

हमारे शरीर को टिश्यू डेमेज होने पर उन्हें रिग्रोथ के लिए आराम की जरूरत पड़ती है. ब्रेन को भी आराम करना बहुत फायदेमंद होता है. बीमार होने पर बॉडी में एनर्जी लेवल बहुत कम रहता है. ऐसे में आराम करना लाभकारी होता है.

पानी अधिक पिएं

शरीर में दर्द और मसल्स पेन करने के लिए लगभग 6 से 7 लीटर प्रति दिन पानी का सेवन करना महत्वपूर्ण है. हाइड्रेशन मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है. ये अकड़न को रोकता है.

गर्म पानी से नहाएं

मानसिक और शारीरिक तनाव को कम करने के सरल और सबसे प्रभावी तरीकों में से एक गर्म पानी से शांतिपूर्ण तरीके से नहाना है. यह शरीर में ब्लड सप्लाई बढ़ाकर अधिक आराम दे सकता है.

स्टीम इनहेलेशन और गरारे करें

स्टीम इनहेलेशन छाती में दर्द की समस्या को कम कर सकता है. जबकि नमक के पानी से गरारे करने से गले की सूजन कम हो सकती है.

खुद से दवा न लें

डॉक्टर को भी खुद से दवा न लें. यदि लक्षण दिख रहे हैं तो डॉक्टर से इलाज जरूर कराना चाहिए. खुद ही डॉक्टर बनने की कोशिश बिल्कुल न करें.

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