शिकायतों का दौर जारी:इधर शिव-विष्णु और उधर नाथ को घेरने की तैयारी

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कौशल किशोर चतुर्वेदी की विशेष रिपोर्ट

Bhopal MP: मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनावों में जिस तरह दिन बीत रहे हैं, भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत कर मोर्चा खोल रहे हैं। फिलहाल भाजपा ने कमलनाथ के खिलाफ शिकायत कर कड़ी कार्यवाही की मांग की है, तो कांग्रेस ने हाल ही में शिकायत कर शिव-विष्णु को कटघरे में खड़ा किया था।

भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि कमलनाथ संवैधानिक संस्था पर आरोप लगा रहे हैं। चुनाव आयोग कमलनाथ के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की कार्रवाई करे। तो उधर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वी.डी. शर्मा के खिलाफ चुनाव आयोग के निर्देशों की अवहेलना की शिकायत की है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से आचार संहिता के उल्लंघन का प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है।

शिकायतों से यह साफ हो गया है कि प्रदेश में हो रहे उपचुनावों में शिव-विष्णु और नाथ की भूमिका पर विपक्षी दल की खास नजर है। जिन्हें घेरने पर खास जोर दिया जा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को चुनाव प्रबंध समिति के प्रदेश संयोजक एवं कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में चुनाव आयोग पहुंचा और कांग्रेस नेता कमलनाथ के खिलाफ शिकायत करते हुए उनके सभाएं लेने पर रोक लगाने तथा उनके खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की कार्रवाई किए जाने की मांग की।

शिकायत में कहा गया है कि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पृथ्वीपुर विधानसभा में एक सभा के दौरान लोकायुक्त जैसी संवैधानिक संस्था के लिए ‘फर्जी’ शब्द का प्रयोग किया और अधिकारी-कर्मचारियों को देख लेने की धमकी दी है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पिछले दिनों पृथ्वीपुर विधानसक्षा क्षेत्र में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ‘कांग्रेस की सरकार आएगी तो हम एक असली लोकायुक्त बनाएंगे। यह नकली लोकायुक्त नहीं, जिसकी लगाम सरकार के हाथों में है।

‘ लोकायुक्त जैसी संवैधानिक एवं स्वतंत्र संस्था पर जिस तरह की आपत्तिजनक एवं तुच्छ टिप्पणी को भाजपा ने बेहद निंदनीय, आपत्तिजनक एवं आचार संहिता का उल्लंघन माना है और चुनाव आयोग से कमलनाथ के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। जोबट में जिस तरह से कांग्रेस प्रत्याशी महेश पटेल और उनके समर्थक भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले कर रहे हैं, उन्हें काम करने से रोक रहे हैं, उस मामले में भी कार्रवाई की मांग चुनाव आयोग से की गई है।

उधर मप्र कांग्रेस कमेटी के महामंत्री और चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जे.पी. धनोपिया ने शनिवार को चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा रैगांव विधानसभा क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में चुनाव प्रचार करते हुए मतदाताओं के घरों पर बिना उनकी लिखित अनुमति के पार्टी के झंडे लगाए गए।

कोविड के नियमों का उल्लंघन करते हुए जहां कि पांच व्यक्ति ही चुनाव प्रचार कर सकते हैं वहां उन्होंने सैकडों लोगों की भीड़ के साथ रोड शो करते हुए रैली निकालकर चुनाव प्रचार किया, घोषणाएं की, मतदाताओं को पक्का घर बनाकर देने का प्रलोभन दिया एवं कोविड नियमों के अनुरूप धारा 188 का उल्लंघन किया जिसमें मास्क नहीं, सामाजिक दूरी का ध्यान नहीं रखा गया और नियमों को ताक पर रखकर चुनाव प्रचार किया गया।

तो पृथ्वीपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी.शर्मा ने मोहनगढ़ में विजय संकल्प ध्वज अभियान शुरू किया, जिसके अन्तर्गत उन्होंने हजारों की संख्या में मतदाताओं के घरों पर पार्टी ध्वज उनकी बिना लिखित अनुमति के लगवाये हैं, सैकड़ों की भीड़ के साथ चुनाव प्रचार किया जबकि नियम अनुसार पांच व्यक्ति ही चुनाव प्रचार कर सकते हैं एवं उन्होंने रोड शो किया, रैली निकाली जो कि माननीय भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का खुला उल्लंघन कर आचार संहिता का उल्लंघन किया है।

कांग्रेस ने इनके खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। साथ ही पृथ्वीपुर विधानसभा एवं रैगांव विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान कराने की व्यवस्था करने की मांग की है।

कुल मिलाकर माना जाए तो कांग्रेस को जहां शिव-विष्णु का चेहरा नहीं भा रहा है तो भाजपा को नाथ का चेहरा रास नहीं आ रहा है। कार्यवाही होने की बात अलग है, पर फिलहाल मतदाताओं के सामने अपनी बात रखने में जहां शिव-विष्णु कांग्रेस नेताओं को बोलने का विषय बन रहे हैं, तो नाथ भाजपा नेताओं को बोलने की संजीवनी साबित हो रहे हैं। इन चेहरों को घेरने की तैयारी में विपक्षी दल पूरा जोर लगा रहे हैं।